आगरा के 7237 हाउस होल्डर्स ने जमा नहीं किया टैक्स:नगर निगम ने तीन श्रेणी में तैयार की बकायेदारों की सूची, 15 बकायेदारों के खाते किए जा चुके हैं सील
आगरा नगर निगम ने 50 हजार रुपये से अधिक ऐसे हाउस होल्डर्स की सूची तैयार कर ली है, जिन्होंने प्रोपर्टी टैक्स जमा नहीं किया है। इन पर कार्रवाई की तैयारी है। 15 बकायेदारों के खाते सीज भी किए जा चुके हैं। पिछले दिनों नगर आयुक्त अंकित खंडेलवाल ने अधिकारियों को 50 हजार रुपये से अधिक बकायेदारों की सूची तैयार करने के निर्देश दिए थे। बकायेदारों को तीन श्रेणी में रखने के लिए कहा गया था। उनके निर्देश पर जो सूची तैयार की गई है, उसमें अब तक 7237 बकायेदारों के नाम शामिल गए गए हैं। पहली श्रेणी में 50 हजार रुपये से 1 लाख रुपये तक के बकायेदारों को रखा गया है। इनकी संख्या सबसे अधिक है। नगर निगम सीमा में ऐसे 5085 हाउस होल्डर्स चिह्नित किए गए हैं। दूसरी श्रेणी में 1 लाख से 5 लाख रुपये तक के बकायेदारों को रखा गया है। तीसरी श्रेणी में 5 लाख रुपये से अधिक के बकायेदार रखे गए हैं। नगर आयुक्त ने आदेश दिया था कि बकायेदारों के खाते सीज किए जाएं। इस पर कार्रवाई शुरू करते हुए शुक्रवार को 15 बकायेदारों के खाते सीज किए गए। इनमें छत्ता और ताजगंज जोन में 5-5 बकायेदारों के खाते सीज किए गए। हरीपर्वत जोन के 3 और लोहामंडी जोन के 2 बकायेदारों के खाते सीज किए गए। होटल और मैरिज होम भी रडार पर शहर के होटल, मैरिज होम, हॉस्पीटल के संचालक भी हैं, जिन्होंने निगम को टैक्स जमा नहीं किया है। नगर आयुक्त ने ऐसे लोगों की भी सूची बनाकर उन पर कार्रवाई के साथ ही केंद्र व राज्य सरकार के ऐसे कार्यालयों की सूची भी तैयार करने के निर्देश दिये हैं, जिन्होंने नगर निगम को प्रोपर्टी टैक्स जमा नहीं कराया है। 30 प्रतिशत बढ़ाकर करनी है वसूली अपर नगर आयुक्त सत्येंद्र कुमार तिवारी ने बताया कि प्रत्येक राजस्व निरीक्षक को पूर्व में वसूले गये राजस्व से 30 प्रतिशत अधिक कर वसूली का लक्ष्य दिया गया है। लक्ष्य के अनुरुप जो भी राजस्व निरीक्षक कर की वसूली नहीं कर पायेगा उस पर कार्रवाई की जाएगी। बीते साल एक लाख ने ही कराया था हाउस टैक्स जमा पिछले साल नगर निगम द्वारा कराये गये सर्वे में नगर निगम सीमा में सवा तीन लाख घर और सम्पत्तियों की पहचान की गयी थी। इनमें से साल 2023-24 के दौरान सिर्फ एक लाख लोगों के द्वारा ही कर जमा कराया गया था। सवा लाख के करीब सम्पत्तियां ऐसी थीं जिन्होंने कर जमा ही नहीं कराया था। इसी प्रकार साल 2022-23 में नगर निगम को 86 हजार कर दाताओं ने ही टैक्स अदा किया। वर्तमान वित्तीय वर्ष में करदाताओं की संख्या बढ़कर एक लाख से अधिक हो गयी है। एक नजर में जानें, किस श्रेणी के कितने बकायेदार
What's Your Reaction?