साउथ कोरिया में इमरजेंसी- देशभर में प्रदर्शन, विपक्षी हिरासत में:ऐलान के 5 घंटे बाद राष्ट्रपति बोले- सेना को वापस बुला लिया है, इमरजेंसी जल्द हटाएंगे

साउथ कोरिया में 3 दिसंबर को भारतीय समय अनुसार रात 8:35 बजे राष्ट्रपति यून सुक योल ने इमरजेंसी यानी मार्शल लॉ लगाने का ऐलान किया। इसके विरोध में देशभर में प्रदर्शन होने लगे, जिसके दबाव में आकर रात करीब 1:30 बजे राष्ट्रपति ने कहा- सेना को वापस बुला लिया है। जल्द ही कैबिनेट मीटिंग होगी, जिसमें हम इमरजेंसी हटाने का फैसला ले लेंगे। राष्ट्रपति ने मुख्य विपक्षी पार्टी पर उत्तर कोरिया के साथ सहानुभूति रखने और राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगाते हुए इमरजेंसी लगाई थी। ऐलान के बाद पूरा विपक्ष थोड़ी ही देर में नेशनल असेंबली पहुंच गया था। जब तक सेना असेंबली को कब्जे में लेने पहुंचती, उन्होंने संसद की कार्यवाही शुरू कर दी। बाहर विपक्षी दलों के हजारों समर्थक थे। सेना ने अंदर घुसने के लिए संसद की खिड़कियां तोड़नी शुरू कीं। कई विपक्षी सांसदों को हिरासत में लिया गया। संसद के ऊपर हेलिकॉप्टर और सड़कों मिलिट्री टैंक तैनात किए गए। लेकिन, जब तक जवान भीतर पहुंचते, नेशनल असेंबली के 300 में से 190 सांसदों ने राष्ट्रपति के मार्शल लॉ वाले प्रस्ताव को मतदान कर गिरा दिया। स्पीकर वू वोन सिक की घोषणा के बाद सेना ने कार्यवाही रोक दी। हालांकि, सेना ने कहा कि राष्ट्रपति द्वारा हटाए जाने की घोषणा करने तक सैन्य कानून लागू रहेगा। प्रदर्शन की 3 तस्वीरें... साउथ कोरिया में मार्शल लॉ लगाने की वजह...3 पॉइंट मार्शल लॉ के बाद रैलियां बैन, प्रसारण पर रोक

Dec 4, 2024 - 02:25
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साउथ कोरिया में इमरजेंसी- देशभर में प्रदर्शन, विपक्षी हिरासत में:ऐलान के 5 घंटे बाद राष्ट्रपति बोले- सेना को वापस बुला लिया है, इमरजेंसी जल्द हटाएंगे
साउथ कोरिया में 3 दिसंबर को भारतीय समय अनुसार रात 8:35 बजे राष्ट्रपति यून सुक योल ने इमरजेंसी यानी मार्शल लॉ लगाने का ऐलान किया। इसके विरोध में देशभर में प्रदर्शन होने लगे, जिसके दबाव में आकर रात करीब 1:30 बजे राष्ट्रपति ने कहा- सेना को वापस बुला लिया है। जल्द ही कैबिनेट मीटिंग होगी, जिसमें हम इमरजेंसी हटाने का फैसला ले लेंगे। राष्ट्रपति ने मुख्य विपक्षी पार्टी पर उत्तर कोरिया के साथ सहानुभूति रखने और राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगाते हुए इमरजेंसी लगाई थी। ऐलान के बाद पूरा विपक्ष थोड़ी ही देर में नेशनल असेंबली पहुंच गया था। जब तक सेना असेंबली को कब्जे में लेने पहुंचती, उन्होंने संसद की कार्यवाही शुरू कर दी। बाहर विपक्षी दलों के हजारों समर्थक थे। सेना ने अंदर घुसने के लिए संसद की खिड़कियां तोड़नी शुरू कीं। कई विपक्षी सांसदों को हिरासत में लिया गया। संसद के ऊपर हेलिकॉप्टर और सड़कों मिलिट्री टैंक तैनात किए गए। लेकिन, जब तक जवान भीतर पहुंचते, नेशनल असेंबली के 300 में से 190 सांसदों ने राष्ट्रपति के मार्शल लॉ वाले प्रस्ताव को मतदान कर गिरा दिया। स्पीकर वू वोन सिक की घोषणा के बाद सेना ने कार्यवाही रोक दी। हालांकि, सेना ने कहा कि राष्ट्रपति द्वारा हटाए जाने की घोषणा करने तक सैन्य कानून लागू रहेगा। प्रदर्शन की 3 तस्वीरें... साउथ कोरिया में मार्शल लॉ लगाने की वजह...3 पॉइंट मार्शल लॉ के बाद रैलियां बैन, प्रसारण पर रोक

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