वाराणसी के यूपी कालेज पहुंचे सैकड़ों नमाजी, फोर्स तैनात:सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने बताई थी अपनी संपत्ति, लेटर वायरल होने के बाद बढ़ाई कालेज के कैम्पस की सुरक्षा

वाराणसी के उदय प्रताप कालेज परिसर को लेकर वक्फ बोर्ड का लेटर वायरल होने के बाद तनाव बढ़ गया है। संवेदनशीलता को देखते हुए कालेज कैम्पस में फोर्स तैनात कर दी गई है। उधर, तनाव बढ़ने के बाद शुक्रवार को सैकड़ों की संख्या में लोग नमाज अदा करने पहुंचे। लेटर के वायरल होने से पहले तक यहाँ महज 25 से 50 लोग आते थे लेकिन शुक्रवार को 500 से अधिक लोग नमाज अदा करने पहुंच गए। खुफिया और सिक्योरिटी एजेंसियों की नजर इस मामले में बनी है। जानिए क्या है पूरा विवादयूपी कालेज पर वक्फ बोर्ड के दावे का लेटर वायरल मुख्यमंत्री योगी आए थे 115वें संस्थापन समारोह में, कालेज कैम्पस में है एक मस्जिद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 25 नवंबर को वाराणसी के उदय प्रताप कालेज के 115वें संस्थापन समारोह में बतौर मुख्य अतिथि आए थे। उनके यहां से जाने के बाद से ही अचानक वक्फ बोर्ड का वो लेटर वायरल हो रहा है जिसमें यूपी कालेज की जमीन वक्फ की संपत्ति होने का दावा किया गया था। कालेज प्रबंधन से लेकर पुलिस प्रशासन भी अचानक उठे इस मामले पर नजर बनाए हैं। खुफिया तंत्र के साथ ही सिक्योरिटी एजेंसियां सक्रिय हो गई है। सम्भल की घटना के बीच कालेज की भूमि पर वक्फ बोर्ड के वायरल लेटर को लेकर कालेज परिसर व आसपास के इलाकों में नजर रखी जा रही है। कालेज परिसर में है तीन बिस्वा जमीन पर मस्जिद 100 एकड़ में फैले यूपी कालेज में नवाब टोंक की मस्जिद व कचनार शाह की मजार भी है जहां मुस्लिम बंधु नमाज अता करने आते हैं। डिग्री कालेज मार्ग पर लाइब्रेरी के समीप मौजूद मस्जिद में कम संख्या में नमाजी आते हैं। वाराणसी के वसीम ने यूपी कालेज की जमीन को वक्फ बोर्ड की बताते हुए सेंट्रल सुन्नी वक्फ बोर्ड में दावा किया था। जानिये किसने किया था वक्फ बोर्ड में दावा वाराणसी के भोजूबीर निवासी ने वर्ष 2008 में यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड में पत्र लिखकर दावा किया कि कॉलेज परिसर की भूमि वक्फ की संपत्ति है जिसपर कालेज प्रशासन ने कब्जा कर रखा है। परिसर में नवाब टोक की मस्जिद है। 06 दिसम्बर को जारी हुई नोटिस वसीम अहमद की शिकायत के बाद यूपी सेंट्रल बोर्ड ने यूपी कालेज को 06 दिसंबर 2018 को नोटिस जारी की। नोटिस सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के आले आतिफ की तरफ से जारी करते हुए कहा जवाब नहीं देने पर उक्त कालेज की जमीन को वक्फ बोर्ड की संपत्ति के तौर पर पंजीकृत कर लिया जाएगा। नोटिस आते ही मचा हड़कंप, वक्फ बोर्ड से मांगी डीड सुन्नी सेंट्रल बोर्ड की तरफ से जारी नोटिस एक सप्ताह बाद कालेज पहुंची। नोटिस मिलते ही कालेज प्रशासन से लेकर अध्ययनरत छात्र-छात्राओं में रोष व्याप्त हो गया। यूपी कालेज शिक्षा समिति के सचिव यूएन सिन्हा ने नोटिस का जवाब दिया। जवाब में बताया कि वक्फ बोर्ड में गलत शिकायत दर्ज कराई गई है। कालेज के शैक्षणिक माहैल खराब करने की साजिश के तहत किसी मानसिक विकृत शख्स ने वक्फ बोर्ड को गलत जानकारी दी है। बोर्ड के पास अगर जमीन से संबंधित कोई डीड है तो उपलब्ध