स्कूलों से टीचरों के गायब रहने पर क्या एक्शन लिया-HC:हाईकोर्ट ने प्राइमरी स्कूलों में टीचरों की हाजिरी पर सरकार से मांगा जवाब, कहा कार्ययोजना बताएं

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रदेश के प्राइमरी स्कूलों से टीचरों के गायब रहने को राज्य सरकार की शिक्षा व्यवस्था के लिए अभिशाप बताया। हाईकोर्ट ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए कहा कि कानून के अनुसार इस बुराई को खत्म करने के लिए उचित कदम उठाए जाने चाहिए। कोर्ट ने इस मामले में प्रदेश के प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा से हलफनामा मांगा है कि वह बताएं कि प्राइमरी स्कूलों में टीचरों की उपस्थिति सुनिश्चित करने को लेकर सरकार ने पूर्व में क्या कदम उठाए हैं। हाईकोर्ट ने यह भी बताने को कहा है कि वर्तमान में स्कूलों में टीचरों की हाजिरी सुनिश्चित करने के लिए सरकार की क्या कार्य योजना है। यह आदेश जस्टिस अजय भनोट ने जिला मऊ की टीचर द्रौपदी देवी की याचिका पर पारित किया है। कोर्ट ने कहा कि प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा का हलफनामा जरूरी है ताकि टीचरों के स्कूलों से गैरहाजिर रहने का संकट समाप्त हो सके। कोर्ट इस याचिका पर आगामी 26 नवम्बर को सुनवाई करेगी। याची टीचर का वेतन उसके स्कूल में गैर हाजिर रहने के कारण रोक दिया गया था। बीएसए मऊ की तरफ से कोर्ट में उपस्थित अधिवक्ता अर्चना सिंह ने जब कोर्ट को इस बात की जानकारी दी तो कोर्ट ने स्कूलों में टीचरों की अनुपस्थिति को लेकर चिंता व्यक्त करते हुए उक्त आदेश पारित किया। बायोमेट्रिक हाज़िरी का मामला भी उठा आपको बता दें कि 8 जुलाई, 2024 को योगी सरकार ने प्राइमरी स्कूलों में शिक्षकों की बायोमेट्रिक हाज़िरी का आदेश जारी किया था। इस आदेश के बाद, शिक्षकों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया था। शिक्षक नेताओं ने कहा था कि आदेश वापस होने तक आंदोलन जारी रहेगा। भाजपा के कई सांसदों और विधायकों ने भी बाद में सरकार को पत्र लिखकर डिजिटल अटेंडेंस को स्थगित करने की मांग की थी। सरकार ने आधे घंटे का अतिरिक्त समय दिया था। इसके बाद, सरकार ने बायोमेट्रिक अटेंडेंस पर रोक लगाने का फ़ैसला किया और एक कमेटी को दो महीने में इस पर फ़ैसला लेने का आदेश दिया।

Oct 29, 2024 - 10:35
 54  501.8k
स्कूलों से टीचरों के गायब रहने पर क्या एक्शन लिया-HC:हाईकोर्ट ने प्राइमरी स्कूलों में टीचरों की हाजिरी पर सरकार से मांगा जवाब, कहा कार्ययोजना बताएं
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रदेश के प्राइमरी स्कूलों से टीचरों के गायब रहने को राज्य सरकार की शिक्षा व्यवस्था के लिए अभिशाप बताया। हाईकोर्ट ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए कहा कि कानून के अनुसार इस बुराई को खत्म करने के लिए उचित कदम उठाए जाने चाहिए। कोर्ट ने इस मामले में प्रदेश के प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा से हलफनामा मांगा है कि वह बताएं कि प्राइमरी स्कूलों में टीचरों की उपस्थिति सुनिश्चित करने को लेकर सरकार ने पूर्व में क्या कदम उठाए हैं। हाईकोर्ट ने यह भी बताने को कहा है कि वर्तमान में स्कूलों में टीचरों की हाजिरी सुनिश्चित करने के लिए सरकार की क्या कार्य योजना है। यह आदेश जस्टिस अजय भनोट ने जिला मऊ की टीचर द्रौपदी देवी की याचिका पर पारित किया है। कोर्ट ने कहा कि प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा का हलफनामा जरूरी है ताकि टीचरों के स्कूलों से गैरहाजिर रहने का संकट समाप्त हो सके। कोर्ट इस याचिका पर आगामी 26 नवम्बर को सुनवाई करेगी। याची टीचर का वेतन उसके स्कूल में गैर हाजिर रहने के कारण रोक दिया गया था। बीएसए मऊ की तरफ से कोर्ट में उपस्थित अधिवक्ता अर्चना सिंह ने जब कोर्ट को इस बात की जानकारी दी तो कोर्ट ने स्कूलों में टीचरों की अनुपस्थिति को लेकर चिंता व्यक्त करते हुए उक्त आदेश पारित किया। बायोमेट्रिक हाज़िरी का मामला भी उठा आपको बता दें कि 8 जुलाई, 2024 को योगी सरकार ने प्राइमरी स्कूलों में शिक्षकों की बायोमेट्रिक हाज़िरी का आदेश जारी किया था। इस आदेश के बाद, शिक्षकों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया था। शिक्षक नेताओं ने कहा था कि आदेश वापस होने तक आंदोलन जारी रहेगा। भाजपा के कई सांसदों और विधायकों ने भी बाद में सरकार को पत्र लिखकर डिजिटल अटेंडेंस को स्थगित करने की मांग की थी। सरकार ने आधे घंटे का अतिरिक्त समय दिया था। इसके बाद, सरकार ने बायोमेट्रिक अटेंडेंस पर रोक लगाने का फ़ैसला किया और एक कमेटी को दो महीने में इस पर फ़ैसला लेने का आदेश दिया।

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow