AMU में अब ATS की दस्तख:स्टेशन में बम विस्फोट की साजिश में AMU छात्रों के आ रहे नाम, ATS ने संदिग्धों को किया चिन्हित

अलीगढ़ रेलवे स्टेशन को बम से उड़ाने की साजिश के मामले में अब एएमयू के छात्रों का नाम सामने आ रहा है। जिन दो संदिग्ध कश्मीरियों को रेलवे स्टेशन में बम विस्फोट करने की बात करते सुना गया था, वह एएमयू के छात्र बताए जा रहे हैं। जिसके बाद सुरक्षा एजेंसियों ने एएमयू के अधिकारियों से संपर्क किया है। पुलिस की ओर से एएमयू इंतजामिया को दो संदिग्धों के फोटो उपलब्ध कराए गए हैं, जिससे कि इनकी पहचान की जा सके। वहीं सुरक्षा एजेंसियों से बातचीत होने के बाद एएमयू प्रशासन भी इस सारे मामले की जांच में जुट गया है। 8 नवंबर को मिली थी सूचना अलीगढ़ रेलवे स्टेशन में बम ब्लास्ट करने की सूचना अधिकारियों को 8 नवंबर को मिली थी। एक ई-रिक्शा चालक ने भमोला चौकी इंचार्ज को बताया था कि उसने दो कश्मीरियों को स्टेशन में बम ब्लास्ट की बात करते हुए सुना था। जिसके बाद पुलिस तत्काल एलर्ट हो गई थी। चौकी इंचार्ज ने उच्च अधिकारियों और रेलवे सुरक्षा कर्मियों को सारे मामले की जानकारी दी थी। इसके बाद तत्काल स्टेशन पर चौकसी बढ़ा दी गई थी और चप्पे-चप्पे की निगरानी की जा रही है। वहीं मामला बड़ा होने के कारण ATS भी लोकल सुरक्षा कर्मियों के साथ मिलकर मामले की जांच में जुट गई थी। अब संदिग्धों को चिन्हित किया गया है। ई-रिक्शा चालक ने की है पहचान बम विस्फोट की बात करने वाले आरोपी 7 नवंबर को ट्रेन से अलीगढ़ पहुंचे थे। इसके बाद वह ई-रिक्शा लेकर मेडिकल कालेज की ओर गए थे और वहीं उतर गए थे। इसी दौरान दोनों आरोपी संदिग्ध बातें कर रहे थे। जिसे ई-रिक्शा चालक ने सुन लिया था। उसने यह सारी बातें पुलिस को बताई थी। जिसके बाद पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां लगातार सीसीटीवी कैमरे खंगाल रही थी। सीसीटीवी में दो संदिग्ध कश्मीरियों के नजर आने पर इनके फोटो ई-रिक्शा चालक को दिखाए गए। जिसके बाद उसने दोनों को पहचान लिया है। यह एएमयू के छात्र बताए जा रह हैं। आरोपियों ने किया था ऑनलाइन पेमेंट दोनों आरोपियों ने रेलवे स्टेशन से निकलने के बाद मेडिकल कालेज के पास एक दुकान पर कुछ सामान खरीदा था। इसके बाद उन्होंने दुकान पर ऑनलाइन पेमेंट भी किया था। पुलिस ने उस दिन के रिकॉर्ड थी चेक किए हैं। जिससे आरोपियों के बैंक एकाउंट की जानकारी भी पुलिस पता कर रही है। इससे दोनों आरोपियों की सारी जानकारी आसानी से साफ हो जाएगी। हालांकि पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां संदिग्ध आरोपियों की तस्वीरों के आधार पर उनकी खोजबीन करने में जुटी है। इसमें एजेंसियों ने एएमयू प्रशासन की मदद भी ली है। जिससे कि दोनों संदिग्धों को जल्द पकड़ा जा सके। एएमयू से कश्मीरी छात्रों की जानकारी भी मांगी गई है। एएमयू खंगाल रहा है अपना रिकॉर्ड एएमयू के प्रॉक्टर प्रो. वसीम अली ने बताया कि पुलिस की ओर से उन्हें दो संदिग्धों की फोटो उपलब्ध कराई गई है। इन्हें रिक्शा चालक ने मेडिकल कालेज रोड पर छोड़ा था। उन्होंने बताया कि यूनिवर्सिटी में लगभग 35000 छात्र पढ़ाई कर रहा है। इतने छात्रों में दो लोगों को खोजने में थोड़ा समय लग रहा है। एएमयू प्रशासन दोनों संदिग्धों की जांच कर रहा है। जैसे ही आरोपियों की जानकारी सामने आएगी, तुरंत पुलिस को सूचना दी जाएगी।

