आगरा में आईएमए ने दिया 48 घंटे का अल्टीमेटम:डॉक्टरों पर दर्ज मुकदमे लिए जाएं वापस, वर्ना होगा संघर्ष

आगरा में आईएमए की स्थानीय शाखा के सदस्यों ने 48 घंटे का अल्टीमेटम दिया है। कहा कि किसी भी कीमत पर डॉक्टरों के खिलाफ होने वाली पुलिस की कार्यवाहियों को स्वीकार नहीं किया जाएगा। जिन दो डॉक्टरों पर मुकदमे हुए हैं, अगर 48 घंटे में वापस नहीं हुए तो संघर्ष किया जाएगा। एक किसान द्वारा शहर के कुछ डॉक्टरों पर कैंसर की फर्जी रिपोर्ट के आधार पर इलाज का आरोप लगाया गया था। किसान की शिकात पर थाना हरीपर्वत पर दो डॉक्टरों पर मुकदमा दर्ज हुआ। इसी संबंध में सोमवार को मीटिंग हुई। अध्यक्ष डॉ. अनूप दीक्षित ने कहा कि किसी भी सूरत में चिकित्सकों के ऊपर पुलिस की ऐसी कार्यवाही स्वीकार नहीं की जायेगी। सुप्रीम कोर्ट के आदेश हैं कि डॉक्टर्स पर बिना सीएमओ का बोर्ड बैठाये कोई मुकदमा नहीं होगा। इस सिविल प्रकरण में कैसे 420 का मुक़दमा दर्ज हुआ। इसका आईएमए घोर विरोध करता है। सचिव डॉ. रजनीश ने कहा कि बहुत अन्याय हो रहा है और हमारे चिकित्सक साथी को भी ऐसे ग़लत लोगों के ऊपर मुक़दमा करना चाहिए। अध्यक्ष निर्वाचित डॉ. पंकज नगायच ने कहा कि आईएमए के पौने दो हज़ार सदस्य अपने साथियों के साथ हैं। डॉ. अर्पित अग्रवाल और डॉ. अनिल अ ग्रवाल ने भी अपने पक्ष रखे। डॉ. संजय चतुर्वेदी ने कहा कि हमेशा से ईमानदारी से कार्य करने वाले डॉक्टरों को फंसाने के प्रयास होते हैं। आईएमए सदैव संघर्षरत रही है अपने सदस्यों के लिए। डॉ. मुनीश्वर ने कहा कि ये ग़लत नज़ीर बन रही है। कोई भी ऐसे तो डॉक्टर्स पर ग़लत आरोप लगाएगा और पुलिस मान लेगी। डॉ. सुनील शर्मा ने कहा कि कई और डॉक्टर्स भी मुकदमे दर्ज हैं। यह गलत है। डॉ. सुधीर ढाकरे,डॉ. दीपिका गुप्ता,डॉ. मुकेश भारद्वाज, डॉ. ललित गुप्ता, डॉ मानवेंद्र शर्मा, डॉ. अपराजिता, डॉ. रणवीर त्यागी आदि ने भी विचार रखे। मीटिंग में पारित हुए यह प्रस्ताव

Oct 28, 2024 - 21:55
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आगरा में आईएमए ने दिया 48 घंटे का अल्टीमेटम:डॉक्टरों पर दर्ज मुकदमे लिए जाएं वापस, वर्ना होगा संघर्ष
आगरा में आईएमए की स्थानीय शाखा के सदस्यों ने 48 घंटे का अल्टीमेटम दिया है। कहा कि किसी भी कीमत पर डॉक्टरों के खिलाफ होने वाली पुलिस की कार्यवाहियों को स्वीकार नहीं किया जाएगा। जिन दो डॉक्टरों पर मुकदमे हुए हैं, अगर 48 घंटे में वापस नहीं हुए तो संघर्ष किया जाएगा। एक किसान द्वारा शहर के कुछ डॉक्टरों पर कैंसर की फर्जी रिपोर्ट के आधार पर इलाज का आरोप लगाया गया था। किसान की शिकात पर थाना हरीपर्वत पर दो डॉक्टरों पर मुकदमा दर्ज हुआ। इसी संबंध में सोमवार को मीटिंग हुई। अध्यक्ष डॉ. अनूप दीक्षित ने कहा कि किसी भी सूरत में चिकित्सकों के ऊपर पुलिस की ऐसी कार्यवाही स्वीकार नहीं की जायेगी। सुप्रीम कोर्ट के आदेश हैं कि डॉक्टर्स पर बिना सीएमओ का बोर्ड बैठाये कोई मुकदमा नहीं होगा। इस सिविल प्रकरण में कैसे 420 का मुक़दमा दर्ज हुआ। इसका आईएमए घोर विरोध करता है। सचिव डॉ. रजनीश ने कहा कि बहुत अन्याय हो रहा है और हमारे चिकित्सक साथी को भी ऐसे ग़लत लोगों के ऊपर मुक़दमा करना चाहिए। अध्यक्ष निर्वाचित डॉ. पंकज नगायच ने कहा कि आईएमए के पौने दो हज़ार सदस्य अपने साथियों के साथ हैं। डॉ. अर्पित अग्रवाल और डॉ. अनिल अ ग्रवाल ने भी अपने पक्ष रखे। डॉ. संजय चतुर्वेदी ने कहा कि हमेशा से ईमानदारी से कार्य करने वाले डॉक्टरों को फंसाने के प्रयास होते हैं। आईएमए सदैव संघर्षरत रही है अपने सदस्यों के लिए। डॉ. मुनीश्वर ने कहा कि ये ग़लत नज़ीर बन रही है। कोई भी ऐसे तो डॉक्टर्स पर ग़लत आरोप लगाएगा और पुलिस मान लेगी। डॉ. सुनील शर्मा ने कहा कि कई और डॉक्टर्स भी मुकदमे दर्ज हैं। यह गलत है। डॉ. सुधीर ढाकरे,डॉ. दीपिका गुप्ता,डॉ. मुकेश भारद्वाज, डॉ. ललित गुप्ता, डॉ मानवेंद्र शर्मा, डॉ. अपराजिता, डॉ. रणवीर त्यागी आदि ने भी विचार रखे। मीटिंग में पारित हुए यह प्रस्ताव

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