लखनऊ विधानसभा में वुडन-वर्क टेंडर दिलाने के नाम पर ठगी:पुस्तकालय समीक्षा अधिकारी पर आरोप, खुद को बताया पूर्व विधान सभा अध्यक्ष का रिश्तेदार

लखनऊ के महानगर इलाके में रहने वाले चाय दुकानदार से उसके गांव के ही रहने वाले एक समीक्षा अधिकारी ने 40 लाख रुपए ठग लिए। पीड़ित का आरोप है कि विधान सभा पुस्तकालय में समीक्षा अधिकारी ने खुद को पूर्व विधान सभा अध्यक्ष माता प्रसाद पांडेय का रिश्तेदार बताकर विधान सभा का वुडन वर्क का टेंडर दिलाने की बात की थी। उसके कहने पर पांच करोड़ रुपए के टेंडर के लिए पचास लाख कमीशन की मांग पर चालीस लाख रुपए दे दिए थे। पुलिस एफआईआर दर्ज कर मामले की जांच कर रही है। कमीशन के पैसे देने से पहले लिए थे पोस्ट डेटेड चेक महानगर गोपाल पुरवा निवासी चाय दुकानदार राजू गुप्ता पुराना महानगर निवासी साले वीरू के साथ घरों में लकड़ी के काम की ठेकेदारी करते हैं। उनका कहना है कि विधान सभा पुस्तकालय में समीक्षा अधिकारी गांव सिद्धार्थ नगर संग्रामपुर निवासी प्रवेश कुमार मिश्रा ने विजय कुमार पांडेय से परिचय कराया था। प्रवेश मिश्र अक्सर चाय की दुकान पर आते और मेरे और साले वीरू के साथ काफी देर बातें करते। इस दौरान प्रवेश कुमार मिश्रा ने बताया कि उनकी पकड़ बहुत दूर तक है। वह पूर्व विधानसभा अध्यक्ष और वर्तमान नेता विपक्षीदल माता प्रसाद पाण्डेय का रिश्तेदार है। उसके उपसचिव, अधिष्ठान अनुभाग-2 विधानसभा सचिवालय से घरेलू संबंध हैं। अगर वीरू चाहे तो वह विधानसभा के पुस्तकालय में पांच करोड रुपए के लकडी के काम का ठेका दिलवा सकता है। इसके लिए उन्हें पचास लाख रुपए कमीशन देना होगा। हमने उसको ठेका का कमीशन पहले इस शर्त पर दिया कि पहले वह पोस्टडेटेड चेक दे। जिससे ठेका मिलने पर कोई बाद में पैसे के लेनदेन को लेकर विवाद न हो। इसके बाद उसको नेट बैंकिंग और नकद कई बार में चालीस लाख रुपए दिए। वहीं प्रवेश कुमार मिश्रा मिश्रा ने दुकान पर आकर तय बात के हिसाब से भारतीय स्टेट बैंक की यूपी सचिवालय लखनऊ की शाखा के पांच चेक दिए। जिसमें एक चेक सात लाख, दूसरी पांच लाख, तीसरी छह लाख, चौथी चार लाख बीस हजार और पांचवी दस लाख रुपए की दी। फर्जी टेंडर के कागज दिखाए, काम न मिलने पर हुआ खुलासा पीड़ित का कहना है कि प्रवेश ने टेंडर को लेकर कई बड़ी बड़ी बातें की। साथ ही टेंडर से जुड़े कई कागजात भी दिखाए। उसके विधान सभा में समीक्षा अधिकारी होने और पोस्ट डेटेड चेक देने पर विश्वास कर लिया। ठेका न मिलने पर पूछताछ की तो टालमटोल करता रहा। साले वीरू ने संदेह होने पर टेंडर के विषय में जानकारी की। जिसमें सामने आया कि विधान सभा में ऐसा कोई टेंडर निकला ही नहीं। इसके बाद प्रवेश ने पहले पैसे वापस करने की बात कही और बाद में पैसा मांगने पर जान से मारने की धमकी देने लगा। महानगर इंस्पेक्टर अखिलेश मिश्र ने बताया कि पीड़ित की शिकायत पर समीक्षा अधिकारी प्रवेश मिश्रा के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई है। आरोपों से जुड़े साक्ष्य एकत्र किए जा रहे हैं। साक्ष्यों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

