असली बताकर नकली सोने की हार 3 लाख में बेचा:शाहजहांपुर में पैसे वापस मांगने पर मिली धमकी, FIR दर्ज
शाहजहांपुर में असली सोना बताकर नकली सोना देकर धोखाधड़ी करने वाली घटनाएं थम नहीं रही है। यहां बैंक के पूर्व कर्मचारियों द्वारा धोखाधड़ी की घटना करने के बाद अब एक चाय की दुकान चलाने वाले युवक ने अपने साथी के साथ मिलकर एक महिला के साथ धोखाधड़ी कर दी। सैंपल के बतौर दो हार दिखाने आए युवकों को महिला ने 3 लाख रुपए दे दिए। जब दोनों हार सुनार को दिखाए तो दोनों हार नकली निकले। आरोप है कि जब दोनों युवकों से रुपए मांगे तो उन्होंने पति और बेटे को जान से मारने की धमकी दी। पुलिस ने तहरीर के आधार पर एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। चौक कोतवाली क्षेत्र की घटना है। बता दें कि 8 दिन बीत जाने के बाद भी चौक कोतवाली पुलिस बैंक के खाताधारक के साथ धोखाधड़ी करने वाले एक भी आरोपी को गिरफ्तार नहीं कर पाई है। असली हार बताया, सोनार से चेक कराने पर नकली निकला चौक कोतवाली क्षेत्र के घूरन तलैया की रहने वाली मधु मल्होत्रा ने थाने में प्रार्थना पत्र देकर बताया कि मोहल्ला अकब मस्जिद कांच का रहने वाला अनुज शर्मा चाय की दुकान चलाता है। अनुज ने छोटू मिश्रा नाम के व्यक्ति से मिलवाया था। 27 मई को दोनों लोग घर आए थे। दोनों ने सैंपल बतौर नकली सोने के हार दिखाए थे। आरोपियों ने कहा था कि दोनों हार असली हैं। लेकिन जब पीड़िता ने दोनों हार एक सुनार की दुकान पर चेक कराए तो दोनों हार नकली निकले। नकली हार साबित होने के बाद पीड़िता ने दोनों आरोपियों से 3 लाख रुपए वापस मांगे तो आरोपी अनुज गाली-गलौज करने लगा। धमकी दी कि अगर रुपए दोबारा मांगे या फिर पुलिस में शिकायत की तो पति और बेटे को जान से मार देंगे। पीड़िता की तहरीर पर पुलिस ने दोनों आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है। पुलिस ने आरोपियों की तलाश शुरू कर दी है। 24 लाख का गोल्ड, 15 लाख में दिलाने का झांसा बता दें कि चौक स्थित एचडीएफसी बैंक के पांच पूर्व कर्मचारियों ने किला के रहने वाले खाताधारक को 24 लाख रुपए का गोल्ड बगैर नीलामी के 15 लाख रुपए दिलाने का झांसा दिया था।उसके बाद कर्मचारियों ने बैंक के वैल्यूवर से नकली सोने के पैकेट को असली बताकर पुष्टि कराकर खाताधारक को दे दिया था। उसके ऊपर हस्ताक्षर भी कर दिए थे। इस तरह कर्मचारियों ने खाताधारक से 15 लाख रुपए हड़प लिए। बाद में जब जरूरत पड़ने पर सुनार को गोल्ड दिखाया तो वह नकली निकला। पुलिस ने बैंक के 5 पूर्व कर्मचारियों के खिलाफ एफआईआर तो दर्ज कर ली। लेकिन आरोपियों के रसूख के आगे पुलिस बेबस हो गई। एफआईआर दर्ज होने के 8 दिन बाद भी पुलिस एक भी आरोपी को गिरफ्तार नहीं कर पाई है। जब एफआईआर में जो धाराएं लगाई गई हैं। उन धाराओं में 10 साल से लेकर आजीवन कारावास तक की सजा का प्रावधान है।
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