DDU में B.Sc. में मनोविज्ञान- भूगोल का मिलेगा नया ऑप्शन:स्टूडेंट्स को मिलेगा बहुआयामी शिक्षा का अवसर, अगले सेशन से लागू होगी नई नीति

दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर यूनिवर्सिटी (DDU) ने अपने विज्ञान स्नातक (B.Sc.) पाठ्यक्रम में बड़ा बदलाव करते हुए अगले शैक्षिक सेशन से स्टूडेंट्स को मनोविज्ञान और भूगोल जैसे मानविकी विषयों को पढ़ने का ऑप्शन देने का निर्णय लिया है। यह कदम नई शिक्षा नीति के तहत उठाया गया है, जिसका उद्देश्य स्टूडेंट्स को बहुआयामी शिक्षा का अवसर प्रदान करना और उन्हें भविष्य के लिए तैयार करना है। आधुनिक शिक्षा की दिशा में एक बड़ा कदम यूनिवर्सिटी प्रशासन का मानना है कि मनोविज्ञान और भूगोल जैसे विषय विज्ञान से गहरे जुड़े हुए हैं। नई शिक्षा नीति का प्रभाव नई शिक्षा नीति का मुख्य उद्देश्य स्टूडेंट्स को विभिन्न विषयों में अध्ययन करने का अवसर देना है ताकि वे अपनी रुचि और करियर के अनुसार कौशल विकसित कर सकें। गोरखपुर यूनिवर्सिटी ने इसी दृष्टिकोण को अपनाते हुए यह पहल की है। इस प्रस्ताव को जल्द ही विद्या परिषद में प्रस्तुत किया जाएगा। स्वीकृति मिलने के बाद इसे अगले शैक्षिक सेशन से लागू कर दिया जाएगा। यूनिवर्सिटी प्रशासन ने इस नीति को लागू करने की तैयारियाँ शुरू कर दी हैं। पहले से उपलब्ध ऑप्शनों का विस्तार अब तक BA और B.Sc. के स्टूडेंट्स को केवल चार अंतर्विषयक विषय—गणित, सांख्यिकी, गृह विज्ञान, और रक्षा अध्ययन—पढ़ने का ऑप्शन मिलता था। मनोविज्ञान और भूगोल के शामिल होने से ये ऑप्शन बढ़कर छह हो जाएंगे, जिससे स्टूडेंट्स के पास अधिक ऑप्शन होंगे। डिग्री संरचना में स्पष्टता डिग्री के मामले में स्टूडेंट्स को किसी भी भ्रम से बचाने के लिए यूनिवर्सिटी ने पहले ही नियम स्पष्ट कर दिए हैं। जो छात्र मनोविज्ञान और भूगोल को B.Sc. में पढ़ेंगे, उन्हें M.Sc. की डिग्री मिलेगी, जबकि जो इन्हें BA में पढ़ेंगे, उन्हें MA की डिग्री दी जाएगी। यह नियम गणित, सांख्यिकी, गृह विज्ञान और रक्षा अध्ययन के लिए पहले से लागू है। कुलपति प्रो. पूनम टंडन ने बताया कि शिक्षा को प्रासंगिक और रोजगार उन्मुख बनाना हमारी जिम्मेदारी है। स्टूडेंट्स को बहुआयामी शिक्षा का अवसर देकर उन्हें रोजगार दिलाना उद्देश्य है।

Nov 27, 2024 - 14:55
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DDU में B.Sc. में मनोविज्ञान- भूगोल का मिलेगा नया ऑप्शन:स्टूडेंट्स को मिलेगा बहुआयामी शिक्षा का अवसर, अगले सेशन से लागू होगी नई नीति
दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर यूनिवर्सिटी (DDU) ने अपने विज्ञान स्नातक (B.Sc.) पाठ्यक्रम में बड़ा बदलाव करते हुए अगले शैक्षिक सेशन से स्टूडेंट्स को मनोविज्ञान और भूगोल जैसे मानविकी विषयों को पढ़ने का ऑप्शन देने का निर्णय लिया है। यह कदम नई शिक्षा नीति के तहत उठाया गया है, जिसका उद्देश्य स्टूडेंट्स को बहुआयामी शिक्षा का अवसर प्रदान करना और उन्हें भविष्य के लिए तैयार करना है। आधुनिक शिक्षा की दिशा में एक बड़ा कदम यूनिवर्सिटी प्रशासन का मानना है कि मनोविज्ञान और भूगोल जैसे विषय विज्ञान से गहरे जुड़े हुए हैं। नई शिक्षा नीति का प्रभाव नई शिक्षा नीति का मुख्य उद्देश्य स्टूडेंट्स को विभिन्न विषयों में अध्ययन करने का अवसर देना है ताकि वे अपनी रुचि और करियर के अनुसार कौशल विकसित कर सकें। गोरखपुर यूनिवर्सिटी ने इसी दृष्टिकोण को अपनाते हुए यह पहल की है। इस प्रस्ताव को जल्द ही विद्या परिषद में प्रस्तुत किया जाएगा। स्वीकृति मिलने के बाद इसे अगले शैक्षिक सेशन से लागू कर दिया जाएगा। यूनिवर्सिटी प्रशासन ने इस नीति को लागू करने की तैयारियाँ शुरू कर दी हैं। पहले से उपलब्ध ऑप्शनों का विस्तार अब तक BA और B.Sc. के स्टूडेंट्स को केवल चार अंतर्विषयक विषय—गणित, सांख्यिकी, गृह विज्ञान, और रक्षा अध्ययन—पढ़ने का ऑप्शन मिलता था। मनोविज्ञान और भूगोल के शामिल होने से ये ऑप्शन बढ़कर छह हो जाएंगे, जिससे स्टूडेंट्स के पास अधिक ऑप्शन होंगे। डिग्री संरचना में स्पष्टता डिग्री के मामले में स्टूडेंट्स को किसी भी भ्रम से बचाने के लिए यूनिवर्सिटी ने पहले ही नियम स्पष्ट कर दिए हैं। जो छात्र मनोविज्ञान और भूगोल को B.Sc. में पढ़ेंगे, उन्हें M.Sc. की डिग्री मिलेगी, जबकि जो इन्हें BA में पढ़ेंगे, उन्हें MA की डिग्री दी जाएगी। यह नियम गणित, सांख्यिकी, गृह विज्ञान और रक्षा अध्ययन के लिए पहले से लागू है। कुलपति प्रो. पूनम टंडन ने बताया कि शिक्षा को प्रासंगिक और रोजगार उन्मुख बनाना हमारी जिम्मेदारी है। स्टूडेंट्स को बहुआयामी शिक्षा का अवसर देकर उन्हें रोजगार दिलाना उद्देश्य है।

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