Dec 4, 2024 - 11:25
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लखनऊ विधानसभा में वुडन-वर्क टेंडर दिलाने के नाम पर ठगी:पुस्तकालय समीक्षा अधिकारी पर आरोप, खुद को बताया पूर्व विधान सभा अध्यक्ष का रिश्तेदार
लखनऊ के महानगर इलाके में रहने वाले चाय दुकानदार से उसके गांव के ही रहने वाले एक समीक्षा अधिकारी ने 40 लाख रुपए ठग लिए। पीड़ित का आरोप है कि विधान सभा पुस्तकालय में समीक्षा अधिकारी ने खुद को पूर्व विधान सभा अध्यक्ष माता प्रसाद पांडेय का रिश्तेदार बताकर विधान सभा का वुडन वर्क का टेंडर दिलाने की बात की थी। उसके कहने पर पांच करोड़ रुपए के टेंडर के लिए पचास लाख कमीशन की मांग पर चालीस लाख रुपए दे दिए थे। पुलिस एफआईआर दर्ज कर मामले की जांच कर रही है। कमीशन के पैसे देने से पहले लिए थे पोस्ट डेटेड चेक महानगर गोपाल पुरवा निवासी चाय दुकानदार राजू गुप्ता पुराना महानगर निवासी साले वीरू के साथ घरों में लकड़ी के काम की ठेकेदारी करते हैं। उनका कहना है कि विधान सभा पुस्तकालय में समीक्षा अधिकारी गांव सिद्धार्थ नगर संग्रामपुर निवासी प्रवेश कुमार मिश्रा ने विजय कुमार पांडेय से परिचय कराया था। प्रवेश मिश्र अक्सर चाय की दुकान पर आते और मेरे और साले वीरू के साथ काफी देर बातें करते। इस दौरान प्रवेश कुमार मिश्रा ने बताया कि उनकी पकड़ बहुत दूर तक है। वह पूर्व विधानसभा अध्यक्ष और वर्तमान नेता विपक्षीदल माता प्रसाद पाण्डेय का रिश्तेदार है। उसके उपसचिव, अधिष्ठान अनुभाग-2 विधानसभा सचिवालय से घरेलू संबंध हैं। अगर वीरू चाहे तो वह विधानसभा के पुस्तकालय में पांच करोड रुपए के लकडी के काम का ठेका दिलवा सकता है। इसके लिए उन्हें पचास लाख रुपए कमीशन देना होगा। हमने उसको ठेका का कमीशन पहले इस शर्त पर दिया कि पहले वह पोस्टडेटेड चेक दे। जिससे ठेका मिलने पर कोई बाद में पैसे के लेनदेन को लेकर विवाद न हो। इसके बाद उसको नेट बैंकिंग और नकद कई बार में चालीस लाख रुपए दिए। वहीं प्रवेश कुमार मिश्रा मिश्रा ने दुकान पर आकर तय बात के हिसाब से भारतीय स्टेट बैंक की यूपी सचिवालय लखनऊ की शाखा के पांच चेक दिए। जिसमें एक चेक सात लाख, दूसरी पांच लाख, तीसरी छह लाख, चौथी चार लाख बीस हजार और पांचवी दस लाख रुपए की दी। फर्जी टेंडर के कागज दिखाए, काम न मिलने पर हुआ खुलासा पीड़ित का कहना है कि प्रवेश ने टेंडर को लेकर कई बड़ी बड़ी बातें की। साथ ही टेंडर से जुड़े कई कागजात भी दिखाए। उसके विधान सभा में समीक्षा अधिकारी होने और पोस्ट डेटेड चेक देने पर विश्वास कर लिया। ठेका न मिलने पर पूछताछ की तो टालमटोल करता रहा। साले वीरू ने संदेह होने पर टेंडर के विषय में जानकारी की। जिसमें सामने आया कि विधान सभा में ऐसा कोई टेंडर निकला ही नहीं। इसके बाद प्रवेश ने पहले पैसे वापस करने की बात कही और बाद में पैसा मांगने पर जान से मारने की धमकी देने लगा। महानगर इंस्पेक्टर अखिलेश मिश्र ने बताया कि पीड़ित की शिकायत पर समीक्षा अधिकारी प्रवेश मिश्रा के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई है। आरोपों से जुड़े साक्ष्य एकत्र किए जा रहे हैं। साक्ष्यों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

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