सुलतानपुर में लक्ष्मी की प्रतिमा का विसर्जन:सीताकुंड घाट पर उमड़ा जनसैलाब, जमकर उड़े अबीर-गुलाल

सुलतान में रविवार की देर शाम गाजे-बाजे के साथ मां काली-मां लक्ष्मी, श्री गणेश जी की प्रतिमाओं की विसर्जन शोभायात्रा निकाली गई। श्रद्धालुओं ने नम आंखो से मां काली-लक्ष्मी श्री गणेश जी को तिलक कर उनका कोछा पूजा, माला पहनाकर उनकी आरती उतारी। गाजे बाजे के साथ निकली शोभायात्रा, उड़े अबीर-गुलाल सर्जन शोभायात्रा में दीपावली और होली दोनों का नजारा दिखा। जहां जमकर आतिशबाजी हुई और सारी रात प्रतिमाओं के रथ के आगे डीजे पर भक्ति गीतों पर श्रद्धालु जमकर थिरके और जमकर अबीर-गुलाल उड़े। पुरुषों के साथ-साथ महिलाएं भी विसर्जन शोभायात्रा में शामिल रहीं। देर शाम दो दर्जन से अधिक प्रतिमाएं विसर्जन शोभायात्रा में कतारबद्ध होकर धीरे-धीरे नगर के प्रमुख मार्गों से होकर गुजरी। इस दौरान जगह-जगह विसर्जन शोभायात्रा में श्रद्धालुओं ने आरती उतारी। शहर के कई स्थानों पर स्थापित की गई थी मूर्तियां देर रात शहर के पौराणिक स्थल सीताकुण्ड धाम पर प्रतिमाओं का पहुंचना आरम्भ हुआ और सारी रात गोमती में जयकारों के साथ इन प्रतिमाओं के विसर्जन का सिलसिला जारी रहा। विसर्जन के साथ ही बीते एक सप्ताह से चल रहे मां काली-मां लक्ष्मी-श्री गणेश पूजा महोत्सव का समापन हुआ। बता दें कि नगर के नबीपुर, गांधी नगर, शाहगंज, ठठेरी बाजार आदि स्थानों पर प्रतिमाएं स्थापित की गई थी।

Nov 4, 2024 - 12:30
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सुलतानपुर में लक्ष्मी की प्रतिमा का विसर्जन:सीताकुंड घाट पर उमड़ा जनसैलाब, जमकर उड़े अबीर-गुलाल
सुलतान में रविवार की देर शाम गाजे-बाजे के साथ मां काली-मां लक्ष्मी, श्री गणेश जी की प्रतिमाओं की विसर्जन शोभायात्रा निकाली गई। श्रद्धालुओं ने नम आंखो से मां काली-लक्ष्मी श्री गणेश जी को तिलक कर उनका कोछा पूजा, माला पहनाकर उनकी आरती उतारी। गाजे बाजे के साथ निकली शोभायात्रा, उड़े अबीर-गुलाल सर्जन शोभायात्रा में दीपावली और होली दोनों का नजारा दिखा। जहां जमकर आतिशबाजी हुई और सारी रात प्रतिमाओं के रथ के आगे डीजे पर भक्ति गीतों पर श्रद्धालु जमकर थिरके और जमकर अबीर-गुलाल उड़े। पुरुषों के साथ-साथ महिलाएं भी विसर्जन शोभायात्रा में शामिल रहीं। देर शाम दो दर्जन से अधिक प्रतिमाएं विसर्जन शोभायात्रा में कतारबद्ध होकर धीरे-धीरे नगर के प्रमुख मार्गों से होकर गुजरी। इस दौरान जगह-जगह विसर्जन शोभायात्रा में श्रद्धालुओं ने आरती उतारी। शहर के कई स्थानों पर स्थापित की गई थी मूर्तियां देर रात शहर के पौराणिक स्थल सीताकुण्ड धाम पर प्रतिमाओं का पहुंचना आरम्भ हुआ और सारी रात गोमती में जयकारों के साथ इन प्रतिमाओं के विसर्जन का सिलसिला जारी रहा। विसर्जन के साथ ही बीते एक सप्ताह से चल रहे मां काली-मां लक्ष्मी-श्री गणेश पूजा महोत्सव का समापन हुआ। बता दें कि नगर के नबीपुर, गांधी नगर, शाहगंज, ठठेरी बाजार आदि स्थानों पर प्रतिमाएं स्थापित की गई थी।

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