विंटर यूनिफॉर्म के नाम पर कट रही जेब:अमरोहा डीएम से शिकायत, एक ही दुकानदार को ठेका, मनमाने दाम वसूले जा रहे

अमरोहा में सर्दी आते ही मां बाप का पसीना निकलना शुरू हो गया है। अभी सर्दी का सितम शुरू भी नहीं हुआ कि प्राइवेट स्कूलों के ठेकेदार दुकानदारों ने अपना रंग दिखाना शुरू कर दिया है। हैरत इस बात की है कि कैप और जुराबें भी प्राइवेट स्कूलों की तयशुदा दुकानों से ही खरीदना अभिभावकों की मजबूरी बन गई है। ज्यादातर स्कूलों का एक ही चहीता दुकानदार है, जो अभिभावकों को लूटने का कोई भी मौका जाने नहीं देता। अब ट्रैक सूट, जैकेट और कोट के नाम पर वह दुकानदार जमकर कमाई कर रहा है और क्वालिटी के नाम पर भी उसकी यूनिफार्म में इस्तेमाल होने वाला कपड़ा इतना घटिया है कि अभिभावक तिलमिला कर रह जाते है। साथ ही मुंह मांगी कीमत पर खरीदना अभिभावकों की मजबूरी होती है, क्योंकि वह दुकानदार तमाम स्कूलों को इतना मोटा कमीशन देता है कि स्कूल वाले उसी से यूनिफार्म लेने को बाध्य करते हैं। अभिभावकों की सुनने वाला कोई नहीं वह यूनिफार्म किसी और दुकान पर मिलती भी नहीं। इसकी वजह से अभिभावकों को न चाहते हुए भी उसी से यूनिफार्म खरीदनी पड़ती है। ऐसे हालात में अभिभावकों को अब जिला प्रशासन से ही उम्मीद है कि वे ऐसे स्कूल और दुकानदारों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें जो गरीब, मिडिल क्लास बच्चों के अभिभावकों को खुलेआम लूट रहे है और उनकी कोई सुनने वाला नहीं। इसलिए शनिवार को तमाम अभिभावक अमरोहा कलक्ट्रेट पहुंचे और डीएम के नाम एक ज्ञापन सौंपकर इस मनमानी पर अंकुश लगाने की मांग उठाई।

Nov 23, 2024 - 17:40
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विंटर यूनिफॉर्म के नाम पर कट रही जेब:अमरोहा डीएम से शिकायत, एक ही दुकानदार को ठेका, मनमाने दाम वसूले जा रहे
अमरोहा में सर्दी आते ही मां बाप का पसीना निकलना शुरू हो गया है। अभी सर्दी का सितम शुरू भी नहीं हुआ कि प्राइवेट स्कूलों के ठेकेदार दुकानदारों ने अपना रंग दिखाना शुरू कर दिया है। हैरत इस बात की है कि कैप और जुराबें भी प्राइवेट स्कूलों की तयशुदा दुकानों से ही खरीदना अभिभावकों की मजबूरी बन गई है। ज्यादातर स्कूलों का एक ही चहीता दुकानदार है, जो अभिभावकों को लूटने का कोई भी मौका जाने नहीं देता। अब ट्रैक सूट, जैकेट और कोट के नाम पर वह दुकानदार जमकर कमाई कर रहा है और क्वालिटी के नाम पर भी उसकी यूनिफार्म में इस्तेमाल होने वाला कपड़ा इतना घटिया है कि अभिभावक तिलमिला कर रह जाते है। साथ ही मुंह मांगी कीमत पर खरीदना अभिभावकों की मजबूरी होती है, क्योंकि वह दुकानदार तमाम स्कूलों को इतना मोटा कमीशन देता है कि स्कूल वाले उसी से यूनिफार्म लेने को बाध्य करते हैं। अभिभावकों की सुनने वाला कोई नहीं वह यूनिफार्म किसी और दुकान पर मिलती भी नहीं। इसकी वजह से अभिभावकों को न चाहते हुए भी उसी से यूनिफार्म खरीदनी पड़ती है। ऐसे हालात में अभिभावकों को अब जिला प्रशासन से ही उम्मीद है कि वे ऐसे स्कूल और दुकानदारों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें जो गरीब, मिडिल क्लास बच्चों के अभिभावकों को खुलेआम लूट रहे है और उनकी कोई सुनने वाला नहीं। इसलिए शनिवार को तमाम अभिभावक अमरोहा कलक्ट्रेट पहुंचे और डीएम के नाम एक ज्ञापन सौंपकर इस मनमानी पर अंकुश लगाने की मांग उठाई।

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