संतान प्राप्ति की आस में दंपत्ति लगाएंगे डुबकी:गोवर्धन के राधाकुंड में उमड़ेगा आस्था का सैलाब,मध्य रात को होगा स्नान

मथुरा के गोवर्धन क्षेत्र स्थित राधा कुंड में गुरुवार शुक्रवार की मध्य रात्रि को आस्था का सैलाब उमड़ेगा। यहां दंपत्ति संतान की चाहत में जल स्वरूप राधा रानी से आशीर्वाद लेने के लिए एक साथ स्नान करेंगे। राधा कुंड में होने वाले इस स्नान के लिए प्रशासन ने सभी तैयारी पूरी कर ली हैं। अनुमान के मुताबिक 3 लाख से ज्यादा श्रद्धालु अहोई अष्टमी पर स्नान के लिए पहुंच सकते हैं। यह है मान्यता मान्यता के अनुसार अहोई अष्टमी का दिन राधा कुंड का प्राकट्य दिवस है। द्वापर युग में भगवान श्री कृष्ण जब गौचारण लीला कर रहे थे। उस दौरान एक राक्षस गाय के रूप रखकर आ गया और गायों को मारने लगा। उस राक्षस को भगवान कृष्ण ने पहचान लिया और बध कर दिया। इसका पता जब राधा रानी को लगा तो उन्होंने भगवान से कहा आपको गौ हत्या का पाप लगा है। इसलिए आप सभी तीर्थों में जाकर स्नान करें। जिसके बाद भगवान कृष्ण ने सभी तीर्थों का आव्हान किया और जिस जगह राधा कुंड है उस स्थान पर स्नान किया। जिसके बाद स्नान के जल से बने कुंड का नाम राधा कुंड रख दिया और भगवान ने वरदान दिया अहोई अष्टमी के दिन जो निसंतान दंपति यहां मध्य रात को एक साथ स्नान करेंगे उनको संतान की प्राप्ति होगी। तारों को अर्घ्य देकर होता है व्रत पूरा अहोई अष्टमी पर्व पर माताएं अपने संतान की लंबी आयु के लिए निर्जला व्रत रखती हैं। शाम के समय पूजा करने के बाद जब तारे निकलते हैं तो वह उनको अर्घ्य देकर इस व्रत को पूरा करती हैं। लेकिन जिन माताओं के राधा कुंड में स्नान करने के बाद संतान प्राप्ति होती है वह मां चंद्रमा को अर्घ्य देकर अपना वृत पूरा करती हैं। कृष्ण पक्ष की अष्टमी होने के चलते चंद्रमा के दर्शन देर रात को होते हैं। इसलिए उन माताओं के लिए यह व्रत और कठिन हो जाता है। एक साथ दंपत्ति करते हैं स्नान जिन दंपत्ति के संतान नहीं होती वह दंपत्ति राधा कुंड में एक साथ अहोई अष्टमी की मध्य रात को स्नान करते हैं। मान्यता है कि राधा कुंड में अहोई अष्टमी की मध्य रात को स्नान करने के बाद राधा रानी की कृपा से उनको एक वर्ष के अंदर संतान की प्राप्ति होती है। इस स्नान को करने के लिए लाखों की संख्या में दंपत्ति अहोई अष्टमी पर राधा कुंड पहुंचते हैं। प्रशासन ने किए इंतजाम राधा कुंड में अहोई अष्टमी पर्व पर उमड़ने वाली भीड़ को देखते हुए पुलिस और प्रशासन ने कड़े इंतजाम किए हैं। कुंड में स्नान के दौरान कोई हादसा न हो इसके लिए गोताखोर लगाए हैं। इसके अलावा अधिक गहराई वाले स्थान पर बैरिकेटिंग की गई है। अहोई अष्टमी पर्व पर राधा कुंड में किसी भी वाहन को प्रवेश की अनुमति नहीं है। पर्व के दौरान सुरक्षा व्यवस्था कड़ी रहेगी।

