संभल दंगे पर कारी और मौलाना आमने-सामने:तौकीर रजा बोले-दंगे के PM, RSS और पुलिस-प्रशासन जिम्मेदार; कारी ने कहा-तौकीर जैसे लोगों को जेल में डाल देना चाहिए
संभल में हुए दंगे को लेकर दो मौलाना और कारी के बयान सामने आए हैं। एक ओर इत्तेहादे मिल्लत काउंसिल (आइएमसी) के प्रमुख मौलाना तौकीर रजा ने कहा, संभल की हिंसा प्रायोजित है। संभल में दंगा नहीं हुआ है। संभल में पुलिस, प्रशासन और अदालत ने मिलकर अंजाम दिया है। मौलाना ने संभल दंगा के लिए पीएम मोदी, आरएसएस और पुलिस-प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया है। कहा, संभल में जानबूझकर मुसलमानों को मारा गया है। वहीं दूसरी ओर जमीयत हिमायतुल इस्लाम के राष्ट्रीय अध्यक्ष कारी अबरार जमाल ने संभल हिंसा को निंदनीय बताया है। कहा, जमीयत उलमा-ए-हिंद ने नौजवानों के भीतर पुलिस प्रशासन, सरकार और सिस्टम को लेकर नफरत फैलाई है। कुछ मौलाना भी नफरत फैला रहे हैं। तौकीर रजा जैसे लोगों को जेल भेज देना चाहिए, तभी देश में शांति रहेगी। ... अब विस्तार से पढ़िए दोनों लोगों ने क्या-क्या बोला सबसे पहले पढ़िए मौलाना तौकीर रजा का बयान आइएमसी के प्रमुख मौलाना तौकीर रजा ने दरगाह आला हजरत स्थित अपने आवास पर गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर संभल जाने का ऐलान किया था। उन्होंने कहा, संभल की हिंसा प्रायोजित है। संभल में दंगा नहीं हुआ है। संभल में पुलिस, प्रशासन और अदालत ने मिलकर अंजाम दिया है। अदालत का जो फैसला आया वो कानून के खिलाफ था। जब दूसरा सर्वे की जरूरत नहीं थी। मौलाना ने कहा, जो अदालत से फैसला आया वो सरासर कानून के खिलाफ़ था। इसके बावजूद संभल के मुसलमानों ने कोई रिएक्शन नहीं दिया। सर्वे को लोग गए, सर्वे हुआ, बाकायदा संभल के मुसलमानों ने कोई रिएक्शन नहीं दिया। दूसरे सर्वे की जरूरत क्यों पेश आई और अगर जरूरत थी सर्वे की तो उसके साथ वो भीड़ क्यों गई जो वो गैर सरकारी लोग थे? दूसरे सर्वे का असल मकसद ये था कि वो चाहते थे कि लोग रिएक्शन दें और फसाद हो। वहां धार्मिक नारे बाजी की गई। जो पत्थर वहां नजर आ रहे हैं वो पत्थर सर्वे टीम के साथ गए लोग लेकर गए थे। उन लोगों ने ही पत्थरबाजी की थी और इल्जाम मुसलमानों पर लगाया। मौलाना ने आगे कहा, जो पांच मौतें हुई हैं उसके लिए मैं जिम्मेदार उस जज को मानता हूं। जिसने ये गैर कानूनी फैसला किया है। वो लोग पुलिस की गोली से मरे हैं। वो मरे नहीं हैं बल्कि उनकी हत्या की गई है। उनकी हत्या इसलिए की गई है ताकि पूरे देश का माहौल बिगाड़ा जा सके। मौलाना ने संभल हिंसा में मारे गए पत्थरबाजों को शहीद का दर्जा दिया है। मौलाना ने कहा, सिर्फ संभल की महिलाएं या संभल के बच्चे क्यों मार रहे हो? क्यों जेल भेज रहे हो? पूरे हिंदुस्तान के मुसलमान आतंकवादी हैं, देशद्रोही हैं, पत्थरबाज हैं, इन सारे मुसलमानों को जेल भेज देना चाहिए। ...