Nov 12, 2024 - 00:30
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AMU में अब ATS की दस्तख:स्टेशन में बम विस्फोट की साजिश में AMU छात्रों के आ रहे नाम, ATS ने संदिग्धों को किया चिन्हित
अलीगढ़ रेलवे स्टेशन को बम से उड़ाने की साजिश के मामले में अब एएमयू के छात्रों का नाम सामने आ रहा है। जिन दो संदिग्ध कश्मीरियों को रेलवे स्टेशन में बम विस्फोट करने की बात करते सुना गया था, वह एएमयू के छात्र बताए जा रहे हैं। जिसके बाद सुरक्षा एजेंसियों ने एएमयू के अधिकारियों से संपर्क किया है। पुलिस की ओर से एएमयू इंतजामिया को दो संदिग्धों के फोटो उपलब्ध कराए गए हैं, जिससे कि इनकी पहचान की जा सके। वहीं सुरक्षा एजेंसियों से बातचीत होने के बाद एएमयू प्रशासन भी इस सारे मामले की जांच में जुट गया है। 8 नवंबर को मिली थी सूचना अलीगढ़ रेलवे स्टेशन में बम ब्लास्ट करने की सूचना अधिकारियों को 8 नवंबर को मिली थी। एक ई-रिक्शा चालक ने भमोला चौकी इंचार्ज को बताया था कि उसने दो कश्मीरियों को स्टेशन में बम ब्लास्ट की बात करते हुए सुना था। जिसके बाद पुलिस तत्काल एलर्ट हो गई थी। चौकी इंचार्ज ने उच्च अधिकारियों और रेलवे सुरक्षा कर्मियों को सारे मामले की जानकारी दी थी। इसके बाद तत्काल स्टेशन पर चौकसी बढ़ा दी गई थी और चप्पे-चप्पे की निगरानी की जा रही है। वहीं मामला बड़ा होने के कारण ATS भी लोकल सुरक्षा कर्मियों के साथ मिलकर मामले की जांच में जुट गई थी। अब संदिग्धों को चिन्हित किया गया है। ई-रिक्शा चालक ने की है पहचान बम विस्फोट की बात करने वाले आरोपी 7 नवंबर को ट्रेन से अलीगढ़ पहुंचे थे। इसके बाद वह ई-रिक्शा लेकर मेडिकल कालेज की ओर गए थे और वहीं उतर गए थे। इसी दौरान दोनों आरोपी संदिग्ध बातें कर रहे थे। जिसे ई-रिक्शा चालक ने सुन लिया था। उसने यह सारी बातें पुलिस को बताई थी। जिसके बाद पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां लगातार सीसीटीवी कैमरे खंगाल रही थी। सीसीटीवी में दो संदिग्ध कश्मीरियों के नजर आने पर इनके फोटो ई-रिक्शा चालक को दिखाए गए। जिसके बाद उसने दोनों को पहचान लिया है। यह एएमयू के छात्र बताए जा रह हैं। आरोपियों ने किया था ऑनलाइन पेमेंट दोनों आरोपियों ने रेलवे स्टेशन से निकलने के बाद मेडिकल कालेज के पास एक दुकान पर कुछ सामान खरीदा था। इसके बाद उन्होंने दुकान पर ऑनलाइन पेमेंट भी किया था। पुलिस ने उस दिन के रिकॉर्ड थी चेक किए हैं। जिससे आरोपियों के बैंक एकाउंट की जानकारी भी पुलिस पता कर रही है। इससे दोनों आरोपियों की सारी जानकारी आसानी से साफ हो जाएगी। हालांकि पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां संदिग्ध आरोपियों की तस्वीरों के आधार पर उनकी खोजबीन करने में जुटी है। इसमें एजेंसियों ने एएमयू प्रशासन की मदद भी ली है। जिससे कि दोनों संदिग्धों को जल्द पकड़ा जा सके। एएमयू से कश्मीरी छात्रों की जानकारी भी मांगी गई है। एएमयू खंगाल रहा है अपना रिकॉर्ड एएमयू के प्रॉक्टर प्रो. वसीम अली ने बताया कि पुलिस की ओर से उन्हें दो संदिग्धों की फोटो उपलब्ध कराई गई है। इन्हें रिक्शा चालक ने मेडिकल कालेज रोड पर छोड़ा था। उन्होंने बताया कि यूनिवर्सिटी में लगभग 35000 छात्र पढ़ाई कर रहा है। इतने छात्रों में दो लोगों को खोजने में थोड़ा समय लग रहा है। एएमयू प्रशासन दोनों संदिग्धों की जांच कर रहा है। जैसे ही आरोपियों की जानकारी सामने आएगी, तुरंत पुलिस को सूचना दी जाएगी।

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