Oct 24, 2024 - 01:25
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संतान प्राप्ति की आस में दंपत्ति लगाएंगे डुबकी:गोवर्धन के राधाकुंड में उमड़ेगा आस्था का सैलाब,मध्य रात को होगा स्नान
मथुरा के गोवर्धन क्षेत्र स्थित राधा कुंड में गुरुवार शुक्रवार की मध्य रात्रि को आस्था का सैलाब उमड़ेगा। यहां दंपत्ति संतान की चाहत में जल स्वरूप राधा रानी से आशीर्वाद लेने के लिए एक साथ स्नान करेंगे। राधा कुंड में होने वाले इस स्नान के लिए प्रशासन ने सभी तैयारी पूरी कर ली हैं। अनुमान के मुताबिक 3 लाख से ज्यादा श्रद्धालु अहोई अष्टमी पर स्नान के लिए पहुंच सकते हैं। यह है मान्यता मान्यता के अनुसार अहोई अष्टमी का दिन राधा कुंड का प्राकट्य दिवस है। द्वापर युग में भगवान श्री कृष्ण जब गौचारण लीला कर रहे थे। उस दौरान एक राक्षस गाय के रूप रखकर आ गया और गायों को मारने लगा। उस राक्षस को भगवान कृष्ण ने पहचान लिया और बध कर दिया। इसका पता जब राधा रानी को लगा तो उन्होंने भगवान से कहा आपको गौ हत्या का पाप लगा है। इसलिए आप सभी तीर्थों में जाकर स्नान करें। जिसके बाद भगवान कृष्ण ने सभी तीर्थों का आव्हान किया और जिस जगह राधा कुंड है उस स्थान पर स्नान किया। जिसके बाद स्नान के जल से बने कुंड का नाम राधा कुंड रख दिया और भगवान ने वरदान दिया अहोई अष्टमी के दिन जो निसंतान दंपति यहां मध्य रात को एक साथ स्नान करेंगे उनको संतान की प्राप्ति होगी। तारों को अर्घ्य देकर होता है व्रत पूरा अहोई अष्टमी पर्व पर माताएं अपने संतान की लंबी आयु के लिए निर्जला व्रत रखती हैं। शाम के समय पूजा करने के बाद जब तारे निकलते हैं तो वह उनको अर्घ्य देकर इस व्रत को पूरा करती हैं। लेकिन जिन माताओं के राधा कुंड में स्नान करने के बाद संतान प्राप्ति होती है वह मां चंद्रमा को अर्घ्य देकर अपना वृत पूरा करती हैं। कृष्ण पक्ष की अष्टमी होने के चलते चंद्रमा के दर्शन देर रात को होते हैं। इसलिए उन माताओं के लिए यह व्रत और कठिन हो जाता है। एक साथ दंपत्ति करते हैं स्नान जिन दंपत्ति के संतान नहीं होती वह दंपत्ति राधा कुंड में एक साथ अहोई अष्टमी की मध्य रात को स्नान करते हैं। मान्यता है कि राधा कुंड में अहोई अष्टमी की मध्य रात को स्नान करने के बाद राधा रानी की कृपा से उनको एक वर्ष के अंदर संतान की प्राप्ति होती है। इस स्नान को करने के लिए लाखों की संख्या में दंपत्ति अहोई अष्टमी पर राधा कुंड पहुंचते हैं। प्रशासन ने किए इंतजाम राधा कुंड में अहोई अष्टमी पर्व पर उमड़ने वाली भीड़ को देखते हुए पुलिस और प्रशासन ने कड़े इंतजाम किए हैं। कुंड में स्नान के दौरान कोई हादसा न हो इसके लिए गोताखोर लगाए हैं। इसके अलावा अधिक गहराई वाले स्थान पर बैरिकेटिंग की गई है। अहोई अष्टमी पर्व पर राधा कुंड में किसी भी वाहन को प्रवेश की अनुमति नहीं है। पर्व के दौरान सुरक्षा व्यवस्था कड़ी रहेगी।

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