अब पढ़िए कारी अबरार जमाल का बयान संभल हिंसा पर जमीयत हिमायतुल इस्लाम के राष्ट्रीय अध्यक्ष कारी अबरार जमाल ने घटना को निंदनीय बताया। कहा, इसकी भरपाई नहीं की जा सकती। लोग इस घटना को एक दिन की नजर से देख रहे हैं। ये घटना एक दिन की नहीं है। ये गुस्सा कई कई महीनों का है। गुस्सा रामलीला मैदान और गांधी स्टेडियम का है। जो जमीयत उलमा-ए-हिंद ने नौजवानों के भीतर नफरत फैलाई है। पुलिस प्रशासन, सरकार और सिस्टम को लेकर। वो गुस्सा नौजवानों का बाहर आ रहा है। इन नौजवानों को धर्म के नाम पर इकट्ठा और भड़काया जा रहा है। चाहे ओवैसी, तौकीर रजा और या फिर मौलाना अरशद मदनी हो, ये तो कह रहे हैं कि वक्त आ गया है बाहर निकलने का। अब वक्त आ गया सड़कों पर उतरने का। एक मौलाना कह रहे थे कि अगर संसद तुम्हारी है तो सड़क हमारी है। जिन लोगों की जान जा रही है। संभल में 4-5 मौत हो गई है। क्या उनकी भरपाई ये लोग करेंगे। जो मरे हैं, क्या वो किसी मां के बेटे नहीं हैं। जिन पुलिसवालों को गोली लगी है, क्या वो हमारे भाई नहीं है? क्या वो इस देश के नागरिक नहीं है। जहां 4-5 मुसलमानों की मौत हुई है। वहां एसएसपी संभल के पीआरओ को भी गोली लगी है। कलेक्टर को भी चोट आई है। पथराव हुआ कई पुलिस वाले घायल हुए। क्या ये पुलिस वाले आसमान से आते हैं? क्या इनकी मां इनको जन्म नहीं देती। तौकीर रजा जैसे लोगों पर FIR कर जेल में डाल दें कारी अबरार जमाल ने कहा-जिस तरह से बेंगलुरु, पटना, दिल्ली और बिहार में बयानबाजी चल रही है। ये गुस्सा धीरे-धीरे बाहर निकल रहा है। ये लोग इस देश को आग के हवाले करना चाहते हैं। देश में आग लगाना चाहते हैं। सरकार ने जिस प्रकार से पुलिस ने संभल को आगजनी से बचा लिया। बहुत ज्यादा नुकसान होने से बचा लिया। सरकार अगर देश को आगजनी से बचाना चाहती है तो तौकीर रजा जैसे लोगों पर तुरंत एफआईआर करके जेल में डाल दें। तब देश में शांति का माहौल हो सकता है। नहीं तो अब इतनी नफरत पैदा हो चुकी है, इन झूठों की वजह से। ये वक्फ की प्रॉपर्टी खाने वाले लोग। यतीम-स्कीम का माल खाने वाले लोग। करोड़ों की संपत्ति पर कब्जा किए हुए बैठे हैं। कारी अबरार जमाल ने कहा-'सहारनपुर में मौलाना अरशद मदनी के बेटे पर तीन-तीन एफआईआर दर्ज हुई। उसी को बचाने के लिए ये लोग मुस्लिम नौजवानों के मुस्तक्बिल से खिलवाड़ कर रहे हैं। सरकार खामोश बैठी है। सरकार को इन लोगों के खिलाफ कार्रवाई कर जेल में डाल देना चाहिए। तभी देश में अमन का माहौल हो सकता है। जामा मस्जिद के सदर की झूठी अफवाह से दंगा हुआ उन्होंने कहा-मस्जिदों का सर्वे नई बात नहीं है, इससे पहले भी हुए हैं। सर्वे में कहीं नहीं लिखा था कि मस्जिद की स्ट्रैक्चर से खिलवाड़ किया जाएगा। जामा मस्जिद के सदर ने झूठी अफवाह फैलाई थी कि हौज खाली करा लिया गया है। अब मस्जिद को नुकसान पहुंचाया जाएगा। इस अफवाह की वजह से भीड़ इकट्ठा हो गई और पथराव जैसी स्थिति बनी। अजमेर दरगाह पर बोले-अदालत तो सुनवाई के लिए बैठी है। अंतिम फैसला तो नहीं आया है अभी। सब जानते हैं वहां हजारों सालों से दरगाह है। इन सब बातों से बहस करने से क्या फायदा। ................................... ये भी पढ़ें संभल हिंसा-न्यायिक आयोग गठित, हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज जांच करेंगे:आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई; मौलाना तौकीर बोले- हिंसा में मारे
