स्टेट हैंडबाल चैंपियन काजल की स्ट्रगल स्टोरी:पिता मजदूर, रोज 10 किमी साइकिल चलाकर प्रैक्टिस करने जाती है, नेशनल टीम का कप्तान बनना है सपना

'पिता जी उड़ीसा रहते हैं और मजदूरी करते हैं। बाकी घर में एक भाई और एक बहन और हैं। दो साल पहले ही हमने हैंडबॉल खेलना शुरू किया पर अब मजा आता है। मेरा लक्ष्य भारतीय हैंडबॉल टीम का कप्तान बनना है। पिता जी मजदूरी करते हैं। खाने को हो या न हो पर खेलने के लिए हमेशा प्रेरित करते हैं और कर्जा लेकर हमारा पूरा करते हैं। ये कहना है वाराणसी जिला मुख्यालय से 15 किलोमीटर दूर आयर बाजार की रहने वाली कक्षा 9 की छात्रा काजल पटेल का। काजल सब जूनियर की स्टेट प्लेयर हैं। उन्होंने हाल ही में अयोध्या में संपन्न हुई सब जूनियर स्टेट प्रतियोगिता में वाराणसी मंडल की जीत में अहम भूमिका निभाई और उन्हें प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट का खिताब मिला। काजल की पारिवारिक स्थिति कैसी है? वो पढ़ाई में कैसी है और उसका लक्ष्य क्या है ? इन सब विषयों पर हमने काजल और उत्तर प्रदेश हैंडबॉल संघ के उपाध्यक्ष डॉ एके सिंह से बात की। पढ़िए खास रिपोर्ट... सबसे पहले काजल से जानेंगे उनके परिवार के बारे में और उनके स्ट्रगल के बारे में... पिता मेशव पटेल करते हैं उड़ीसा में मजदूरी काजल का घर आधा कच्चा और आधा पक्का है। इसमें वो और उनका परिवार रहते हैं। उनके पिता मेशव पटेल उड़ीसा में मजदूरी करते हैं। उसके बावजूद अपनी बेटी को हमेशा आगे बढ़ने की प्रेरणा देते हैं। काजल ने बताया- वो कक्षा 6 से विकास इंटर कालेज की स्टूडेंट हैं। यहां आयी तो लड़कियों को खेलते देखती थी। उसके बाद मैंने भी खेल में जाने का मन बनाया और पिता जी से अनुमति ली तो उन्होंने मना नहीं किया। गरीब परिवार की काजल दो साल से खेल रहीं हैंडबॉल सब जूनियर टीम की खिलाड़ी काजल ने बताया- दो साल से हैंडबॉल खेल रही हूं, खेल के बाद घर साईकिल से जाती हूं और फिर पढ़ाई करती हूं। घर ग्राउंड से 10 किलोमीटर है तो साइकिल से आना जाना होता है। काजल ने बताया गरीब परिवार है लेकिन पिता मजदूरी करके और विकास इंटर कालेज के सपोर्ट से इस मुकाम पर पहुंची हूं। हैंडबॉल नेशनल टीम का बनना है कप्तान मैदान पर प्रैक्टिस कर रही काजल ने बताया- मैं लगातार गेम में सुधार कर रही हूं। हाल ही में अयोध्या में हुई प्रतियोगिता में मैंने अच्छा किया था। अब मेरा लक्ष्य नेशनल टीम का कप्तान बनना है। जिसके लिए रोजाना सुबह और शाम मिलकर 5 घंटे प्रैक्टिस हो रही है। काजल का खेल कैसा है और क्या संभावनाएं हैं। इसपर हमने उत्तर प्रदेश हैंडबाल संघ के उपाध्यक्ष डॉ एके सिंह से बात की... पढ़ने में औसत पर खेल में नंबर वन है काजल डॉ एके सिंह उत्तर प्रदेश हैंडबॉल संघ के उपाध्यक्ष और विकास इंटर कालेज के प्रधानाचार्य भी हैं। उन्होंने बताया- काजल यहां कक्षा 6 में पढ़ने आयी थी। उस वक़्त उसका मन पढ़ाई में कम लगता था। ऐसे में कोच से चर्चा के बाद उसे खेल की तरफ मोटिवेट किया गया। जिसके बाद अब वह खेल में आगे बढ़ गई है। अयोध्या में हुई प्रतियोगिता में उसने कमाल किया है और आगे भी अच्छा करेगी। ऐसे उम्मीद है। फीस माफ, जरूरत का सामान भी दे रहा संघ डॉ एके सिंह ने कहा- काजल को घर से पहले सपोर्ट नहीं मिला। ऐसे में हमने उसकी स्कूल की फीस माफ कर दी। वह फ्री होकर खेलने लगी। उसका किट और अन्य सामान भी हमने मुहैया कराया जिसके बाद घर से भी उसे सपोर्ट मिलने लगा है। उसके पिता मजदूरी करते हैं। फिलहाल वह लगातार अच्छा कर रही है और आगे बढ़ रही है।

