लखनऊ में मदरसों को सियासत से दूर रखने की अपील:मुफ्ती इरफान बोले- मदरसों का संचालन संविधान के अनुसार हो रहा है, अनावश्यक बयानबाजी न कि जाए

लखनऊ में शनिवार को ऑल इंडिया मोहम्मदी मिशन के अध्यक्ष मुफ्ती इरफान फरंगी महली ने अल्पसंख्यकों के विभिन्न मुद्दों को लेकर वार्ता किया। मुफ्ती इरफान ने कहा कि मदरसा हो या वक्फ बोर्ड का मामला अल्पसंख्यकों से जुड़े गंभीर मुद्दों को सियासी रंग दे दिया जाता है। जिसके कारण अल्पसंख्यक समुदाय का बड़ा नुकसान हो रहा है मुफ्ती इरफान फरंगी महली ने कहा कि मदरसा और वक्फ बोर्ड के प्रति गंभीरता दिखानी चाहिए। मदरसों को लेकर कई बार अनावश्यक कदम उठाए गए और अधिकारियों की तरफ से ऐसी बयान बाजी हुई जिससे लाखों छात्रों में बेचैनी देखी गई। सुप्रीम कोर्ट के द्वारा मदरसों को लेकर जो फैसला आया उसने सबको खामोश कर दिया। उन्होंने कहा कि हम सरकार में बैठे हुए जिम्मेदार लोगों से ये अपील करना चाहते हैं कि मदरसों के संबंध में अनावश्यक टिप्पणी न की जाए। मदरसों को स्थापित करने में हमारे बुजुर्गों ने बहुत संघर्ष किया है। उत्तर प्रदेश के विभिन्न मदरसों में पढ़ने वाले बच्चे भारत समेत विदेशों में सेवाएं दे रहे हैं। मुफ्ती इरफान ने सरकार से मांग किया है कि मदरसे के विकास की ओर ध्यान देना चाहिए। 'एक हाथ में कुरान और एक हाथ में कंप्यूटर' की बात को सरकार जमीन पर लागू करे। मदरसे के बच्चे बेहद हुनरमंद होते हैं । उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में अल्पसंख्यक समुदाय में वक्फ बिल को लेकर भी बेचैनी है। हम समाज के सभी लोगों से कहना चाहता हैं कि संविधान पर भरोसा रखें जिस प्रकार मदरसों से संबंधित फैसला अल्पसंख्यक समाज के हित में आया है । वक्फ बिल में भी जो कुछ होगा संविधान के तहत हमारे हित में होगा।

Nov 16, 2024 - 17:35
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लखनऊ में मदरसों को सियासत से दूर रखने की अपील:मुफ्ती इरफान बोले- मदरसों का संचालन संविधान के अनुसार हो रहा है, अनावश्यक बयानबाजी न कि जाए
लखनऊ में शनिवार को ऑल इंडिया मोहम्मदी मिशन के अध्यक्ष मुफ्ती इरफान फरंगी महली ने अल्पसंख्यकों के विभिन्न मुद्दों को लेकर वार्ता किया। मुफ्ती इरफान ने कहा कि मदरसा हो या वक्फ बोर्ड का मामला अल्पसंख्यकों से जुड़े गंभीर मुद्दों को सियासी रंग दे दिया जाता है। जिसके कारण अल्पसंख्यक समुदाय का बड़ा नुकसान हो रहा है मुफ्ती इरफान फरंगी महली ने कहा कि मदरसा और वक्फ बोर्ड के प्रति गंभीरता दिखानी चाहिए। मदरसों को लेकर कई बार अनावश्यक कदम उठाए गए और अधिकारियों की तरफ से ऐसी बयान बाजी हुई जिससे लाखों छात्रों में बेचैनी देखी गई। सुप्रीम कोर्ट के द्वारा मदरसों को लेकर जो फैसला आया उसने सबको खामोश कर दिया। उन्होंने कहा कि हम सरकार में बैठे हुए जिम्मेदार लोगों से ये अपील करना चाहते हैं कि मदरसों के संबंध में अनावश्यक टिप्पणी न की जाए। मदरसों को स्थापित करने में हमारे बुजुर्गों ने बहुत संघर्ष किया है। उत्तर प्रदेश के विभिन्न मदरसों में पढ़ने वाले बच्चे भारत समेत विदेशों में सेवाएं दे रहे हैं। मुफ्ती इरफान ने सरकार से मांग किया है कि मदरसे के विकास की ओर ध्यान देना चाहिए। 'एक हाथ में कुरान और एक हाथ में कंप्यूटर' की बात को सरकार जमीन पर लागू करे। मदरसे के बच्चे बेहद हुनरमंद होते हैं । उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में अल्पसंख्यक समुदाय में वक्फ बिल को लेकर भी बेचैनी है। हम समाज के सभी लोगों से कहना चाहता हैं कि संविधान पर भरोसा रखें जिस प्रकार मदरसों से संबंधित फैसला अल्पसंख्यक समाज के हित में आया है । वक्फ बिल में भी जो कुछ होगा संविधान के तहत हमारे हित में होगा।

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