संभल में हुए दंगे को लेकर दो मौलाना और कारी के बयान सामने आए हैं। एक ओर इत्तेहादे मिल्लत काउंसिल (आइएमसी) के प्रमुख मौलाना तौकीर रजा ने कहा, संभल की हिंसा प्रायोजित है। संभल में दंगा नहीं हुआ है। संभल में पुलिस, प्रशासन और अदालत ने मिलकर अंजाम दिया है। मौलाना ने संभल दंगा के लिए पीएम मोदी, आरएसएस और पुलिस-प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया है। कहा, संभल में जानबूझकर मुसलमानों को मारा गया है। वहीं दूसरी ओर जमीयत हिमायतुल इस्लाम के राष्ट्रीय अध्यक्ष कारी अबरार जमाल ने संभल हिंसा को निंदनीय बताया है। कहा, जमीयत उलमा-ए-हिंद ने नौजवानों के भीतर पुलिस प्रशासन, सरकार और सिस्टम को लेकर नफरत फैलाई है। कुछ मौलाना भी नफरत फैला रहे हैं। तौकीर रजा जैसे लोगों को जेल भेज देना चाहिए, तभी देश में शांति रहेगी। ... अब विस्तार से पढ़िए दोनों लोगों ने क्या-क्या बोला सबसे पहले पढ़िए मौलाना तौकीर रजा का बयान आइएमसी के प्रमुख मौलाना तौकीर रजा ने दरगाह आला हजरत स्थित अपने आवास पर गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर संभल जाने का ऐलान किया था। उन्होंने कहा, संभल की हिंसा प्रायोजित है। संभल में दंगा नहीं हुआ है। संभल में पुलिस, प्रशासन और अदालत ने मिलकर अंजाम दिया है। अदालत का जो फैसला आया वो कानून के खिलाफ था। जब दूसरा सर्वे की जरूरत नहीं थी। मौलाना ने कहा, जो अदालत से फैसला आया वो सरासर कानून के खिलाफ़ था। इसके बावजूद संभल के मुसलमानों ने कोई रिएक्शन नहीं दिया। सर्वे को लोग गए, सर्वे हुआ, बाकायदा संभल के मुसलमानों ने कोई रिएक्शन नहीं दिया। दूसरे सर्वे की जरूरत क्यों पेश आई और अगर जरूरत थी सर्वे की तो उसके साथ वो भीड़ क्यों गई जो वो गैर सरकारी लोग थे? दूसरे सर्वे का असल मकसद ये था कि वो चाहते थे कि लोग रिएक्शन दें और फसाद हो। वहां धार्मिक नारे बाजी की गई। जो पत्थर वहां नजर आ रहे हैं वो पत्थर सर्वे टीम के साथ गए लोग लेकर गए थे। उन लोगों ने ही पत्थरबाजी की थी और इल्जाम मुसलमानों पर लगाया। मौलाना ने आगे कहा, जो पांच मौतें हुई हैं उसके लिए मैं जिम्मेदार उस जज को मानता हूं। जिसने ये गैर कानूनी फैसला किया है। वो लोग पुलिस की गोली से मरे हैं। वो मरे नहीं हैं बल्कि उनकी हत्या की गई है। उनकी हत्या इसलिए की गई है ताकि पूरे देश का माहौल बिगाड़ा जा सके। मौलाना ने संभल हिंसा में मारे गए पत्थरबाजों को शहीद का दर्जा दिया है। मौलाना ने कहा, सिर्फ संभल की महिलाएं या संभल के बच्चे क्यों मार रहे हो? क्यों जेल भेज रहे हो? पूरे हिंदुस्तान के मुसलमान आतंकवादी हैं, देशद्रोही हैं, पत्थरबाज हैं, इन सारे मुसलमानों को जेल भेज देना चाहिए। ...अब पढ़िए कारी अबरार जमाल का बयान संभल हिंसा पर जमीयत हिमायतुल इस्लाम के राष्ट्रीय अध्यक्ष कारी अबरार जमाल ने घटना को निंदनीय बताया। कहा, इसकी भरपाई नहीं की जा सकती। लोग इस घटना को एक दिन की नजर से देख रहे हैं। ये घटना एक दिन की नहीं है। ये गुस्सा कई कई महीनों का है। गुस्सा रामलीला मैदान और गांधी स्टेडियम का है। जो जमीयत उलमा-ए-हिंद ने नौजवानों के भीतर नफरत फैलाई है। पुलिस प्रशासन, सरकार और सिस्टम को लेकर। वो गुस्सा नौजवानों का बाहर आ रहा है। इन नौजवानों को धर्म के नाम पर इकट्ठा और भड़काया जा रहा है। चाहे ओवैसी, तौकीर रजा और या फिर मौलाना