कराए ताकि कालेज प्रशासन उसका जवाब दे सके। उदय प्रताप ने 1909 में किया था इंडाउमेंट ट्रस्ट का गठन सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड की तरफ से जारी नोटिस का जवाब देते हुए यूपी कालेज के सचिव यूएन सिन्हा बताया कि कॉलेज के संस्थापक राजर्षि जू देव ने 1909 में उदय प्रताप कालेज एंड हीवेट क्षत्रिय स्कूल इनडाउमेंट ट्रस्ट का गठन करते हुए कालेज की स्थापना की थी। चैरिटेबल इनडाउमेंट एक्ट के तहत ट्रस्ट के गठन के एक साल बाद अन्य किसी का मालिकाना हक स्वतः समाप्त हो जाता है। ऐसे में वक्फ बोर्ड का कालेज की जमीन अपना दावा करना कानूनी रूप से गलत है। 100 एकड़ में फैला है कालेज परिसर वाराणसी के भोजूबीर इलाके में 100 एकड़ में उदय प्रताप कालेज का कैम्पस है। इंटर तक छात्र-छात्राओं की यूपी इंटर कालेज और रानी मुरार बालिका इंटर कालेज में पढ़ाई अलग-अलग होती है। डिग्री कालेज के साथ ही पब्लिक स्कूल, मैनेजमेंट, कम्प्यूटर समेत अन्य शैक्षणिक कोर्स चलते है। कालेज के स्पोर्ट्स ग्राउंड ने देश को कई ओलंपियन दिए हैं। हाकी और बास्केटबॉल के साथ ही यूपी कालेज का कृषि विभाग अग्रणी भूमिका निभाता है। योगी ने किया है विश्वविद्यालय बनाने का वादा यूपी कालेज के 115वें संस्थापन समारोह में 25 नवंबर सीएम योगी आए थे। उन्होंने उत्तर प्रदेश और बिहार के छात्रों के लिए शिक्षा का द्वार खोलने के वाले यूपी कालेज को विश्वविद्यालय का दर्जा दिलाने का आश्वासन दिया था। कहा था कि कॉलेज प्रशासन एक सादे पेपर पर आवेदन कर दें, सरकार मान्यता दे देगी।

Nov 29, 2024 - 14:10
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वाराणसी के यूपी कालेज पहुंचे सैकड़ों नमाजी, फोर्स तैनात:सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने बताई थी अपनी संपत्ति, लेटर वायरल होने के बाद बढ़ाई कालेज के कैम्पस की सुरक्षा
वाराणसी के उदय प्रताप कालेज परिसर को लेकर वक्फ बोर्ड का लेटर वायरल होने के बाद तनाव बढ़ गया है। संवेदनशीलता को देखते हुए कालेज कैम्पस में फोर्स तैनात कर दी गई है। उधर, तनाव बढ़ने के बाद शुक्रवार को सैकड़ों की संख्या में लोग नमाज अदा करने पहुंचे। लेटर के वायरल होने से पहले तक यहाँ महज 25 से 50 लोग आते थे लेकिन शुक्रवार को 500 से अधिक लोग नमाज अदा करने पहुंच गए। खुफिया और सिक्योरिटी एजेंसियों की नजर इस मामले में बनी है। जानिए क्या है पूरा विवादयूपी कालेज पर वक्फ बोर्ड के दावे का लेटर वायरल मुख्यमंत्री योगी आए थे 115वें संस्थापन समारोह में, कालेज कैम्पस में है एक मस्जिद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 25 नवंबर को वाराणसी के उदय प्रताप कालेज के 115वें संस्थापन समारोह में बतौर मुख्य अतिथि आए थे। उनके यहां से जाने के बाद से ही अचानक वक्फ बोर्ड का वो लेटर वायरल हो रहा है जिसमें यूपी कालेज की जमीन वक्फ की संपत्ति होने का दावा किया गया था। कालेज प्रबंधन से लेकर पुलिस प्रशासन भी अचानक उठे इस मामले पर नजर बनाए हैं। खुफिया तंत्र के साथ ही सिक्योरिटी एजेंसियां सक्रिय हो गई है। सम्भल की घटना के बीच कालेज की भूमि पर वक्फ बोर्ड के वायरल लेटर को लेकर कालेज परिसर व आसपास के इलाकों में नजर रखी जा रही है। कालेज परिसर में है तीन बिस्वा जमीन पर मस्जिद 100 एकड़ में