आगरा महानगर लेखिका समिति ने की बाल साहित्य पर गोष्ठी:सरस्वती वंदना के साथ हुआ कार्यक्रम का शुभारंभ

आगरा महानगर लेखिका समिति ने गोष्ठी आयोजित कर बाल साहित्य पर चर्चा की। बाल साहित्य पर आधारित स्वरचित रचनाओं की प्रस्तुति दी। विचार गोष्ठी का आयोजन बृहस्पतिवार को नागरी प्रचारिणी पुस्तकालय भवन में किया गया। गोष्ठी का शुभारंभ मां सरस्वती की वंदना, माल्यार्पण, दीप प्रज्वलन कर किया गया । विजय तिवारी ने मां सरस्वती की वंदना की। पुष्पा सिंह ने अध्यक्षीय उद्बोधन दिया।बाल साहित्य पर की गई चर्चागोष्ठी में मौजूद महिलाओं ने वर्तमान दौर के बाल साहित्य पर विस्तार से चर्चा की। उतार-चढ़ाव पर एक दूसरे से सुझाव साझा किए। सभी ने बाल साहित्य पर स्वरचित रचनाओं की प्रस्तुतियां दीं। डॉ शैल वाला अग्रवाल ने बच्चों पर अपने साहित्यिक भावों को व्यक्त किया। उसके महत्व पर प्रकाश डालते हुए काव्य पाठ किया। बाल साहित्यकार डॉ शशि गोयल बाल साहित्य पर विचार व्यक्त किए। कहा कि समाज में संस्कार रोपने की जरूरत है। बदल रहा है बचपन आधुनिकता की चकाचौंध में बचपन भी बदल रहा है। मोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक्स उपकरणों से बच्चों की मनोदशा बदल रही है। बच्चे कम उम्र से ही तकनीकी रूप से दक्ष हो रहे हैं। नए तौर तरीकों से चल रहे हैं। कार्यक्रम का संचालन सचिव मंजरी टंडन ने किया। तोता मैना ने विवाह रचाया कविता की सभी ने खुले स्वर में तारीफ की। कार्यक्रम में ये लोग रहे मौजूदइस मौके पर नीता दानी, अनीता सान्याल, रीता शर्मा, मंजरी अग्रवाल, दीपा, राजकुमारी चौहान आदि मौजूद रहीं।

Nov 28, 2024 - 19:40
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आगरा महानगर लेखिका समिति ने की बाल साहित्य पर गोष्ठी:सरस्वती वंदना के साथ हुआ कार्यक्रम का शुभारंभ
आगरा महानगर लेखिका समिति ने गोष्ठी आयोजित कर बाल साहित्य पर चर्चा की। बाल साहित्य पर आधारित स्वरचित रचनाओं की प्रस्तुति दी। विचार गोष्ठी का आयोजन बृहस्पतिवार को नागरी प्रचारिणी पुस्तकालय भवन में किया गया। गोष्ठी का शुभारंभ मां सरस्वती की वंदना, माल्यार्पण, दीप प्रज्वलन कर किया गया । विजय तिवारी ने मां सरस्वती की वंदना की। पुष्पा सिंह ने अध्यक्षीय उद्बोधन दिया।बाल साहित्य पर की गई चर्चागोष्ठी में मौजूद महिलाओं ने वर्तमान दौर के बाल साहित्य पर विस्तार से चर्चा की। उतार-चढ़ाव पर एक दूसरे से सुझाव साझा किए। सभी ने बाल साहित्य पर स्वरचित रचनाओं की प्रस्तुतियां दीं। डॉ शैल वाला अग्रवाल ने बच्चों पर अपने साहित्यिक भावों को व्यक्त किया। उसके महत्व पर प्रकाश डालते हुए काव्य पाठ किया। बाल साहित्यकार डॉ शशि गोयल बाल साहित्य पर विचार व्यक्त किए। कहा कि समाज में संस्कार रोपने की जरूरत है। बदल रहा है बचपन आधुनिकता की चकाचौंध में बचपन भी बदल रहा है। मोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक्स उपकरणों से बच्चों की मनोदशा बदल रही है। बच्चे कम उम्र से ही तकनीकी रूप से दक्ष हो रहे हैं। नए तौर तरीकों से चल रहे हैं। कार्यक्रम का संचालन सचिव मंजरी टंडन ने किया। तोता मैना ने विवाह रचाया कविता की सभी ने खुले स्वर में तारीफ की। कार्यक्रम में ये लोग रहे मौजूदइस मौके पर नीता दानी, अनीता सान्याल, रीता शर्मा, मंजरी अग्रवाल, दीपा, राजकुमारी चौहान आदि मौजूद रहीं।

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