अखिल भारतीय मुशायरा में जाने-माने शायरों ने लिया हिस्सा:बासित अली बोले- लखनऊ के शायर विश्व में प्रसिद्ध; बड़ी बात को कम शब्दों में कहना शायरी है

लखनऊ के सहकारिता भवन में उर्दू अकादमी की ओर से मुशायरा का आयोजन हुआ। "अखिल भारतीय मुशायरा" में भारतीय जनता पार्टी के अल्पसंख्यक मोर्चे के प्रदेश अध्यक्ष बासित अली ने अध्यक्षता किया। उर्दू अकादमी के सचिव शौकत अली समेत बड़ी संख्या में लोग मुशायरा सुनने पहुंचे। मुशायरा में एक दर्जन से अधिक शायर और कवियों ने अपना कलाम पढ़ा। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बासित अली ने कहा कि मुशायरा और कवि सम्मेलन हमारी संस्कृति का हिस्सा है। आज इस मुशायरे में तमाम वो बड़े चेहरे मौजूद है जो देश और दुनिया में अपनी कविताओं और गजलों के लिए प्रसिद्ध है। लखनऊ का मुशायरा से एक गहरा रिश्ता रहा है। यह शहर उर्दू अदब और ऊंची इमारत के लिए हमेशा चर्चा में रहा है। बड़ी-बड़ी बातें चंद शब्दों में पिरोता है शायर शायरी के माध्यम से कवि बहुत बड़ी-बड़ी बातों को चंद शब्दों में पिरो देता है। हम लोगों ने संस्कृति और शिक्षा को हमेशा राजनीति से ऊपर रखा है। आज इस मुशायरा में बड़ी संख्या में मदरसे के बच्चों ने भी कलाम पढ़ा। लखनऊ ने ऐसे कई प्रसिद्ध शायर , कवि दिए हैं जिनको आज पूरे विश्व में पढ़ा और सुना जाता है। उर्दू मोहब्बत की जुबान मुशायरा में शामिल हुए उर्दू अकादमी के सचिव शौकत अली ने कहा कि उर्दू मोहब्बत की जुबान है। हमारी अकादमी का यह प्रयास है कि इस जुबान की मिठास को बरकरार रखा जाए। अकादमी की ओर से लगातार उर्दू जुबान को बढ़ावा देने के लिए प्रयास किया जा रहा है। मुशायरों का आयोजन, उर्दू किताबें का विमोचन और उर्दू साहित्य के लिए काम करने वाले लेखकों की हमेशा उर्दू अकादमी सहायता करता है। सरकार के द्वारा उर्दू भाषा को बढ़ावा देने के लिए संपूर्ण सहयोग मिल रहा है। आज इस मंच पर तमाम शायरों और कवियों को सम्मानित भी किया गया यह बहुत आवश्यक है कि लेखकों का समय-समय पर सम्मान होना चाहिए।

Nov 23, 2024 - 23:10
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अखिल भारतीय मुशायरा में जाने-माने शायरों ने लिया हिस्सा:बासित अली बोले- लखनऊ के शायर विश्व में प्रसिद्ध; बड़ी बात को कम शब्दों में कहना शायरी है
लखनऊ के सहकारिता भवन में उर्दू अकादमी की ओर से मुशायरा का आयोजन हुआ। "अखिल भारतीय मुशायरा" में भारतीय जनता पार्टी के अल्पसंख्यक मोर्चे के प्रदेश अध्यक्ष बासित अली ने अध्यक्षता किया। उर्दू अकादमी के सचिव शौकत अली समेत बड़ी संख्या में लोग मुशायरा सुनने पहुंचे। मुशायरा में एक दर्जन से अधिक शायर और कवियों ने अपना कलाम पढ़ा। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बासित अली ने कहा कि मुशायरा और कवि सम्मेलन हमारी संस्कृति का हिस्सा है। आज इस मुशायरे में तमाम वो बड़े चेहरे मौजूद है जो देश और दुनिया में अपनी कविताओं और गजलों के लिए प्रसिद्ध है। लखनऊ का मुशायरा से एक गहरा रिश्ता रहा है। यह शहर उर्दू अदब और ऊंची इमारत के लिए हमेशा चर्चा में रहा है। बड़ी-बड़ी बातें चंद शब्दों में पिरोता है शायर शायरी के माध्यम से कवि बहुत बड़ी-बड़ी बातों को चंद शब्दों में पिरो देता है। हम लोगों ने संस्कृति और शिक्षा को हमेशा राजनीति से ऊपर रखा है। आज इस मुशायरा में बड़ी संख्या में मदरसे के बच्चों ने भी कलाम पढ़ा। लखनऊ ने ऐसे कई प्रसिद्ध शायर , कवि दिए हैं जिनको आज पूरे विश्व में पढ़ा और सुना जाता है। उर्दू मोहब्बत की जुबान मुशायरा में शामिल हुए उर्दू अकादमी के सचिव शौकत अली ने कहा कि उर्दू मोहब्बत की जुबान है। हमारी अकादमी का यह प्रयास है कि इस जुबान की मिठास को बरकरार रखा जाए। अकादमी की ओर से लगातार उर्दू जुबान को बढ़ावा देने के लिए प्रयास किया जा रहा है। मुशायरों का आयोजन, उर्दू किताबें का विमोचन और उर्दू साहित्य के लिए काम करने वाले लेखकों की हमेशा उर्दू अकादमी सहायता करता है। सरकार के द्वारा उर्दू भाषा को बढ़ावा देने के लिए संपूर्ण सहयोग मिल रहा है। आज इस मंच पर तमाम शायरों और कवियों को सम्मानित भी किया गया यह बहुत आवश्यक है कि लेखकों का समय-समय पर सम्मान होना चाहिए।

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