फैले यूपी कालेज में नवाब टोंक की मस्जिद व कचनार शाह की मजार भी है जहां मुस्लिम बंधु नमाज अता करने आते हैं। डिग्री कालेज मार्ग पर लाइब्रेरी के समीप मौजूद मस्जिद में कम संख्या में नमाजी आते हैं। वाराणसी के वसीम ने यूपी कालेज की जमीन को वक्फ बोर्ड की बताते हुए सेंट्रल सुन्नी वक्फ बोर्ड में दावा किया था। जानिये किसने किया था वक्फ बोर्ड में दावा वाराणसी के भोजूबीर निवासी ने वर्ष 2008 में यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड में पत्र लिखकर दावा किया कि कॉलेज परिसर की भूमि वक्फ की संपत्ति है जिसपर कालेज प्रशासन ने कब्जा कर रखा है। परिसर में नवाब टोक की मस्जिद है। 06 दिसम्बर को जारी हुई नोटिस वसीम अहमद की शिकायत के बाद यूपी सेंट्रल बोर्ड ने यूपी कालेज को 06 दिसंबर 2018 को नोटिस जारी की। नोटिस सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के आले आतिफ की तरफ से जारी करते हुए कहा जवाब नहीं देने पर उक्त कालेज की जमीन को वक्फ बोर्ड की संपत्ति के तौर पर पंजीकृत कर लिया जाएगा। नोटिस आते ही मचा हड़कंप, वक्फ बोर्ड से मांगी डीड सुन्नी सेंट्रल बोर्ड की तरफ से जारी नोटिस एक सप्ताह बाद कालेज पहुंची। नोटिस मिलते ही कालेज प्रशासन से लेकर अध्ययनरत छात्र-छात्राओं में रोष व्याप्त हो गया। यूपी कालेज शिक्षा समिति के सचिव यूएन सिन्हा ने नोटिस का जवाब दिया। जवाब में बताया कि वक्फ बोर्ड में गलत शिकायत दर्ज कराई गई है। कालेज के शैक्षणिक माहैल खराब करने की साजिश के तहत किसी मानसिक विकृत शख्स ने वक्फ बोर्ड को गलत जानकारी दी है। बोर्ड के पास अगर जमीन से संबंधित कोई डीड है तो उपलब्ध कराए ताकि कालेज प्रशासन उसका जवाब दे सके। उदय प्रताप ने 1909 में किया था इंडाउमेंट ट्रस्ट का गठन सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड की तरफ से जारी नोटिस का जवाब देते हुए यूपी कालेज के सचिव यूएन सिन्हा बताया कि कॉलेज के संस्थापक राजर्षि जू देव ने 1909 में उदय प्रताप कालेज एंड हीवेट क्षत्रिय स्कूल इनडाउमेंट ट्रस्ट का गठन करते हुए कालेज की स्थापना की थी। चैरिटेबल इनडाउमेंट एक्ट के तहत ट्रस्ट के गठन के एक साल बाद अन्य किसी का मालिकाना हक स्वतः समाप्त हो जाता है। ऐसे में वक्फ बोर्ड का कालेज की जमीन अपना दावा करना कानूनी रूप से गलत है। 100 एकड़ में फैला है कालेज परिसर वाराणसी के भोजूबीर इलाके में 100 एकड़ में उदय प्रताप कालेज का कैम्पस है। इंटर तक छात्र-छात्राओं की यूपी इंटर कालेज और रानी मुरार बालिका इंटर कालेज में पढ़ाई अलग-अलग होती है। डिग्री कालेज के साथ ही पब्लिक स्कूल, मैनेजमेंट, कम्प्यूटर समेत अन्य शैक्षणिक कोर्स चलते है। कालेज के स्पोर्ट्स ग्राउंड ने देश को कई ओलंपियन दिए हैं। हाकी और बास्केटबॉल के साथ ही यूपी कालेज का कृषि विभाग अग्रणी भूमिका निभाता है। योगी ने किया है विश्वविद्यालय बनाने का वादा यूपी कालेज के 115वें संस्थापन समारोह में 25 नवंबर सीएम योगी आए थे। उन्होंने उत्तर प्रदेश और बिहार के छात्रों के लिए शिक्षा का द्वार खोलने के वाले यूपी कालेज को विश्वविद्यालय का दर्जा दिलाने का आश्वासन दिया था। कहा था कि कॉलेज प्रशासन एक सादे पेपर पर आवेदन कर दें, सरकार मान्यता दे देगी।

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