5 साल बाद मोदी-जिनपिंग की द्विपक्षीय बातचीत:दोनों नेताओं ने 50 मिनट चर्चा की; PM बोले- आपसी विश्वास और सम्मान जरूरी
रूस के कजान शहर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच 5 साल बाद बुधवार, 23 अक्टूबर को द्विपक्षीय बातचीत हुई। दोनों नेताओं ने सीमा विवाद को जल्द से जल्द निपटाने, आपसी सहयोग और आपसी विश्वास को बनाए रखने पर जोर दिया। 2020 में गलवान झड़प के बाद दोनों नेताओं के बीच यह पहली बाइलेटरल मीटिंग थी। 50 मिनट की बातचीत में पीएम मोदी ने कहा, 'सीमा पर शांति और स्थिरता बनाए रखना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए। आपसी विश्वास, आपसी सम्मान और आपसी संवेदनशीलता हमारे संबंधों की नींव बने रहनी चाहिए। मुझे पूरा विश्वास है कि हम खुले मन से बात करेंगे और हमारी चर्चा कंस्ट्रक्टिव होगी।' हम 5 साल बाद औपचारिक रूप से बैठक कर रहे हैं। पिछले 4 सालों में सीमा पर पैदा हुई समस्याओं पर जो सहमति बनी है, उसका हम स्वागत करते हैं। सीमा पर शांति बनाए रखना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए। इससे पहले चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कहा, 'दोनों देशों को अपने मतभेदों को सही तरीके से संभालना चाहिए। हमें अपने विकास के सपनों को साकार करने के लिए कम्युनिकेशन और आपसी सहयोग को मजबूत करना चाहिए। भारत और चीन को अपने संबंधों को स्थिर बनाए रखने के लिए एक-दूसरे के साथ मिलकर काम करना चाहिए, जिससे दोनों देशों के विकास लक्ष्यों को पूरा करने में मदद मिल सके।' अब आगे क्या? सीमा विवाद को सुलझाने के लिए दोनों देशों के विशेष प्रतिनिधि जल्द ही बैठक करेंगे। इसमें भारत की तरफ से NSA अजीत डोभाल और चीन की तरफ से विदेश मंत्री वांग यी होंगे। ब्रिक्स समिट 2024 से जुड़े अपडेट्स के लिए ब्लॉग से गुजर जाइए
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