सिरमौर में मां ने जान देकर अपने बच्चे को बचाया:खेत में गई थी घास काटने, रंगड़ों ने कर दिया हमला

हिमाचल प्रदेश के जिला सिरमौर के शिलाई उपमंडल में एक माँ ने अपनी जान की देकर अपने 3 वर्षीय मासूम बच्चे को बचा लिया। लेकिन खुद रंगड़ों के हमले से नहीं बच पाई। ये मामला शिलाई विधानसभा के कांडों भटनोल का है। इस पंचायत से ताल्लुक रखने वाले पूर्व बीडीसी चेयरमैन रतन चौहान ने बताया कि गांव की एक महिला बच्चे के साथ घास काटने गई थी। इसी दौरान रंगड़ों ने बच्चे पर हमला कर दिया। जैसे ही महिला ने रंगड़ों को हमला करते देखा उसने अपने सिर से ढांटू उतार बच्चे के सिर पर डाल दिया और मासूम बच्चे के साथ लिपट गई। इसके बाद रंगड़ों ने महिला पर हमला कर दिया। गांव के ही चतर सिंह ने महिला व बच्चे को बचाने का प्रयास किया लेकिन वो भी महिला को नहीं बचा सके। बच्चे को तो मदद मिल गई। लेकिन हादसे के बाद महिला को शिलाई अस्पताल ले जाया गया, जहां से गंभीर हालत में देखते हुए उसे पांवटा रेफर किया जा रहा था, लेकिन रास्ते में ही उसकी मौत हो गई। जबकि 3 साल के मासूम बच्चे को नाहन मेडिकल कॉलेज लाया गया है। बताया जा रहा है कि बच्चा खतरे से बाहर है। मृतका की पहचान 28 वर्षीय अनु पुत्री साधु राम के रूप में हुई है। महिला अपने पीछे दो बच्चों को छोड़ गई है। घटना के बाद से गांव में शोक का माहौल बना हुआ है।

Nov 17, 2024 - 15:30
 0  254.6k
सिरमौर में मां ने जान देकर अपने बच्चे को बचाया:खेत में गई थी घास काटने, रंगड़ों ने कर दिया हमला
हिमाचल प्रदेश के जिला सिरमौर के शिलाई उपमंडल में एक माँ ने अपनी जान की देकर अपने 3 वर्षीय मासूम बच्चे को बचा लिया। लेकिन खुद रंगड़ों के हमले से नहीं बच पाई। ये मामला शिलाई विधानसभा के कांडों भटनोल का है। इस पंचायत से ताल्लुक रखने वाले पूर्व बीडीसी चेयरमैन रतन चौहान ने बताया कि गांव की एक महिला बच्चे के साथ घास काटने गई थी। इसी दौरान रंगड़ों ने बच्चे पर हमला कर दिया। जैसे ही महिला ने रंगड़ों को हमला करते देखा उसने अपने सिर से ढांटू उतार बच्चे के सिर पर डाल दिया और मासूम बच्चे के साथ लिपट गई। इसके बाद रंगड़ों ने महिला पर हमला कर दिया। गांव के ही चतर सिंह ने महिला व बच्चे को बचाने का प्रयास किया लेकिन वो भी महिला को नहीं बचा सके। बच्चे को तो मदद मिल गई। लेकिन हादसे के बाद महिला को शिलाई अस्पताल ले जाया गया, जहां से गंभीर हालत में देखते हुए उसे पांवटा रेफर किया जा रहा था, लेकिन रास्ते में ही उसकी मौत हो गई। जबकि 3 साल के मासूम बच्चे को नाहन मेडिकल कॉलेज लाया गया है। बताया जा रहा है कि बच्चा खतरे से बाहर है। मृतका की पहचान 28 वर्षीय अनु पुत्री साधु राम के रूप में हुई है। महिला अपने पीछे दो बच्चों को छोड़ गई है। घटना के बाद से गांव में शोक का माहौल बना हुआ है।

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow