आईएसआई को गोपनीय सूचनाएं भेजने पर छह साल की कैद:लखनऊ NIA कोर्ट ने सुनाया फैसला; राशिद की थी राजक की मदद
लखनऊ विशेष एनआईए कोर्ट ने सेना की गुप्त सूचनाएं पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई को भेजने के दो आरोपियों को सजा सुनाई है। आरोपित राशिद और साजिश में शामिल राजक भाई कुम्भर को दोषी ठहराते हुए छह साल की सजा सुनाई है। विशेष न्यायाधीश विवेकानंद शरण त्रिपाठी ने यह फैसला सुनाया। इस मामले की शिकायत एटीएस के दरोगा रितेश कुमार सिंह ने दर्ज कराई थी। एटीएस द्वारा की गई जांच में खुलासा हुआ कि चंदौली निवासी मोहम्मद राशिद पाकिस्तानी एजेंसी के संपर्क में था और भारत की सेना से जुड़ी संवेदनशील जानकारी, सामरिक क्षेत्रों की फोटो और आर्मी मूवमेंट की तस्वीरें आईएसआई को भेज रहा था। राशिद के फोन से पाकिस्तानी नंबर और सामरिक महत्व की फोटो समेत कई अहम साक्ष्य मिले थे। गुजरात के पश्चिम कच्छ जिले के निवासी राजक भाई कुम्भर को भारतीय दंड संहिता और गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के तहत दोषी ठहराया गया। उन्हें अलग-अलग धाराओं के तहत सजा सुनाई गई, जो एक साथ चलेगी। साथ ही, जुर्माना न भरने की स्थिति में हर आरोप के लिए एक माह की अतिरिक्त सजा दी जाएगी। राजक ने की थी राशिद की मदद इससे पहले, एनआईए कोर्ट ने चंदौली, यूपी के निवासी मोहम्मद राशिद को इस मामले में दोषी ठहराया था। राशिद पर आरोप था कि वह पाकिस्तान के रक्षा एजेंटों और आईएसआई के संपर्क में था और उसने सामरिक रूप से महत्वपूर्ण स्थानों और भारतीय सेना की गतिविधियों की तस्वीरें पाकिस्तानी एजेंटों को भेजी थीं। यह मामला मूल रूप से एटीएस, गोमती नगर, लखनऊ द्वारा दर्ज किया गया था। एनआईए की जांच में यह पाया गया कि राजक भाई ने राशिद के साथ मिलकर पाकिस्तान स्थित आईएसआई एजेंटों के साथ साजिश रची थी। उन्होंने पाकिस्तान के एजेंटों को संवेदनशील जानकारी पहुंचाने के लिए धन की व्यवस्था की थी।
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