ASI को नहीं पता किसने बनवाया आगरा किला:आरटीआई के जवाब में एएसआई ने कहा- पढ़ना होगा इतिहास, केंद्रीय सूचना आयोग ने किया समर्थन
आगरा किला किसने बनवाया? इसकी जानकारी एएसआई को नहीं है। एक आरटीआई के जवाब में एएसआई के जवाब का केंद्रीय सूचना आयोग ने भी समर्थन किया है। मामला एक साल से चल रहा है। जिसका जवाब अब 25 नवंबर को दिया गया है। कालीबाड़ी निवासी डॉ. देवाशीष भट्टाचार्य ने 27 मई 2023 को सूचना का अधिकार (आरटीआई) के तहत आगरा के किले के बारे में तीन सवाल बिंदुओं पर जानकारी मांगी थी। उनके सवाल थे कि आगरा का किला किसने बनवाया? अकबर ने आगरा के किले में क्या बदलाव किए ? आगरा किला के निर्माण से पहले वहां पर किए गए कार्य क्या थे ? बादलगढ़ फोर्ट का आगरा किला से कनेक्शन क्या है? महाराजा पृथ्वीराज चौहान का क्या संबंध है? 1 जून 2023 को एएसआई के सीपीआईओ ने जवाब दिया कि इस तरह के सवालों से संबंधित जानकारी उपलब्ध नहीं है। कंटेपंररी लिटरेचर पढ़ना होगा। कर दी प्रथम अपील आरटीआई के जवाब से असंतुष्ट होकर डॉ. भट्टाचार्य ने प्रथम अपील की। अधीक्षण पुरातत्वविद डॉ. राजकुमार पटेल ने भी पूर्व में दिए गए जबाव का समर्थन किया। इसके बाद डॉ. भट्टाचार्य ने केंद्रीय सूचना आयोग में अपील की। 25 नवंबर 2024 को सुनवाई हुई। जिसके बाद बुधवार को आदेश जारी किया। जिसें एएसआई के जबाव का समर्थन किया। कहा गया कि इस बारे में समकालीन इतिहास पढ़कर डिटेल रिपोर्ट बनानी होगी। यह है आगरा किला का इतिहास इतिहासकार राजकिशोर राजे बताते हैं कि 11वीं सदी में आगरा में एक किला का अस्तित्व था। यह सिकरवार वंश के राजपूतों के अधिकार में था। किला मिट्टी का बना था। सन 1089 से 1114 तक खिलजियों के आक्रमण में किला ध्वस्त हो गया था। सन 1475 में बादल सिंह ने इस किले को दोबारा बनाया। इसके बाद इसका नाम बादलगढ़ हो गया। सन 1487 में सिकंदर लोदी ने इसे कब्जे में लिया। जुलाई 1504 में आगरा में आए भूकंप में बादलगढ़ किला में नुकसान हुआ था। इस पर सिकंदर लोदी ने फिर सन 1504 में यहां पर जीर्णोद्धार कराया। सिकंदर लोदी ने तब आगरा को अपनी राजधानी बनाया था। सन 1526 में पानीपत की पहली लड़ाई में मुगल वंश के संस्थापक बाबर की सेना से लड़ते हुए इब्राहिम लोदी मारा गया। बादलगढ़ से ही मुगलों को कोहिनूर हीरा मिला था। सन 1530 में मुगल बादशाह हुमायूं ने आगरा के बादलगढ़ किला में ताज पहना था। हालांकि सन 1539 में चौसा की लड़ाई में शेरशाह सूरी ने हुमायूं को हरा कर बादलगढ़ किला पर अधिकार किया। सन 1545 में शेरशाह की मौत के बाद भी सन 1556 तक बादलगढ़ किला पर सूरी राजवंश का अधिकार रहा। पानीपत की दूसरी लड़ाई में अकबर के सेनापति बैरम खान ने हेमू को हरा दिया और बादलगढ़ किला पर कब्जा कर लिया। अकबर ने तब आगरा किला को अपनी राजधानी बनाया। अकबर ने बादलगढ़ किला के वर्तमान स्वरूप को लाल बलुआ पत्थर के उपयोग से पुनर्निर्मित किया था।
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