संरक्षित स्मारक के पास हो रहा अनऑथराइज्ड निर्माण:आगरा में चीनी का रोजा के पास बन रहा मकान, ASI ने दी तहरीर
आगरा में एतिहासिक स्मारक चीनी का रोजा इमारत से कुछ मीटर दूरी पर ही अनऑथराइज्ड निर्माण चल रहा है। नर्सरियों के बीच में मकान बन रहा है। मकान में बेसमेंट तक बनाया गया है। एएसआई का कहना है कि मकान बनाने वाले को नोटिस देने के साथ ही थाने में तहरीर दी जा चुकी है। अब दोबारा तहरीर दी जाएगी। थाना एत्माउद्दौला में चीनी का रोजा एतिहासिक स्मारक है। इसे शाहजहां के वजीर शुक्रुल्लाह शीराजी अफजल खां ‘अल्लामी’ ने बनवाया था। शीराजी ने खुद ही यह मकबरा अपने लिए साल 1628 से 1639 के बीच बनवाया था, जिसकी खूबसूरती को देखकर मुगल शहंशाह शाहजहां भी हैरान रह गए थे। नीले रंग के टाइलों से बना यह मकबरा अपनी चमक के लिए ही मशहूर था। यह इमारत ईरान की विलुप्त हो चुकी काशीकरी कारीगरी से बनी है। नीले रंग के ग्लेज्ड टाइल्स से बना चीनी का रोजा की तरह समरकंद में कई स्मारक बने हैं। इस स्मारक के आसपास दर्जनों नर्सरियां हैं। इन नर्सरियों ने यमुना नदी तक का हिस्सा अपने कब्जे में लिया हुआ है। पूछने पर नर्सरी संचालक कहते हैं कि यह उनकी जमीन है। चीनी का रोजा के बिल्कुल बगल में भी नर्सरी है। क्या कहते हैं नियम नियमानुसार एतिहासिक स्मारक के परिसर में अगर कोई निर्माण होता है तो उसे एनक्रोचमेंट कहते हैं। 100 मीटर के दायरे में होने वाले निर्माण को अवैध कहते हैं और 100 से 300 मीटर के दायरे में होने वाले निर्माण को अनऑथराइज्ड निर्माण कहते हैं। इस दायरे में होने वाले निर्माण के लिए एएसआई से लिखित परमिशन लेनी होती है। चार दिन पहले दी है तहरीर एएसआई के अधीक्षक पुरातत्वविद डॉ. राजकुमार पटेल का कहना है कि अनऑथराइज्ड निर्माण की जानकारी मिलते ही मकान मालिक को नोटिस दिया गया था। चीनी का रोजा इंचार्ज की तरफ से थाना एत्माउद्दौला में तहरीर भी दी गई थी। इसके बाद भी निर्माण कार्य नहीं रूका है। अब हम दोबारा तहरीर देंगे। इसके लिए चीनी का रोजा इंचार्ज को निर्देश दे दिए गए हैं।
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