साइबर अपराधियों के निशाने पर बुजुर्ग, रिटायर पर्सन:मेरठ में लगातार ऐसी वारदातें हुई जिसमें साइबर फ्रॉड का शिकार सीनियर सिटीजन ही बने हैं
साइबर अपराधियों के निशाने पर श्हर के बुजुर्ग हैं। रिटायर कर्मचारियों से लेकर ऐसे आम नागरिक जो 65 साल से अधिक उम्र के हैं। साइबर अपराधी इन्हीं बुजुर्गों को अपने जााल में फंसाते हैं। उन्हें सीबीआई, आइबी, कस्टम या क्राइम ब्रांच जैसे सुरक्षा एजेंसियों का खौफ दिखाकर डिजिटल अरेस्ट करते हैं। फिर इनसे मनमानी रकम ठगते हैं। हाल में में मेरठ में सीडीए से रिटायर्र कर्मचारी को 5 दिन डिजिटल अरेस्ट रखा गया। अपराधियों ने फोन कॉल और चैट्स के जरिए उनसे वो सब करवाया जैसा वो चाहते थे। खौफजदा बुजुर्ग वो सब करते चले गए। बाद में पता चला कि उनकी जीवन भर की जो जमा पूंजी 15 लाख रुपए थे वो ठग लिए गए हैं। अब उनकी रकम उन्हें वापस मिलना मुश्किल है। शहर में बजुर्गों के साथ डिजिटल अरेस्ट की घटनाएं पढ़िए.. रिटायर CDA कर्मचारी से ठगे 15 लाख मेरठ में रिटायर्ड CDA कर्मचारी एससी जैन को साइबर ठगों नें सीबीआई अफसर बताकर 5 दिन डिजिटल अरेस्ट रखा। इतना ही नहीं अपराधियों ने 78 वर्षीय बुजुर्ग पर टॉर्चर की इंतेहा कर दी। क्रिमिनल्स ने एससी जैन को 1-1 घंटे तक ऑन कॉल रखा। उन्हें वॉशरूम भी नहीं जाने दिया। उनसे कहा अगर किसी को भी इसकी जानकारी दी तो तेरी पत्नी, बेटा सब फंसेंगे, सब जेल जाएंगे..इसलिए जैसा कहते हैं जो कहते हैं करता जा...बुजुर्ग एससी जैन परिवार को बचाने की खातिर वो सब करते रहे जो क्रिमिनल्स ने उनसे करवाया। यहां तक कि नौकरी के दौरान की गई अपनी सेविंग्स को तुड़वाकर उन्होंने तुरंत 15 लाख रुपयों का इंतजाम किया। यही रकम उन्होंने ठगों को भेजी। पूरे 5 दिन तक वो ऑन कॉल डिजिटल अरेस्ट रहे। अपराधियों ने उन्हें दीपक यादव और वर्मा के नाम से कॉल किया। बार-बार उनसे रकम निकलवाई। कहा तुम्हारे ऊपर मानव अंगों की तस्करी का जो केस है वो खत्म होते ही सारी रकम वापस मिल जाएगी। इसमें दो दिन लगेंगे। लेकिन दो दिन गुजरने के बाद न ही पैसे वापस आए, न उन नंबरों पर एससी जैन की बात हो सकी। रोते हुए उन्होंने सारी घटना पत्नी और बेटे को बताई। अब पुलिस आरोपियों की तलाश कर रही है। सीनियर सिटीजन को किया जाए जागरुक एससी जैन के बेटे राहुल जैन ने बताया कि जिस तरह साइबर ठगों ने मेरे पापा को टॉर्चर किया उन्हें न्याय मिलना चाहिए। किसी की जमा पूंजी को इस तरह से एक मिनट में ठग लिया जाता है यह बहुत सोचने वाली बात है। साइबर ठग सीनियर सिटीजन को अपना निशाना बनाकर उन्हें ठग रहे हैं। मैं भी अपने पापा के लिए न्याय चाहता हूं साथ ही सीनियर सिटीजन को इंटरनेट फ्रैंडली होने और अवेयर करने की बहुत जरूरत है। पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है। रिटायर्ड