KGMU में आज भी जूनियर के लिए थर्ड बटन सिस्टम:रैगिंग रोकने में नाकाम चिकित्सा विश्वविद्यालय; हाईटेक तरीके से सीनियर कर रहे परेशान
यूपी के सबसे बड़े चिकित्सा विश्वविद्यालय (KGMU) में रैगिंग का कल्चर आज भी जारी है। कैंपस में दाखिले के साथ ही यंग जूनियर मेडिकोज पर सीनियर की रैगिंग का खौफ साफ तौर पर नजर आता है। कई दशकों से जूनियर स्टूडेंट्स पर लागू थर्ड बटन सिस्टम आज भी चलन में है। हालांकि, टेक्नोलॉजी के बदलते दौर अब सीनियर हाईटेक तरीकों से जूनियर स्टूडेंट्स को परेशान कर रहे हैं। इनमें वीडियो कॉलिंग के जरिए रैगिंग की लाइव स्ट्रीमिंग भी शामिल है। कैंपस@लखनऊ सीरीज के 33वें एपिसोड में KGMU प्रवक्ता डॉ. सुधीर सिंह से बातचीत... डॉ.सुधीर सिंह कहते है कि कैंपस में रैगिंग को लेकर 'जीरो टॉलरेंस' लागू है। ऐसे मामले जैसे ही सामने आते हैं, जांच करके तुरंत एक्शन लिया जाता है। हालिया प्रकरण के सामने आते ही चीफ प्रॉक्टर के स्तर पर जांच पूरी कर तत्काल कार्रवाई की गई। दोषी सीनियर स्टूडेंट्स को 3 महीने के लिए सस्पेंड किया गया। हॉस्टल सहित पूरे कैंपस में एंट्री पर भी बैन है। पहले भी सामने आते रहे हैं रैगिंग के मामले KGMU कैंपस में रैगिंग दशकों से होती आई। एक दौर था जब रैगिंग के जरिए सीनियर और जूनियर स्टूडेंट्स के बीच इंटरेक्शन होता था। बाद में जब रैगिंग का क्रूर रूप सामने आने लगा, तब इसको लेकर सख्ती हुई। फिर कैंपस में रैगिंग पूरी तरह से बैन हो गई। इसको लेकर जगह-जगह होर्डिंग और बैनर भी लगाए गए। एंटी रैगिंग स्क्वाड भी बनाया जाने लगा। फैकल्टी से लेकर सभी प्रशासनिक अफसरों को भी निगरानी के लिए लगाया गया, लेकिन रैगिंग के मामले अभी भी सामने आते हैं। देखें पूरा वीडियो...
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