लखनऊ में सिफ्सा के तीनों आरोपी अधिकारियों को नोटिस:पूर्व स्टेनों के परिजनों के आरोपों पर तीन दिन में मांगा गया जवाब

लखनऊ में सिफ्सा के स्टेनो राजेंद्र कुमार जोशी की आत्महत्या के मामले में सोमवार को उनके भाई बृज मोहन जोशी की शिकायत के बाद पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। मंगलवार दोपहर विवेचक सब-इंस्पेक्टर कुलदीप सिंह बालियान एपीसेन रोड स्थित सिफ्सा के कार्यालय में जाकर आरोपियों के विषय में जानकारी ली। साथ ही उन्हें नोटिस देकर परिजनों के लगाए आरोपों पर अपना पक्ष रखने को कहा। जिसके लिए तीन दिन का वक्त दिया है। परिजनों ने सिफ्सा के उप-महाप्रबंधक, वित्त नियंत्रक और सहकर्मी पर आत्महत्या के लिए मजबूर करने का आरोप लगाया है। सिफ्सा ऑफिस में पुलिस ने की पड़ताल, आरोपियों से पूछताछ सब-इंस्पेक्टर कुलदीप सिंह ने परिजनों की तहरीर के आधार पर आरोपी उप-महाप्रबंधक डॉ. रिंकू श्रीवास्तव, वित्त नियंत्रक बृज बिहारी कुशवाहा और सह कर्मी कौशल सिंह विष्ट से घटना को लेकर सवाल-जवाब किए। साथ ही परिजनों के लगाए आरोप के विषय में जानकारी देकर उनका जवाब मांगा। इसके लिए नोटिस देते हुए जवाब के लिए तीन दिन का वक्त दिया। ऑफिस से गायब फाइल के विषय में की गई पूछताछ पुलिस सूत्रों के मुताबिक पुलिस को पूछताछ के दौरान अधिकारियों ने बताया कि पूर्व स्टेनो के रिटायरमेंट लेने के बाद जानकारी हुई कि 20 फाइल अपने स्थान पर नहीं है। जो कौशल बिष्ट और राजेंद्र जोशी की निगरानी में थी। खोजबीन पर भी नहीं मिलने पर नियमानुसार दोनों को नोटिस देकर इसके विषय में जानकारी मांगी गई। जिसको लेकर ही परिजन पूरे मामले को दूसरी तरफ ले जाने की कोशिश कर रहे हैं। इंस्पेक्टर मनोज कुमार कोरी ने बताया कि जांच कर रहे सब-इंस्पेक्टर ने सिफ्सा आफिस गई थी। जहां आरोपी अफसरों को नोटिस देकर जवाब मांगा गया है। साक्ष्यों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। नोटिस के बाद ही पूर्व स्टेनो ने ट्रेन के आगे कूद दी थी जान त्रिवेणी नगर-3 में रहने वाले राजेंद्र कुमार जोशी स्टेनो के पद पर तैनात थे। उन्होंने स्वैच्छिक रिटायरमेंट लिया था। भाई बृज मोहन का आरोप है कि उनकी ऑफिस में पीएफ और ग्रेच्युटी के 80 लाख रुपए फंस गए थे। जिसके पीछे वहां के उप-महाप्रबंधक डा. रिंकू श्रीवास्तव, वित्त नियंत्रक बृज बिहारी कुशवाहा और कौशल सिंह विष्ट थे, क्योंकि उन्होंने गायब हुई एक फाइल के मामले में उनका साथ नहीं दिया था। जिसके चलते वह डिप्रेशन में चले गए। इलाज के लिए उनके पास रुपए नहीं थे। इसबीच शनिवार को भाई को उप महाप्रबंधक का नोटिस मिला। इसके बाद भाई घर से करीब 12 बजे निकले और छठा मिल के पास रेलवे ट्रैक पर ट्रेन के आगे कूदकर आत्महत्या कर ली।