बैंक कर्मी से ठग लिए 1 करोड़ 73 लाख रुपए मेरठ में रिटायर्ड बैंक कर्मचारी को 4 दिन डिजिटल अरेस्ट कर 1 करोड़ 73 लाख 80 हजार रुपए की ऑनलाइन ठगी हुई। रिआयर बैंक कर्मचारी सिविल लाइन थाना क्षेत्र निवासी बुजुर्ग सूरज प्रकाश हैं। सूरज प्रकाश ने पुलिस को बताया कि उन्हें अंजान नंबर से कॉल आया। जिसमें कहा कि आप मनीलॉड्रिंग के आरोपी है, आपको जेल जाना पड़ेगा। बचना चाहते हो तो केस सैटल कर लो। सूरज प्रकाश इतना घबरा गए कि जैसा ठगों ने कहा वो करते रहे। उन्होंने किसी से अपनी बात शेयर नहीं करी। वो ठगों के वश में थे। बाद में पता चला कि उनके साथ लगभग पौने दो करोड़ रुपयो ंकी ठगी हो गई। कॉलर्स ने खुद को टेलीकॉम विभाग से बताते हुए उनके सभी नंबरों को बंद करने की बात कही। कॉल करने वाले ने बताया कि आपके आधार कार्ड का इस्तेमाल कर केनरा बैंक में एक अकाउंट खोला गया है, जिसमें 6.80 करोड़ रुपए मनी लॉन्ड्रिंग के आए हैं। इससे बचना है तो बैंक खाते से एक बार 3.80 लाख और दूसरी बार 5 लाख रुपए ट्रांसफर कराए गए। वहीं, 20 सितंबर को एक बैंक खाते में 90 लाख रुपए ट्रांसफर कराए गए। पुलिस इस मामले में आरोपियो ंको अरेस्ट कर चुकी है। प्रोफेसर दंपत्ति से 3 करोड़ की ठगी मेरठ में 31 अक्टूबर को रुड़की इंजीनियर कॉलेज के रिटायर प्रोफेसर दंपती से 3 करोड़ की ठगी की गई। साइबर ठगों ने शेयर ट्रेडिंग में मोटा मुनाफा होने का झांसा देकर पति, पत्नी से लगभग 3 करोड़ रुपयो ंकी ठगी कर ली। जब तक दंपत्ति पूरे स्कैम को समझकर पुलिस को बताते वो ठगे जा चुके थे। डॉ. अग्रवाल ने एसएसपी विपिन टाडा को दी शिकायत में बताया कि उनके अनाया शर्मा और रितेश जैन नाम के युवक के वॉट्सऐप कॉल और मैसेज कई बार आए। दोनों ने खुद को शेयर मार्केट का एक्सपर्ट बताया।इसके साथ ही शेयर ट्रेडिंग में बड़ा मुनाफा दिलाने का झांसा दिया। दोनो ठगों के बार-बार कहने पर 26 सितंबर को ब्रांडीवाइन ग्लोबल कंपनी में एचएनआई (हाई नेटवर्थ इन्वेस्टमेंट) में अपना एक अकाउंट खोल लिया। शुरुआत में उन्होंने 50 हजार रुपए का इन्वेस्टमेंट किया। प्रोफेसर ने बताया कि 10 अक्टूबर तक उनके खाते से 22 ट्रांजैक्शन हुई, जिसमें 1 करोड़ 73 लाख 25 हजार रुपए अलग-अलग बैंक खातों में ट्रांसफर किए गये. हुंडई मोटर इंडिया लिमिटेड के शेयर उन्हें आवंटित किए गए हैं, जो ब्रांडीवाइन ग्लोबल के पास हैं। पुलिस कर रही मामलों की जांच पूरे मामले पर एसपी सिटी आयुष विक्रम सिंह का कहना है कि बुजुर्गों को खास तौर से सतर्क और जागरुक रहने की जरूरत है। किसी भी स्कैम के झांसे में न आएं। अपनी साइबर सिक्योरिटी स्वयं मजबूती से करें। बाकी पुलिस लगातार कैम्पेन चलाकर बुजुर्गों को विशेष तौर पर डिजिटल अवेयरनेस दे रही है।
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