25 करोड़ से बना भगवान जिनेंद्र का रथ:फिरोजाबाद में 12 साल बाद हो रहा महा मस्तकाभिषेक, 42 फीट ऊंची प्रतिमा बनी

12 साल बाद आयोजित होने वाले भगवान बाहुबली के महा मस्तकाभिषेक का शुभारंभ भव्य रथ यात्रा के साथ हुआ। इस ऐतिहासिक शोभायात्रा का मुख्य आकर्षण 25 करोड़ रुपये की लागत से तैयार चांदी का रथ रहा, जिस पर भगवान जिनेंद्र देव की मूर्ति विराजमान थी। इस आयोजन की विशेषता यह रही कि शोभायात्रा के दौरान मुस्लिम समुदाय के लोगों ने पुष्पवर्षा कर अपनी शुभकामनाएं दीं। इस सौहार्दपूर्ण कदम ने शहर में भाईचारे और एकता की मिसाल पेश की। वहीं, मुस्लिम समुदाय के सदस्य ने कहा कि हमने शोभायात्रा का पुष्पवर्षा से स्वागत कर एकता का संदेश दिया है यह आयोजन पूरे फिरोजाबाद के लिए गर्व का विषय है। शहर की प्रसिद्ध 42 फीट ऊंची भगवान बाहुबली की प्रतिमा इस आयोजन का केंद्र है। हर 12 सालों में इस प्रतिमा का मस्तकाभिषेक किया जाता है, जो श्रद्धालुओं के लिए एक आध्यात्मिक अनुभव बन जाता है। यह आयोजन कर्नाटक के श्रवणबेलगोला स्थित 57 फुट ऊंची गोमटेश्वर प्रतिमा के मस्तकाभिषेक की परंपरा की याद दिलाता है। 7 दिसंबर को होगा मस्तकाभिषेक का मुख्य कार्यक्रम भगवान बाहुबली के मस्तकाभिषेक का मुख्य कार्यक्रम 7 दिसंबर को होगा, जिसमें देश-विदेश से हजारों श्रद्धालु शामिल होने की उम्मीद है। आयोजन में कई मंत्री और विशिष्ट अतिथि भी उपस्थित रहेंगे। आयोजन समिति और स्थानीय समुदाय की भूमिका आयोजन समिति के प्रमुख महावीर प्रसाद जैन ने बताया कि इस महोत्सव के लिए व्यापक तैयारियां की गई हैं। उन्होंने कहा यह आयोजन शहर और देशभर के श्रद्धालुओं के लिए विशेष महत्व रखता है। शोभायात्रा में उमड़ा जनसैलाब गाजे-बाजे और भक्ति संगीत के साथ निकली इस शोभायात्रा में हजारों श्रद्धालुओं ने भाग लिया। पूरे शहर में रथ यात्रा के दृश्य ने एक अद्भुत आध्यात्मिक और सांस्कृतिक वातावरण का निर्माण किया। यह आयोजन फिरोजाबाद के लिए एक ऐतिहासिक और गौरवशाली पल बन गया है। 12 साल बाद भगवान बाहुबली का महा मस्तकाभिषेक कार्यक्रम किया जा रहा है।

Dec 3, 2024 - 11:05
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25 करोड़ से बना भगवान जिनेंद्र का रथ:फिरोजाबाद में 12 साल बाद हो रहा महा मस्तकाभिषेक, 42 फीट ऊंची प्रतिमा बनी
12 साल बाद आयोजित होने वाले भगवान बाहुबली के महा मस्तकाभिषेक का शुभारंभ भव्य रथ यात्रा के साथ हुआ। इस ऐतिहासिक शोभायात्रा का मुख्य आकर्षण 25 करोड़ रुपये की लागत से तैयार चांदी का रथ रहा, जिस पर भगवान जिनेंद्र देव की मूर्ति विराजमान थी। इस आयोजन की विशेषता यह रही कि शोभायात्रा के दौरान मुस्लिम समुदाय के लोगों ने पुष्पवर्षा कर अपनी शुभकामनाएं दीं। इस सौहार्दपूर्ण कदम ने शहर में भाईचारे और एकता की मिसाल पेश की। वहीं, मुस्लिम समुदाय के सदस्य ने कहा कि हमने शोभायात्रा का पुष्पवर्षा से स्वागत कर एकता का संदेश दिया है यह आयोजन पूरे फिरोजाबाद के लिए गर्व का विषय है। शहर की प्रसिद्ध 42 फीट ऊंची भगवान बाहुबली की प्रतिमा इस आयोजन का केंद्र है। हर 12 सालों में इस प्रतिमा का मस्तकाभिषेक किया जाता है, जो श्रद्धालुओं के लिए एक आध्यात्मिक अनुभव बन जाता है। यह आयोजन कर्नाटक के श्रवणबेलगोला स्थित 57 फुट ऊंची गोमटेश्वर प्रतिमा के मस्तकाभिषेक की परंपरा की याद दिलाता है। 7 दिसंबर को होगा मस्तकाभिषेक का मुख्य कार्यक्रम भगवान बाहुबली के मस्तकाभिषेक का मुख्य कार्यक्रम 7 दिसंबर को होगा, जिसमें देश-विदेश से हजारों श्रद्धालु शामिल होने की उम्मीद है। आयोजन में कई मंत्री और विशिष्ट अतिथि भी उपस्थित रहेंगे। आयोजन समिति और स्थानीय समुदाय की भूमिका आयोजन समिति के प्रमुख महावीर प्रसाद जैन ने बताया कि इस महोत्सव के लिए व्यापक तैयारियां की गई हैं। उन्होंने कहा यह आयोजन शहर और देशभर के श्रद्धालुओं के लिए विशेष महत्व रखता है। शोभायात्रा में उमड़ा जनसैलाब गाजे-बाजे और भक्ति संगीत के साथ निकली इस शोभायात्रा में हजारों श्रद्धालुओं ने भाग लिया। पूरे शहर में रथ यात्रा के दृश्य ने एक अद्भुत आध्यात्मिक और सांस्कृतिक वातावरण का निर्माण किया। यह आयोजन फिरोजाबाद के लिए एक ऐतिहासिक और गौरवशाली पल बन गया है। 12 साल बाद भगवान बाहुबली का महा मस्तकाभिषेक कार्यक्रम किया जा रहा है।

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