अरशद मदनी हो, ये तो कह रहे हैं कि वक्त आ गया है बाहर निकलने का। अब वक्त आ गया सड़कों पर उतरने का। एक मौलाना कह रहे थे कि अगर संसद तुम्हारी है तो सड़क हमारी है। जिन लोगों की जान जा रही है। संभल में 4-5 मौत हो गई है। क्या उनकी भरपाई ये लोग करेंगे। जो मरे हैं, क्या वो किसी मां के बेटे नहीं हैं। जिन पुलिसवालों को गोली लगी है, क्या वो हमारे भाई नहीं है? क्या वो इस देश के नागरिक नहीं है। जहां 4-5 मुसलमानों की मौत हुई है। वहां एसएसपी संभल के पीआरओ को भी गोली लगी है। कलेक्टर को भी चोट आई है। पथराव हुआ कई पुलिस वाले घायल हुए। क्या ये पुलिस वाले आसमान से आते हैं? क्या इनकी मां इनको जन्म नहीं देती। तौकीर रजा जैसे लोगों पर FIR कर जेल में डाल दें कारी अबरार जमाल ने कहा-जिस तरह से बेंगलुरु, पटना, दिल्ली और बिहार में बयानबाजी चल रही है। ये गुस्सा धीरे-धीरे बाहर निकल रहा है। ये लोग इस देश को आग के हवाले करना चाहते हैं। देश में आग लगाना चाहते हैं। सरकार ने जिस प्रकार से पुलिस ने संभल को आगजनी से बचा लिया। बहुत ज्यादा नुकसान होने से बचा लिया। सरकार अगर देश को आगजनी से बचाना चाहती है तो तौकीर रजा जैसे लोगों पर तुरंत एफआईआर करके जेल में डाल दें। तब देश में शांति का माहौल हो सकता है। नहीं तो अब इतनी नफरत पैदा हो चुकी है, इन झूठों की वजह से। ये वक्फ की प्रॉपर्टी खाने वाले लोग। यतीम-स्कीम का माल खाने वाले लोग। करोड़ों की संपत्ति पर कब्जा किए हुए बैठे हैं। कारी अबरार जमाल ने कहा-'सहारनपुर में मौलाना अरशद मदनी के बेटे पर तीन-तीन एफआईआर दर्ज हुई। उसी को बचाने के लिए ये लोग मुस्लिम नौजवानों के मुस्तक्बिल से खिलवाड़ कर रहे हैं। सरकार खामोश बैठी है। सरकार को इन लोगों के खिलाफ कार्रवाई कर जेल में डाल देना चाहिए। तभी देश में अमन का माहौल हो सकता है। जामा मस्जिद के सदर की झूठी अफवाह से दंगा हुआ उन्होंने कहा-मस्जिदों का सर्वे नई बात नहीं है, इससे पहले भी हुए हैं। सर्वे में कहीं नहीं लिखा था कि मस्जिद की स्ट्रैक्चर से खिलवाड़ किया जाएगा। जामा मस्जिद के सदर ने झूठी अफवाह फैलाई थी कि हौज खाली करा लिया गया है। अब मस्जिद को नुकसान पहुंचाया जाएगा। इस अफवाह की वजह से भीड़ इकट्ठा हो गई और पथराव जैसी स्थिति बनी। अजमेर दरगाह पर बोले-अदालत तो सुनवाई के लिए बैठी है। अंतिम फैसला तो नहीं आया है अभी। सब जानते हैं वहां हजारों सालों से दरगाह है। इन सब बातों से बहस करने से क्या फायदा। ................................... ये भी पढ़ें संभल हिंसा-न्यायिक आयोग गठित, हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज जांच करेंगे:आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई; मौलाना तौकीर बोले- हिंसा में मारे गए लोग शहीद संभल हिंसा का आज 6वां दिन है। शुक्रवार यानी जुमा को देखते हुए पूरे शहर में फोर्स बढ़ा दी गई। संवेदनशील इलाकों की बैरिकेडिंग की गई है। कमिश्नर आंजनेय कुमार सिंह ने कहा- सभी अपनी-अपनी मस्जिदों में नमाज अदा करेंगे। बाहरी ताकतें यहां न घुस पाएं, हम इस पर नजर रख रहे हैं। संभल हिंसा की जांच के लिए राज्य सरकार ने गुरुवार को तीन सदस्यीय न्यायिक जांच आयोग का गठन किया है। पढ़ें पूरी खबर