सशस्त्र सन्यासी वृत्ति संस्कार समारोह:31 युवाओं ने ली सशस्त्र दीक्षा, साध्वी प्रियंका बोली- यूपी में लव व लैंड जिहाद कैंसर की तरह बढ़ा
सशस्त्र सन्यासी वृत्ति संस्कार समारोह में 18 से 31 साल तक के 31 नौजवानों को धार्मिक गुरुओं ने ग्रंथों के साथ शस्त्र भेंट कर सशस्त्र दीक्षा दी। समारोह में विभिन्न जैन, सिख, बौद्ध समुदाय के युवाओं ने दीक्षा लेकर सनातन धर्म के प्रचार-प्रसार के साथ देश भर में बढ़ रहे मतांतरण को रोकने का संकल्प लिया। 25 अक्टूबर को सन्यासी युवा परमट से गंगाजल लेकर बिठूर को निकलेंगे। कार्यक्रम में शामिल होने के लिए पंजाब से आई साध्वी प्रियंका ने कहा कि बच्चों को अच्छे स्कूलों में शिक्षा तो आज कल के मां बाप दिला रहे है, अगर धर्म नहीं बचा तो शिक्षा का कोई लाभ नहीं। कहा कि यूपी में लव व लैंड जिहाद बहुत हावी है। हाथ में कलावा व तिलक लगाकर कर बच्चियों को बहकाया जाता है, इसके बाद बेटी 35 टुकड़ों में मिलती है। कहा कि बेटियों को शिक्षा के लिए दूर दराज भेजते है, बेटी बड़े संस्थानों में पढ़ने वाले लड़कों के साथ घूमने जाती है, मां-बाप सोचते है कि लड़का बड़े इंस्टीट्यूट में पढ़ रहा है, वो क्या है ये जानने की कोशिश नहीं करते। लव जिहाद कैंसर जैसी गंभीर समस्या है जो तेजी से बढ़ रही है। वहीं लैंड जिहाद का जिक्र करते हुए साध्वी ने कहा कि जहां खाली जगह मिल जाती है, वहीं हरी चादर बिछा कर पीर बाबा की मजार बना दी जाती है। पनकी धाम में आयोजित कार्यक्रम में मंगलवार को 31 युवओं ने भोग, विलास, मोह, माया व परिवार को त्याग कर सन्यासी जीवन जी कर सनातन धर्म को आगे बढ़ाने का संकल्प लिया। मंत्रोचारण के बाद केसरिया ध्वज पताका फहरा कर सन्यासियों को धार्मिक गुरुओं ने शरुआत के 6 सन्यासियों को खड़ग, गुरु गोविंद सिंह की जीवनी, महाराणा प्रताप की जीवनी व भाला, रामायण व फरसा देकर सशस्त्र दीक्षा दी। कार्यक्रम की शुरुआत महाराष्ट्र से आए महंत कालीचरण महाराज ने शिव तांडव प्रस्तुत कर दी। परमट मंदिर से जल लेकर रवाना होंगे सन्यासी इसके बाद अन्य 25 सन्यासियों को त्रिशूल देकर दीक्षा दी गई। कार्यक्रम में शामिल वेदपाठियों व संतो को शस्त्र दिए गए। कार्यक्रम के दौरान चीफ ऑफ शिवशक्ति, सनातन धर्म रक्षा आर्मी प्रमुख मधुराम शरण शिवा ने कहा कि सन्यासी 25 अक्टूबर को परमट से गंगा जल लेकर बिठूर को रवाना होंगे, जहां 3 दिन रूक कर युवा सम्मेलन करेंगे। कहा कि एक हाथ माला व दूसरे हाथ में भाला के बिना धर्म को आगे नहीं बढ़ाया जा सकता। जब तक शस्त्र नहीं होगा, सत्य सिद्ध नहीं हो सकता कहा कि हमारे जीवन का एक मिशन है जीवन है कि जब तक शस्त्र नहीं होगा, तो न तुम सत्य सिद्ध कर सकते हो न स्वार्थ सिद्ध कर सकते हो। इसलिए वेद का पाठ करने वाले बटुकों को भी शस्त्र दिया गया है। सन्यासी पद यात्रा पर निकलेंगे, पदयात्रा में नगर भ्रमण करेंगे, बहुत दिन से लोगों ने शस्त्रधारी बाबा नहीं देखें होंगे। फिर हिंदू सम्मेलन कर कई जातियों के सन्यासी अपनी जातियों को ललकार कर हिंदू समाज को जागृत करेंगे। पांच प्रकार की मीटिंग करेंगे, जिसमें जातीय संगठनों के साथ मीटिंग करेंगे,कि हमे तुम कौन सा भारत देकर जा रहे हो। दूसरी मीटिंग हथियार रखने वालों के साथ होगी, जिनसे पूछा जाएगा कि ये हथियार किसलिए हैं। तीसरी मीटिंग में दुर्गा महोत्सव, गणेश महोत्सव, जागरण करने वालों के साथ होगी, जिसमें अरबों खर्च होता है। जिसमें धार्मिक मंचों से होने वाली फूहड़ता को रोका जाएगा। भंडारा चाहे न हो, हर हाथ में हो तलवार नवरात्र में देवी स्थापना करने वाले भंडारा, जागरण चाहे न करें, लेकिन अगर दुर्गा ने हाथ में तलवार ले रखी है तो मोहल्ले में हर हाथ में तलवार होनी चाहिए। चौथी मीटिंग 18 से 30 साल की महिलाओं के साथ बैठक होंगी, जो मैं हिंदू कहने में सकुचाती हैं। कहा कि जब तक माता जीजाबाई नहीं होंगी तब तक शिवाजी जैसे लोग कैसे पैंदा होंगे। सनातनी का अर्थ होता है शुद्ध साइंस मधुराम शरण ने कहा कि बीते 600 सालों से हम हीं बच रहे है, हम भी तो ऐसी स्थिति में आएं कि वो बचें। हिंदू गुंडे जाति मुद्दा बनाकर एक साथ लड़ रहे है। इस दौरान जय-जय श्री राम के नारे लगने लगे। कार्यक्रम में मुख्य वक्ता ने कहा कि सनातनी का अर्थ शुद्ध साइंस होता है, उन्होंने कहा कि करोड़ों रुपये लेने वाले कथावाचक ऐसा भावुक सीन क्रिएट करते है, जिससे कोई तर्क न करें। उन्होंने सवाल करते हुए कहा कि सारे धर्म बराबर कैसे हो सकते है, ये कहां लिखा हुआ है। धर्म का अर्थ पूजा पाठ नहीं बल्कि धर्म का अर्थ कर्तव्य होता है। सारे धर्म एक समान कहने वाले गंदी नाली की तुलना समुद्र से करने लगते है। कार्यक्रम के दौरान महाराष्ट्र से आए महंत कालीपुत्र कालीचरण महाराज, चित्रकूट धाम के मदन गोपालदास महाराज, पनकी धाम के महंत कृष्णदास महाराज, मोटिवेशन स्पीकर पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ, अंतर्राष्ट्रीय कथावाचक शिवाकांत महाराज, कल्कि सेना के विंग कमांडर पुष्कल द्विवेदी कार्यक्रम में शामिल हुए।
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