आजमगढ़ में एंबुलेंसकर्मी की लापरवाही ने ली मरीज की जान:कैंसर मरीज को ला रही एंबुलेंस की बीच रास्ते में खत्म हुई ऑक्सीजन, रो पड़ी बेटी

आजमगढ़ जिले के तहबरपुर थाना क्षेत्र के रायसिंहपुरा गांव के रहने वाले धर्मसेन सिंह 60 पुत्र तिलकधारी सिंह की एंबुलेंस कर्मी की लापरवाही से मौत हो गई। धर्मसेन सिंह का इलाज वाराणसी के टाटा कैंसर इंस्टिट्यूट में चल रहा था। वाराणसी में भर्ती होने के बाद भी हालत में सुधार न होने पर वहां के डॉक्टरों ने रेफर कर दिया। इसके साथ ही डॉक्टरों ने परिजनों को घर ले जाकर सेवा करने की बात कही। परिजन धर्मसेन सिंह को जिला चिकित्सालय आजमगढ़ में भर्ती करने के लिए वाराणसी से प्राइवेट एंबुलेंस को बुक किए। डॉक्टर ने कहा था कि उनके ऑक्सीजन को खत्म नहीं होना चाहिए। बीच रास्ते में खत्म हुई ऑक्सीजन एम्बुलेंस चालक ने भरोसा दिया कि उसके पास एक ऑक्सीजन है। उसके अलावा दो एक्स्ट्रा ऑक्सीजन है। धर्मसेन सिंह की पुत्री व अन्य रिश्तेदार मौजूद थे। लेकिन वाराणसी से चलने पर कुछ ही देर बाद ऑक्सीजन का लेवल गिरने लगा। जब परिजन इस बारे में एंबुलेंस चालक से बात किए तो उसने कहा कि सैचुरेशन लेवल बढ़ने से ऑक्सीजन जल्दी खत्म हो रही है। इसलिए उसको कम कर दीजिए। कम करने पर ऑक्सीजन नहीं मिल पा रही थी। परिजन कहे कि एक्स्ट्रा ऑक्सीजन और जरूरत हो तो ले ले तो ड्राइवर ने भरोसा दिया कि नहीं खत्म नहीं होगा। उसके पास जो ऑक्सीजन है उसी से काम चल जाएगा। लेकिन आजमगढ़ में जिला चिकित्सालय पहुंचने से पहले ही ऑक्सीजन खत्म हो गया। जिला चिकित्सालय पहुंचते पहुंचते धर्मसेन सिंह की मौत हो गई। इसके बाद परिजन एंबुलेंस चालक की लापरवाही को लेकर हंगामा कर दिए। सूचना के बाद पुलिस कर्मी मौके पर पहुंचे। किसी प्रकार से परिजनों को समझाया बुझाया गया और शांत कराया गया। लेकिन एंबुलेंस कर्मी के द्वारा धोखा देकर जिस तरीके से पीड़ित मरीज को लाया गया और ऑक्सीजन की कमी के चलते जिस प्रकार से मौत हुई। उसने सवाल खड़ा कर दिया। वही ऑक्सीजन की कमी से पिता की मौत होते ही बेटी अमृता सिंह फ़फ़क कर रोने लगी।

Nov 24, 2024 - 01:55
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आजमगढ़ में एंबुलेंसकर्मी की लापरवाही ने ली मरीज की जान:कैंसर मरीज को ला रही एंबुलेंस की बीच रास्ते में खत्म हुई ऑक्सीजन, रो पड़ी बेटी
आजमगढ़ जिले के तहबरपुर थाना क्षेत्र के रायसिंहपुरा गांव के रहने वाले धर्मसेन सिंह 60 पुत्र तिलकधारी सिंह की एंबुलेंस कर्मी की लापरवाही से मौत हो गई। धर्मसेन सिंह का इलाज वाराणसी के टाटा कैंसर इंस्टिट्यूट में चल रहा था। वाराणसी में भर्ती होने के बाद भी हालत में सुधार न होने पर वहां के डॉक्टरों ने रेफर कर दिया। इसके साथ ही डॉक्टरों ने परिजनों को घर ले जाकर सेवा करने की बात कही। परिजन धर्मसेन सिंह को जिला चिकित्सालय आजमगढ़ में भर्ती करने के लिए वाराणसी से प्राइवेट एंबुलेंस को बुक किए। डॉक्टर ने कहा था कि उनके ऑक्सीजन को खत्म नहीं होना चाहिए। बीच रास्ते में खत्म हुई ऑक्सीजन एम्बुलेंस चालक ने भरोसा दिया कि उसके पास एक ऑक्सीजन है। उसके अलावा दो एक्स्ट्रा ऑक्सीजन है। धर्मसेन सिंह की पुत्री व अन्य रिश्तेदार मौजूद थे। लेकिन वाराणसी से चलने पर कुछ ही देर बाद ऑक्सीजन का लेवल गिरने लगा। जब परिजन इस बारे में एंबुलेंस चालक से बात किए तो उसने कहा कि सैचुरेशन लेवल बढ़ने से ऑक्सीजन जल्दी खत्म हो रही है। इसलिए उसको कम कर दीजिए। कम करने पर ऑक्सीजन नहीं मिल पा रही थी। परिजन कहे कि एक्स्ट्रा ऑक्सीजन और जरूरत हो तो ले ले तो ड्राइवर ने भरोसा दिया कि नहीं खत्म नहीं होगा। उसके पास जो ऑक्सीजन है उसी से काम चल जाएगा। लेकिन आजमगढ़ में जिला चिकित्सालय पहुंचने से पहले ही ऑक्सीजन खत्म हो गया। जिला चिकित्सालय पहुंचते पहुंचते धर्मसेन सिंह की मौत हो गई। इसके बाद परिजन एंबुलेंस चालक की लापरवाही को लेकर हंगामा कर दिए। सूचना के बाद पुलिस कर्मी मौके पर पहुंचे। किसी प्रकार से परिजनों को समझाया बुझाया गया और शांत कराया गया। लेकिन एंबुलेंस कर्मी के द्वारा धोखा देकर जिस तरीके से पीड़ित मरीज को लाया गया और ऑक्सीजन की कमी के चलते जिस प्रकार से मौत हुई। उसने सवाल खड़ा कर दिया। वही ऑक्सीजन की कमी से पिता की मौत होते ही बेटी अमृता सिंह फ़फ़क कर रोने लगी।

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