हरदोई में गुमटियां उठाकर भागे लोग:पक्के निर्माण पर चला बुलडोजर, PIL पर हाईकोर्ट के आदेश पर कार्रवाई

हरदोई में पाली नगर के रामलीला चौराहे के पास तहसील और निकाय प्रशासन की टीम ने पुलिस बल की मौजूदगी में तीन पक्के मकान के अवैध हिस्से को गिराने का काम किया। वहीं करीब दो दर्जन लकड़ी के खोखों को लोगों ने पहले ही हटा लिया था। लोगों का आरोप है कि प्रशासन ने भेदभावपूर्ण कार्रवाई कर रहा है। पाली नगर के रघुवीर सिंह लाला ने हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ में याचिका दाखिल की थी। याचिका में रघुवीर लाला ने बताया था कि भूमि गाटा संख्या 30 प्रशासनिक अभिलेखों में चकरोड के रूप में दर्ज है, जबकि इस जमीन पर दर्जनों लकड़ी और टीन के खोखे रखे गए हैं। वहीं, पक्की दुकानों एवं मकानों का अवैध तरीके से निर्माण किया गया है। कई चबूतरे भी इस जमीन पर बनाए गए हैं। अदालत ने इस मामले में 25 नवंबर की तारीख सुनवाई के लिए तय की है। वहीं, अधिशासी अधिकारी जयप्रकाश सिंह यादव ने बताया कि गाटा संख्या 30 पर अतिक्रमण करने वाले अवैध कब्जेदारों को काफी पहले ही नोटिस दिया गया था, लेकिन उन्होंने अतिक्रमण नहीं हटाया। इसके बाद बुधवार को नायब तहसीलदार आभा चौधरी की मौजूदगी में नगर पंचायत कार्यालय की टीम ने पुलिस बल के साथ पहुंचकर अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई की है। जेसीबी से हटाया गया अतिक्रमण यहां यह बताना लाजिमी है कि अतिक्रमण के खिलाफ इस कार्रवाई की जानकारी अवैध कब्जेदारों को एक दिन पहले ही हो गई थी इसलिए करीब दो दर्जन लकड़ी और टीन के खोखों को बीती रात ही लोगों ने हटा लिया था। वहीं विनोद कुशवाहा, प्रमोद कुशवाहा और सत्य स्वरूप मिश्रा के द्वारा अपने मकान के आगे करीब 10-10 फीट अवैध निर्माण किया गया था, इसे जब प्रशासनिक टीम जेसीबी की मदद से गिराने पहुंची तो इन अवैध कब्जेदारों ने अपने परिजनों के साथ मिलकर स्वयं अवैध निर्माण को गिराना शुरू कर दिया। दोबारा कोर्ट जाने की कही बात हालांकि बाद में जेसीबी के द्वारा तीनों पक्के मकानों के अवैध हिस्से को पूरी तरह ढहा दिया गया। हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल करने वाले समाजसेवी रघुवीर लाला ने आरोप लगाया कि तहसील और निकाय प्रशासन के द्वारा अतिक्रमण के खिलाफ जो कार्रवाई की गई वह महज खानापूर्ति साबित हुई। रघुवीर लाला का आरोप हैं कि गाटा संख्या 30 के संपूर्ण रकबे की पैमाइश नहीं की गई है, जिसकी वजह से अभी भी तमाम अवैध कब्जे बरकरार हैं। उन्होंने कहा कि कोर्ट में इसको लेकर पुनः प्रार्थना पत्र देंगे।

Nov 20, 2024 - 17:45
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हरदोई में गुमटियां उठाकर भागे लोग:पक्के निर्माण पर चला बुलडोजर, PIL पर हाईकोर्ट के आदेश पर कार्रवाई
हरदोई में पाली नगर के रामलीला चौराहे के पास तहसील और निकाय प्रशासन की टीम ने पुलिस बल की मौजूदगी में तीन पक्के मकान के अवैध हिस्से को गिराने का काम किया। वहीं करीब दो दर्जन लकड़ी के खोखों को लोगों ने पहले ही हटा लिया था। लोगों का आरोप है कि प्रशासन ने भेदभावपूर्ण कार्रवाई कर रहा है। पाली नगर के रघुवीर सिंह लाला ने हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ में याचिका दाखिल की थी। याचिका में रघुवीर लाला ने बताया था कि भूमि गाटा संख्या 30 प्रशासनिक अभिलेखों में चकरोड के रूप में दर्ज है, जबकि इस जमीन पर दर्जनों लकड़ी और टीन के खोखे रखे गए हैं। वहीं, पक्की दुकानों एवं मकानों का अवैध तरीके से निर्माण किया गया है। कई चबूतरे भी इस जमीन पर बनाए गए हैं। अदालत ने इस मामले में 25 नवंबर की तारीख सुनवाई के लिए तय की है। वहीं, अधिशासी अधिकारी जयप्रकाश सिंह यादव ने बताया कि गाटा संख्या 30 पर अतिक्रमण करने वाले अवैध कब्जेदारों को काफी पहले ही नोटिस दिया गया था, लेकिन उन्होंने अतिक्रमण नहीं हटाया। इसके बाद बुधवार को नायब तहसीलदार आभा चौधरी की मौजूदगी में नगर पंचायत कार्यालय की टीम ने पुलिस बल के साथ पहुंचकर अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई की है। जेसीबी से हटाया गया अतिक्रमण यहां यह बताना लाजिमी है कि अतिक्रमण के खिलाफ इस कार्रवाई की जानकारी अवैध कब्जेदारों को एक दिन पहले ही हो गई थी इसलिए करीब दो दर्जन लकड़ी और टीन के खोखों को बीती रात ही लोगों ने हटा लिया था। वहीं विनोद कुशवाहा, प्रमोद कुशवाहा और सत्य स्वरूप मिश्रा के द्वारा अपने मकान के आगे करीब 10-10 फीट अवैध निर्माण किया गया था, इसे जब प्रशासनिक टीम जेसीबी की मदद से गिराने पहुंची तो इन अवैध कब्जेदारों ने अपने परिजनों के साथ मिलकर स्वयं अवैध निर्माण को गिराना शुरू कर दिया। दोबारा कोर्ट जाने की कही बात हालांकि बाद में जेसीबी के द्वारा तीनों पक्के मकानों के अवैध हिस्से को पूरी तरह ढहा दिया गया। हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल करने वाले समाजसेवी रघुवीर लाला ने आरोप लगाया कि तहसील और निकाय प्रशासन के द्वारा अतिक्रमण के खिलाफ जो कार्रवाई की गई वह महज खानापूर्ति साबित हुई। रघुवीर लाला का आरोप हैं कि गाटा संख्या 30 के संपूर्ण रकबे की पैमाइश नहीं की गई है, जिसकी वजह से अभी भी तमाम अवैध कब्जे बरकरार हैं। उन्होंने कहा कि कोर्ट में इसको लेकर पुनः प्रार्थना पत्र देंगे।

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