अधिग्रहित जमीन पर कब्जा लेने पहुंची एलडीए टीम:किसानों से हुई झड़प, पुलिस फोर्स के सामने जमकर हुआ विरोध

लखनऊ के सरोजनीनगर में अमौसी गांव के पास कालिया खेड़ा की करीब 300 एकड़ जमीन वर्ष 2012-13 में एलडीए ने अधिग्रहित की थी। इस जमीन पर कब्जा लेने के लिए रविवार को एलडीए की टीम भारी पुलिस फोर्स के साथ पहुंची और कब्जा करने का काम शुरू कर दिया। एलडीए की टीम ने 74 मकान चिन्हित किए हैं। जिनका मुआवजा दिया जाएगा। करीब एक दर्जन जेसीबी मशीनों ने जैसे ही एलडीए ने खेतों पर चलना शुरु किया। तभी पहले से मौजूद ग्रामीण इकट्ठा हो गए और वह विरोध करने लगे। ग्रामीणों का कहना था कि उनके खेतों में खड़ी फसल और पेड़ों का मुआवजा देने के बाद ही एलडीए अपनी कार्रवाई आगे शुरू करे। जबकि एलडीए अधिकारियों का कहना था कि उनकी जमीन का मुआवजा वर्ष 2014 - 15 में ही किसानों को दे दिया जा चुका है। इसके बावजूद किसान बेवजह काम रोक रहे हैं। वहीं एलडीए की इस कार्रवाई के दौरान भारी पुलिस फोर्स और पीएसी बल मौजूद होने के बावजूद किसान विरोध करते रहे। इस बीच कई बार एलडीए अधिकारियों और किसानों के बीच झड़प हुई। यही नहीं कई बार महिलाएं जेसीबी मशीन के सामने लेट गई। बाद में जेसीबी मशीन को पीछे हटना पड़ा। इतना ही नहीं महिला पुलिस और गांव की महिलाओं के बीच भी कई बार झड़प हुई। नाराज किसान एक बार तो अचानक इतना भड़के कि वह जेसीबी मशीनों की ओर दौड़ पड़े। इसके बाद जेसीबी मशीनों को पीछे भागना पड़ा। तब पुलिस ने भी लाठियां फटकारी, तब किसान इधर-उधर भाग खड़े हुए। इसके बाद फिलहाल काम रोक दिया गया। वहीं एलडीए अधिकारियों का कहना है कि वह किसान नेताओं से बात कर किसानों के खेतों में बोई फसल व पेड़ों का मुआवजा देने को तैयार है। एलडीए अधिकारियों ने बताया गांव के कुछ घर भी एलडीए की जमीन पर अवैध तरीके से बन गए हैं। उन्हें चिन्हित करने की कार्रवाई जारी है। उनका मुआवजा देने के बाद ही उन मकानों को ध्वस्त किया जाएगा। खबर लिखे जाने के समय जेसीबी मशीनों को ठप कर किसान नेताओं व एलडीए अधिकारियों के बीच वार्ता जारी थी।

Dec 1, 2024 - 16:15
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अधिग्रहित जमीन पर कब्जा लेने पहुंची एलडीए टीम:किसानों से हुई झड़प, पुलिस फोर्स के सामने जमकर हुआ विरोध
लखनऊ के सरोजनीनगर में अमौसी गांव के पास कालिया खेड़ा की करीब 300 एकड़ जमीन वर्ष 2012-13 में एलडीए ने अधिग्रहित की थी। इस जमीन पर कब्जा लेने के लिए रविवार को एलडीए की टीम भारी पुलिस फोर्स के साथ पहुंची और कब्जा करने का काम शुरू कर दिया। एलडीए की टीम ने 74 मकान चिन्हित किए हैं। जिनका मुआवजा दिया जाएगा। करीब एक दर्जन जेसीबी मशीनों ने जैसे ही एलडीए ने खेतों पर चलना शुरु किया। तभी पहले से मौजूद ग्रामीण इकट्ठा हो गए और वह विरोध करने लगे। ग्रामीणों का कहना था कि उनके खेतों में खड़ी फसल और पेड़ों का मुआवजा देने के बाद ही एलडीए अपनी कार्रवाई आगे शुरू करे। जबकि एलडीए अधिकारियों का कहना था कि उनकी जमीन का मुआवजा वर्ष 2014 - 15 में ही किसानों को दे दिया जा चुका है। इसके बावजूद किसान बेवजह काम रोक रहे हैं। वहीं एलडीए की इस कार्रवाई के दौरान भारी पुलिस फोर्स और पीएसी बल मौजूद होने के बावजूद किसान विरोध करते रहे। इस बीच कई बार एलडीए अधिकारियों और किसानों के बीच झड़प हुई। यही नहीं कई बार महिलाएं जेसीबी मशीन के सामने लेट गई। बाद में जेसीबी मशीन को पीछे हटना पड़ा। इतना ही नहीं महिला पुलिस और गांव की महिलाओं के बीच भी कई बार झड़प हुई। नाराज किसान एक बार तो अचानक इतना भड़के कि वह जेसीबी मशीनों की ओर दौड़ पड़े। इसके बाद जेसीबी मशीनों को पीछे भागना पड़ा। तब पुलिस ने भी लाठियां फटकारी, तब किसान इधर-उधर भाग खड़े हुए। इसके बाद फिलहाल काम रोक दिया गया। वहीं एलडीए अधिकारियों का कहना है कि वह किसान नेताओं से बात कर किसानों के खेतों में बोई फसल व पेड़ों का मुआवजा देने को तैयार है। एलडीए अधिकारियों ने बताया गांव के कुछ घर भी एलडीए की जमीन पर अवैध तरीके से बन गए हैं। उन्हें चिन्हित करने की कार्रवाई जारी है। उनका मुआवजा देने के बाद ही उन मकानों को ध्वस्त किया जाएगा। खबर लिखे जाने के समय जेसीबी मशीनों को ठप कर किसान नेताओं व एलडीए अधिकारियों के बीच वार्ता जारी थी।

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