84 घाट पर सिल्ट..साफ कर रहे 50 पंप:12 दिन में बाद छठ पूजा में जुटेंगे लाखों आस्थावान, निगम के सुस्त कार्य पर लोगों ने उठाया सवाल
वाराणसी मे महज 12 दिन बाद छठ महापर्व हैं। लेकिन उससे पहले गंगा घाट पर जमे सिल्ट घाटों की खुबसूरती और व्यवस्था पर प्रश्नचिन्ह खड़े कर रहे हैं। हालांकि नगर निगम द्वारा कुछ चुनिंदा घाटों पर 50 पंप लगाकर सफाई की जा रही है। इसके अलावा स्थानीय लोगों द्वारा भी घाटों की सफाई की जा रही थी। लोगों का आरोप है कि नगर निगम का काम काफी धीमा है, नहीं तो अब तक गंगा घाट पूरी तरह से साफ हो गया होता। महज 50 पंप से हो रही सफ़ाई इस बारे में नगर आयुक्त ने बताया कि दीपावली से पहले हम पूरा प्रयास कर रहे हैं की गंगा घाटों को लगभग साफ कर लिया जाए। इसके लिए 50 पंपिंग मशीनों के साथ लगभग 20 से 22 लोगों को लगाया गया है। लेकिन, सवाल यही है कि जब 84 घाट हैं और हर घाट को साफ करने में 10 दिन का वक्त लगता है। नगर निगम के धीमे रवैया पर सदन की बैठक में भी जमकर बवाल हुआ इसके बाद महापौर ने 24 घंटे सफाई करने की बात कही थी लेकिन वह भी आदेश पालन होता नहीं दिखाई दे रहा है। मणिकर्णिका घाट से रास्ता बंद वाराणसी के विश्वनाथ धाम के बाहर जमा मिट्टी को हटाने के लिए विश्वनाथ मंदिर प्रशासन ने अपने स्तर पर प्रयास करके गंगा घाट को साफ कर लिया है। लेकिन, उसके अगल-बगल मणिकर्णिका और ललिता घाट पर अभी भी इतनी मिट्टी जमा है, कि विश्वनाथ धाम जाने वाले रास्ते को भक्तों के लिए खोला ही नहीं जा सका है। गंगा के रास्ते भक्तों को अभी विश्वनाथ धाम में प्रवेश भी नहीं मिल रहा है। प्रमुख घाटों पर फोकस नगर निगम के अधिकारियों का कहना है जिन घाटों पर देव दीपावली की भव्यता निहारने के लिए देशी-विदेशी सैलानी आते हैं, सबसे पहले उन घाटों की सफाई प्रमुखता से की जाएगी। इनमें करीब दस घाट हैं। दशाश्वमेध घाट, राजेन्द्र प्रसाद घाट, पंचगंगा घाट, नमो घाट, आदिकेशव घाट, हरिश्चन्द्र घाट, अस्सी घाट, शिवाला, चेतसिंह किला, भैंसासुर घाट शामिल हैं। नगर निगम की धीमी रफ्तार से कर रहा सिल्ट की सफाई वाराणसी के अस्सी घाट पर रहने वाली टिंकू ने बताया कि नगर निगम द्वारा सिल्ट सफाई के लिए ठेका दिया गया है। लेकिन ठेकेदार द्वारा सही तरीके से काम नहीं किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि सिल्ट लगे 1 माह से ऊपर हो गया लेकिन, नगर निगम के इस सफाई अभियान के बदौलत रीवा से तुलसी घाट तक के सीट नहीं हटाया जा सके। इसकी वजह से काशी आने वाले पर्यटकों को काफी दुश्वारियां झेलनी पड़ रही है। काशी घुमने पहुंचे रीतेश ने बताया कि,गंगा घाटों पर ना वह घूम पा रहे हैं, ना विश्वनाथ मंदिर गंगा के रास्ते जा पा रहे हैं। इसलिए युद्ध स्तर पर सफाई का काम होना चाहिए। उन्होंने बताया कि तिल थेट इतना दिन हो गया और उसके बाद भी अगर सफाई नहीं हो सकी है तो यह काफी गलत बात हैं।
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