इस्कॉन में मनाई गई गोवर्धन पूजा:राधे कृष्ण के उद्घोष के साथ खुले पट, 1008 प्रकार के भोगों से तैयार श्री गिरिराज का भव्य स्वरूप

मैनावती मार्ग स्थित इस्कॉन मंदिर में श्री श्री गिरिराज महाराज की भव्य गोवर्धन पूजा का आयोजन किया गया। गोवर्धन पूजा के मौके सुबह से ही मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ जुटने लगी, राधेश्याम, जय गिरिराज महाराज के उद्घोषों के साथ मंदिर के पट खोले गए। श्रद्धालुओं ने मंदिर में बने गोवर्धन पर्वत की परिक्रमा कर बांके बिहारी के दर्शन किए। पूजन में 1008 प्रकार के भोगों से श्री गिरिराज जी का भव्य स्वरूप बनाया गया। शनिवार को इस्कॉन मंदिर में गोवर्धन पूजा का भव्य रूप से आयोजन किया गया । प्रात: काल मंगला आरती के साथ श्री श्री राधा माधव, श्री निताई गौर सुंदर व श्री जानकी वल्लभ लक्ष्मण, हुनमान भगवान के पट खोले गए। जय राधा माधव, जय कुंज बिहारी के भजनों से मंदिर का माहौल आनंदमयी हो गया। भगवान को स्वयं से अधिक प्रिय होते हैं भक्त पट खुलने पर श्रीमद भागवत कथा में गोवर्धन लीला का बखान किया गया है। बताया गया कि गिरिराज महाराज हरिदासों में सर्वश्रेष्ठ हैं, उन्होंने एक ही स्थान पर अपने शरीर को भगवान की लीला भूमि के लिए समर्पित कर दिया। भगवान को अपने भक्त स्वयं से भी अधिक प्रिय होते हैं। हरे कृष्ण के मंत्रों से अलौकिक हुआ वातावरण गिरिराज जी महाराज को समर्पित वैष्णव गीतों व मृदंग, करताल वाद्य यंत्रों के साथ हरे कृष्ण महा मंत्रों के कीर्तन से मंंदिर परिसर का वातावरण कृष्ण भावना से भर दिया। गोवर्धन पूजा में हजारों की संख्या में भक्त शामिल हुए। भगवान को तरह-तरह के भोग लगाने के बाद भक्तों ने गोवर्धन पर्वत की परिक्रमा लगाई। इसके बाद महाप्रसाद के रुप में भक्तों को कढ़ी-चावल व हलवे का भोग बांटा गया।

Nov 2, 2024 - 16:35
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इस्कॉन में मनाई गई गोवर्धन पूजा:राधे कृष्ण के उद्घोष के साथ खुले पट, 1008 प्रकार के भोगों से तैयार श्री गिरिराज का भव्य स्वरूप
मैनावती मार्ग स्थित इस्कॉन मंदिर में श्री श्री गिरिराज महाराज की भव्य गोवर्धन पूजा का आयोजन किया गया। गोवर्धन पूजा के मौके सुबह से ही मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ जुटने लगी, राधेश्याम, जय गिरिराज महाराज के उद्घोषों के साथ मंदिर के पट खोले गए। श्रद्धालुओं ने मंदिर में बने गोवर्धन पर्वत की परिक्रमा कर बांके बिहारी के दर्शन किए। पूजन में 1008 प्रकार के भोगों से श्री गिरिराज जी का भव्य स्वरूप बनाया गया। शनिवार को इस्कॉन मंदिर में गोवर्धन पूजा का भव्य रूप से आयोजन किया गया । प्रात: काल मंगला आरती के साथ श्री श्री राधा माधव, श्री निताई गौर सुंदर व श्री जानकी वल्लभ लक्ष्मण, हुनमान भगवान के पट खोले गए। जय राधा माधव, जय कुंज बिहारी के भजनों से मंदिर का माहौल आनंदमयी हो गया। भगवान को स्वयं से अधिक प्रिय होते हैं भक्त पट खुलने पर श्रीमद भागवत कथा में गोवर्धन लीला का बखान किया गया है। बताया गया कि गिरिराज महाराज हरिदासों में सर्वश्रेष्ठ हैं, उन्होंने एक ही स्थान पर अपने शरीर को भगवान की लीला भूमि के लिए समर्पित कर दिया। भगवान को अपने भक्त स्वयं से भी अधिक प्रिय होते हैं। हरे कृष्ण के मंत्रों से अलौकिक हुआ वातावरण गिरिराज जी महाराज को समर्पित वैष्णव गीतों व मृदंग, करताल वाद्य यंत्रों के साथ हरे कृष्ण महा मंत्रों के कीर्तन से मंंदिर परिसर का वातावरण कृष्ण भावना से भर दिया। गोवर्धन पूजा में हजारों की संख्या में भक्त शामिल हुए। भगवान को तरह-तरह के भोग लगाने के बाद भक्तों ने गोवर्धन पर्वत की परिक्रमा लगाई। इसके बाद महाप्रसाद के रुप में भक्तों को कढ़ी-चावल व हलवे का भोग बांटा गया।

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