अमेठी में कार्यालय में सफाईकर्मी बने बाबू:गांव की सफाई भगवान भरोसे, 127 सफाईकर्मी कार्यालयों में तैनात, बाकियों का अता पता नहीं
अमेठी में ग्राम सभाओं की सफाई के लिए 9 सौ से अधिक सफाई कर्मचारी तैनात है, लेकिन अधिकांश सफाई कर्मी कार्यालयों में बाबू बनकर बैठे है। जो सफाईकर्मी बचे भी है उनका कुछ अता पता नहीं है, जिस कारण ग्राम सभाओं की सफाई भगवान भरोसे चल रही है। जिले के गांवों में तैनात अधिकांश सफाईकर्मी कर्मी ऐसे हैं, जो अपने निर्धारित गांव जाते ही नहीं और सरकार से भारी भरकम वेतन लेकर बड़े अधिकारियों की मिली भगत से सिर्फ कागजों में ही गांव की सफाई कर रहे हैं। दरअसल, अमेठी में कुल 987 राजस्व गांव है, जिसमे 908 सफाईकर्मी तैनात है। इन सफाईकर्मियों में 127 सफाईकर्मी ऐसे हैं, जो अलग अलग कार्यालयों से अटैच है और बाबू बनकर मलाई काट रहे है। जिन सफाईकर्मियों के कंधों पर ग्राम सभाओं की सफाई की जिम्मेदारी है, वो अपने कार्य क्षेत्रों में जाते ही नहीं है, जिस कारण गांवों में गंदगी का अंबार लगा हुआ है। इन सभी सफाईकर्मियों में उन सफाईकर्मियों की संख्या सबसे अधिक है, जो बड़े अधिकारियों के रहमो करम पर सिर्फ कागजों पर अपनी नौकरी का निर्वहन कर रहे हैं। अमेठी में कई ऐसे गांव भी है, जहां आबादी के हिसाब से दो दो सफाईकर्मी तैनात है, लेकिन इन सफाईकर्मियों को उस गांव के प्रधान भी नहीं जानते। सबसे बड़ी बात ये है कि इस समय संचारी रोग को लेकर पूरे जिले के गांवों में सफाई अभियान चलाया जा रहा है, बावजूद इसके सफाईकर्मी सिर्फ कागजों पर ही अपनी नौकरी कर सरकार से एक मोटा वेतन ले रहे हैं। जिले के जिला पंचायत राज अधिकारी कार्यालय में तैनात एक बाबू ने बताया कि 127 कर्मचारी कार्यालयों में अटैच है, जबकि चार सफाई कर्मचारियों की मौत हो गई है। जिसे लेकर भर्ती प्रक्रिया भी चल रही है। बाकी सफाईकर्मी अपने गांवों में सफाई करने कब जाते हैं, इसकी कोई जानकारी बाबू को नहीं है।
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