Nov 13, 2024 - 00:30
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लखनऊ में सिफ्सा के तीनों आरोपी अधिकारियों को नोटिस:पूर्व स्टेनों के परिजनों के आरोपों पर तीन दिन में मांगा गया जवाब
लखनऊ में सिफ्सा के स्टेनो राजेंद्र कुमार जोशी की आत्महत्या के मामले में सोमवार को उनके भाई बृज मोहन जोशी की शिकायत के बाद पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। मंगलवार दोपहर विवेचक सब-इंस्पेक्टर कुलदीप सिंह बालियान एपीसेन रोड स्थित सिफ्सा के कार्यालय में जाकर आरोपियों के विषय में जानकारी ली। साथ ही उन्हें नोटिस देकर परिजनों के लगाए आरोपों पर अपना पक्ष रखने को कहा। जिसके लिए तीन दिन का वक्त दिया है। परिजनों ने सिफ्सा के उप-महाप्रबंधक, वित्त नियंत्रक और सहकर्मी पर आत्महत्या के लिए मजबूर करने का आरोप लगाया है। सिफ्सा ऑफिस में पुलिस ने की पड़ताल, आरोपियों से पूछताछ सब-इंस्पेक्टर कुलदीप सिंह ने परिजनों की तहरीर के आधार पर आरोपी उप-महाप्रबंधक डॉ. रिंकू श्रीवास्तव, वित्त नियंत्रक बृज बिहारी कुशवाहा और सह कर्मी कौशल सिंह विष्ट से घटना को लेकर सवाल-जवाब किए। साथ ही परिजनों के लगाए आरोप के विषय में जानकारी देकर उनका जवाब मांगा। इसके लिए नोटिस देते हुए जवाब के लिए तीन दिन का वक्त दिया। ऑफिस से गायब फाइल के विषय में की गई पूछताछ पुलिस सूत्रों के मुताबिक पुलिस को पूछताछ के दौरान अधिकारियों ने बताया कि पूर्व स्टेनो के रिटायरमेंट लेने के बाद जानकारी हुई कि 20 फाइल अपने स्थान पर नहीं है। जो कौशल बिष्ट और राजेंद्र जोशी की निगरानी में थी। खोजबीन पर भी नहीं मिलने पर नियमानुसार दोनों को नोटिस देकर इसके विषय में जानकारी मांगी गई। जिसको लेकर ही परिजन पूरे मामले को दूसरी तरफ ले जाने की कोशिश कर रहे हैं। इंस्पेक्टर मनोज कुमार कोरी ने बताया कि जांच कर रहे सब-इंस्पेक्टर ने सिफ्सा आफिस गई थी। जहां आरोपी अफसरों को नोटिस देकर जवाब मांगा गया है। साक्ष्यों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। नोटिस के बाद ही पूर्व स्टेनो ने ट्रेन के आगे कूद दी थी जान त्रिवेणी नगर-3 में रहने वाले राजेंद्र कुमार जोशी स्टेनो के पद पर तैनात थे। उन्होंने स्वैच्छिक रिटायरमेंट लिया था। भाई बृज मोहन का आरोप है कि उनकी ऑफिस में पीएफ और ग्रेच्युटी के 80 लाख रुपए फंस गए थे। जिसके पीछे वहां के उप-महाप्रबंधक डा. रिंकू श्रीवास्तव, वित्त नियंत्रक बृज बिहारी कुशवाहा और कौशल सिंह विष्ट थे, क्योंकि उन्होंने गायब हुई एक फाइल के मामले में उनका साथ नहीं दिया था। जिसके चलते वह डिप्रेशन में चले गए। इलाज के लिए उनके पास रुपए नहीं थे। इसबीच शनिवार को भाई को उप महाप्रबंधक का नोटिस मिला। इसके बाद भाई घर से करीब 12 बजे निकले और छठा मिल के पास रेलवे ट्रैक पर ट्रेन के आगे कूदकर आत्महत्या कर ली।

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