अयोध्या में गैर-इरादतन हत्या के दोषी को 10 साल सजा:दूसरे आरोपी को किया दोषमुक्त, पिटाई के बाद इलाज के दौरान हो गई थी मौत
अयोध्या में गैर इरादतन हत्या और बहन के चरित्र पर लांछन लगाने और विवाह तुड़वाने के मामले में आरोपी रामरूप को अदालत ने दोषी पाया है। एडीजे षष्ठम प्रेम प्रकाश ने रामरूप को गैर इरादतन हत्या का दोषी मानते हुए दस वर्ष का कारावास और 20 हजार रुपये का अर्थदंड लगाया है। इसी मामले में एक अन्य आरोपी रघुराज को अदालत ने अधिक उम्र का लाभ देते हुए दोषमुक्त कर दिया। जबकि तीसरे आरोपित राम भरत की मामले की सुनवाई के दौरान मृत्यु हो गई। वादी मनीराम ने मवाई थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी कि आरोपी रामभरत ने उसकी बहन और भाई रामबिहारी के बारे में अपशब्द कहे और बड़ा आरोप लगाया था, जिसके कारण युवक ने उसकी बहन से शादी करने से मना कर दिया था। इसी को लेकर रामबिहारी ने रामभरत से लांछन लगाने का कारण पूछा था, जिस पर सभी आक्रोशित हो गए और रामबिहारी की पिटाई कर दी। बाद में इलाज के दौरान रामबिहारी की हो गई। वादी मुकदमा मनीराम ने मवई थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई कि उसकी बहन की शादी पटरंगा के बेलहरी गांव के एक युवक से तय की गयी थी। आरोप लगाया कि आरोपित रामभरत ने बेलहरी गांव जा कर युवक से उसकी बहन व भाई रामबिहारी के बारे में अपशब्द कहे व लांछन लगाया, जिसके कारण युवक ने उसकी बहन से शादी करने से मना कर दिया। इसी को लेकर रामबिहारी 23 जून 2015 को मवई के नौरोजपुर बघेड़ी में सुबह सात बजे रामभरत के चाचा रघुराज के घर गए, वहां पर मौजूद रामभरत से लांछन लगाने का कारण पूछा तो इसी बात पर सभी आक्रोशित हो गए और सभी ने मिलकर रामबिहारी की पिटाई कर दी। सूचना पर रामबिहारी को अस्पताल ले जाया गया जहां इलाज के दौरान उसकी मृत्यु हो गई। घटना के संबंध में कुल नौ साक्षी पेश हुए थे।
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