Nov 17, 2024 - 07:20
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स्टेट हैंडबाल चैंपियन काजल की स्ट्रगल स्टोरी:पिता मजदूर, रोज 10 किमी साइकिल चलाकर प्रैक्टिस करने जाती है, नेशनल टीम का कप्तान बनना है सपना
'पिता जी उड़ीसा रहते हैं और मजदूरी करते हैं। बाकी घर में एक भाई और एक बहन और हैं। दो साल पहले ही हमने हैंडबॉल खेलना शुरू किया पर अब मजा आता है। मेरा लक्ष्य भारतीय हैंडबॉल टीम का कप्तान बनना है। पिता जी मजदूरी करते हैं। खाने को हो या न हो पर खेलने के लिए हमेशा प्रेरित करते हैं और कर्जा लेकर हमारा पूरा करते हैं। ये कहना है वाराणसी जिला मुख्यालय से 15 किलोमीटर दूर आयर बाजार की रहने वाली कक्षा 9 की छात्रा काजल पटेल का। काजल सब जूनियर की स्टेट प्लेयर हैं। उन्होंने हाल ही में अयोध्या में संपन्न हुई सब जूनियर स्टेट प्रतियोगिता में वाराणसी मंडल की जीत में अहम भूमिका निभाई और उन्हें प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट का खिताब मिला। काजल की पारिवारिक स्थिति कैसी है? वो पढ़ाई में कैसी है और उसका लक्ष्य क्या है ? इन सब विषयों पर हमने काजल और उत्तर प्रदेश हैंडबॉल संघ के उपाध्यक्ष डॉ एके सिंह से बात की। पढ़िए खास रिपोर्ट... सबसे पहले काजल से जानेंगे उनके परिवार के बारे में और उनके स्ट्रगल के बारे में... पिता मेशव पटेल करते हैं उड़ीसा में मजदूरी काजल का घर आधा कच्चा और आधा पक्का है। इसमें वो और उनका परिवार रहते हैं। उनके पिता मेशव पटेल उड़ीसा में मजदूरी करते हैं। उसके बावजूद अपनी बेटी को हमेशा आगे बढ़ने की प्रेरणा देते हैं। काजल ने बताया- वो कक्षा 6 से विकास इंटर कालेज की स्टूडेंट हैं। यहां आयी तो लड़कियों को खेलते देखती थी। उसके बाद मैंने भी खेल में जाने का मन बनाया और पिता जी से अनुमति ली तो उन्होंने मना नहीं किया। गरीब परिवार की काजल दो साल से खेल रहीं हैंडबॉल सब जूनियर टीम की खिलाड़ी काजल ने बताया- दो साल से हैंडबॉल खेल रही हूं, खेल के बाद घर साईकिल से जाती हूं और फिर पढ़ाई करती हूं। घर ग्राउंड से 10 किलोमीटर है तो साइकिल से आना जाना होता है। काजल ने बताया गरीब परिवार है लेकिन पिता मजदूरी करके और विकास इंटर कालेज के सपोर्ट से इस मुकाम पर पहुंची हूं। हैंडबॉल नेशनल टीम का बनना है कप्तान मैदान पर प्रैक्टिस कर रही काजल ने बताया- मैं लगातार गेम में सुधार कर रही हूं। हाल ही में अयोध्या में हुई प्रतियोगिता में मैंने अच्छा किया था। अब मेरा लक्ष्य नेशनल टीम का कप्तान बनना है। जिसके लिए रोजाना सुबह और शाम मिलकर 5 घंटे प्रैक्टिस हो रही है। काजल का खेल कैसा है और क्या संभावनाएं हैं। इसपर हमने उत्तर प्रदेश हैंडबाल संघ के उपाध्यक्ष डॉ एके सिंह से बात की... पढ़ने में औसत पर खेल में नंबर वन है काजल डॉ एके सिंह उत्तर प्रदेश हैंडबॉल संघ के उपाध्यक्ष और विकास इंटर कालेज के प्रधानाचार्य भी हैं। उन्होंने बताया- काजल यहां कक्षा 6 में पढ़ने आयी थी। उस वक़्त उसका मन पढ़ाई में कम लगता था। ऐसे में कोच से चर्चा के बाद उसे खेल की तरफ मोटिवेट किया गया। जिसके बाद अब वह खेल में आगे बढ़ गई है। अयोध्या में हुई प्रतियोगिता में उसने कमाल किया है और आगे भी अच्छा करेगी। ऐसे उम्मीद है। फीस माफ, जरूरत का सामान भी दे रहा संघ डॉ एके सिंह ने कहा- काजल को घर से पहले सपोर्ट नहीं मिला। ऐसे में हमने उसकी स्कूल की फीस माफ कर दी। वह फ्री होकर खेलने लगी। उसका किट और अन्य सामान भी हमने मुहैया कराया जिसके बाद घर से भी उसे सपोर्ट मिलने लगा है। उसके पिता मजदूरी करते हैं। फिलहाल वह लगातार अच्छा कर रही है और आगे बढ़ रही है।

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