हरदोई में निकाली गई भव्य कलश यात्रा:महिलाएं सिर पर कलश रखकर निकलीं, कथा व्यास ने सुनाई श्रीमद्भागवत कथा

हरदोई में भव्य कलश यात्रा निकाली गई, जिसमें भारी तादाद में लोग शामिल हुए। बच्चे और महिलाएं सिर पर कलश रख कर निकले। इसके बाद नैमिषारण्य धाम से आए कथा वाचक ने श्रीमद्भागवत कथा सुनाई।विकास क्षेत्र बेहंदर के जाहिदपुर गांव में सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा का शुभारंभ किया गया। कथा वाचक ने श्रद्धालुओं को गोकर्ण प्रसंग सुनाया। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे। जाहिदपुर गांव में श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन किया जा रहा है। कथा से पहले गांव में कलश यात्रा निकाली गई। इसके बाद नैमिषारण्य धाम से आए कथा वाचक संजय शुक्ला ने गोकर्ण प्रसंग पर प्रकाश डालते हुए कहा कि ज्ञान रूपी दीपक प्रत्येक व्यक्ति में विराजमान है, जो भगवत कथा के ज्ञान के श्रवण से प्राप्त होता है। कथावाचक ने कथा में यह प्रसंग सुनाया कि श्री कृष्ण से अंतिम समय उद्धव ने प्रश्न किया कि प्रभु आप इस संसार से जा रहे है, अब भक्तगण आपका दर्शन कैसे करेंगे, तब श्रीकृष्ण ने कहा कि भक्त मेरा दर्शन मेरे नाम, मेरे धाम, मेरे ग्रंथ में कर सकते है। कथा को श्रवण करने आए सैकड़ों की संख्या में भक्तों ने जब इस प्रसंग को सुना तो वह भाव विभोर को उठे। इस अवसर पर राज कुमार सिंह चौहान, सोमराज सिंह चौहान, अजय द्विवेदी सहित सैकड़ों भक्तों ने कथा का श्रवण किया।

Nov 12, 2024 - 16:35
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हरदोई में निकाली गई भव्य कलश यात्रा:महिलाएं सिर पर कलश रखकर निकलीं, कथा व्यास ने सुनाई श्रीमद्भागवत कथा
हरदोई में भव्य कलश यात्रा निकाली गई, जिसमें भारी तादाद में लोग शामिल हुए। बच्चे और महिलाएं सिर पर कलश रख कर निकले। इसके बाद नैमिषारण्य धाम से आए कथा वाचक ने श्रीमद्भागवत कथा सुनाई।विकास क्षेत्र बेहंदर के जाहिदपुर गांव में सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा का शुभारंभ किया गया। कथा वाचक ने श्रद्धालुओं को गोकर्ण प्रसंग सुनाया। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे। जाहिदपुर गांव में श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन किया जा रहा है। कथा से पहले गांव में कलश यात्रा निकाली गई। इसके बाद नैमिषारण्य धाम से आए कथा वाचक संजय शुक्ला ने गोकर्ण प्रसंग पर प्रकाश डालते हुए कहा कि ज्ञान रूपी दीपक प्रत्येक व्यक्ति में विराजमान है, जो भगवत कथा के ज्ञान के श्रवण से प्राप्त होता है। कथावाचक ने कथा में यह प्रसंग सुनाया कि श्री कृष्ण से अंतिम समय उद्धव ने प्रश्न किया कि प्रभु आप इस संसार से जा रहे है, अब भक्तगण आपका दर्शन कैसे करेंगे, तब श्रीकृष्ण ने कहा कि भक्त मेरा दर्शन मेरे नाम, मेरे धाम, मेरे ग्रंथ में कर सकते है। कथा को श्रवण करने आए सैकड़ों की संख्या में भक्तों ने जब इस प्रसंग को सुना तो वह भाव विभोर को उठे। इस अवसर पर राज कुमार सिंह चौहान, सोमराज सिंह चौहान, अजय द्विवेदी सहित सैकड़ों भक्तों ने कथा का श्रवण किया।

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