आगरा में 24 घंटे में खुशियां मातम में बदलीं:घर से एक साथ निकले पांच शव, बच्चों से लिपटकर बेसुध हुई बूढ़ी मां
हाथरस में आगरा के कमला नगर निवासी दो भाइयों के परिवार के पांच सदस्यों की मौत हो गई। रात करीब 9 बजे जब वाहन से एक-एक कर पांच शव उतरे तो हाहाकार मच गया। किसी ने सोचा भी नहीं था कि ठीक 24 घंटे पहले जिस आंगन में खुशियों के दीप झिलमिला रहे थे, अब वहां पर मातम पसरा होगा। जो बच्चे दादी के साथ फुलझडि़यां जल रहे थे, अब दादी उनके शव से लिपटकर बिलख रही होगी। घर से एक-एक कर पांच शव निकले तो हर आंख नम हो गई। कमला नगर की नटराजपुरम कालोनी में रहने वाले अनुज कुमार की सिकंदरा-बोदला रोड पर हार्डवेयर की दुकान है। उनके छोटे भाई सौरभ अग्रवाल नोएडा के सेक्टर 45 में शिवालिक बैंक में कार्यरत हैं। सेक्टर 66 में वे परिवार के साथ रहते हैं। सौरभ दीपावली पर परिवार के साथ घर आए थे। रात को सभी ने आतिशबाजी की। रात में ही उन्होंने बेलौन वाली माता के दर्शन और गंगा स्नान की योजना बना ली। कालोनीवासियों ने बताया कि शुक्रवार सुबह सात बजे दोनों भाई कार में परिवार के साथ गंगा स्नान और बेलौन वाली माता के दर्शन को निकले थे। लौटते में हो गया हादसा बेलौन से लौटते समय हाथरस के चंदपा में कार हादसे का शिकार हो गई। इसमें अनुज की पत्नी सोनम, बेटा निताई और सौरभ की पत्नी रूबी व बेटा चेतन्य की मृत्यु हो गई। वहीं अनुज, उनकी बेटी धन्वी और सौरभ व उनका बेटा गौरांग घायल हो गए। चारों को अस्पताल में भर्ती कराया गया। रात में गौरांग ने भी दम तोड़ दिया। रात 10 बजे तीन एंबुलेंस से पांचों के शव घर पहुंचे। शव के पहुंचते ही कोहराम मच गया। कॉलोनी में छा गया मातम नटराजपुरम कॉलोनी में शाम तक दीपावली का उल्लास छाया हुआ था, लेकिन जैसे ही कॉलोनीवासियों को हादसे की जानकारी हुई तो पूरी कॉलोनी शोक में डूब गई। रात करीब साढे़ 10 बजे परिजन, रिश्तेदार और कालोनी के लोग पांचों शव लेकर चल दिए। सोनम और रूबी की अर्थी सजी तो तीनों बच्चों को हाथ में लेकर बल्केश्वर घाट पहुंचे। देर रात सभी शवों का अंतिम संस्कार कर दिया गया। मां ने कहा था कि घर पर कोई रहना चाहिए अनुज और सौरभ ने अपनी मां से भी साथ चलने को कहा था। मां ने कहा था कि त्योहार पर घर सूनसान नहीं छोड़ते। इसलिए वो बेटों के साथ नहीं गई थीं। ऐसे में अनुज की बड़ी बेटी इशिता भी दादी के पास ही रुक गई थी। अन्य सभी भाई बहन साथ में गए थे। हादसे की जानकारी होने पर इशिता का रो-रोकर बुरा हाल हो गया। भाई से गोद लिया बेटा, हादसे ने छीन लिया अनुज ने अपने छोटे भाई सौरभ के बेटे निताई को गोद ले लिया था। तब से वह अनुज के साथ ही रहता था। हादसे में निताई की भी मृत्यु हो गई। उधर, सौरभ के दोनों बेटों चैतन्य और गौरांग की भी हादसे में मृत्यु हो गई। दोनों की पत्नियों की भी मृत्यु हो गई है। मां को नहीं दी थी रात तक सूचना अनुज की मां सुधा अग्रवाल हृदयरोगी हैं। हाथरस में हादसे में दोनों बहुओं और तीन नातियों की खबर सुनकर उनकी हालत बिगड़ सकती थी। इसलिए परिजनों ने रात तक उन्हें जानकारी नहीं दी। देर रात जब एक साथ पांच शव घर पहुंचे, ये देखकर वे बेसुध हो गईं। पिता की भी हुई थी हादसे में मृत्यु अनुज के पिता अनिल कुमार अग्रवाल की एक दशक पहले हादसे में मृत्यु हुई थी। परिवार किसी तरह उस दुख को भुलाने की कोशिश कर रहा था। दोनों भाइयों के परिवार में बहुत प्यार था। वे एक दूसरे से मिलकर रहते थे। सौरभ हर त्योहार पर यहां आते थे। हादसे से पहले चीखे थे अनुज हादसे में घायल हुए सौरभ ने रिश्तेदारों को बताया कि बड़े भाई अनुज कार चला रहे थे। वे आगे बैठे थे। अचानक अनुज चीखे। इसके बाद गाड़ी डिवाइडर से टकराकर खाई में पलट गई। हादसे का कारण क्या है? इसकी जानकारी नहीं है।
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