ईराकी और स्लोवाकिया के कलाकारों काशी में किया लोकनृत्य:शिवोहम नृत्य समूह ने महाकुंभ की गीत पर किया नृत्य नाटिका का मंचन

अंतरराष्ट्रीय नृत्य महोत्सव की दूसरी संध्या में काशीवासियों ने ईराकी और स्लोवाकिया के लोकनृत्यों का खुब तालियां बजाई। इन दोनों ही देशों के नृत्य के दौरान गाए जाने वाले गीतों के बोल और उनके अर्थ भले ही समझ से परे रहे हों लेकिन नृत्य के दृश्य और उनके मंतव्य को अभिव्यक्त करती रहीं। ईराक के कलाकारों ने लोकनृत्यों की शृंखला पेश की ईराक के सुलेमानिया नेशनल आर्ट ग्रुप के कलाकारों ने तीन नृत्य प्रस्तुतियां दीं। इनमें परचाकार लाडा, कुराच और शीरीन तीसी दृसी लोकनृत्य शामिल रहे। तीनों ही प्रस्तुतियां एक घेरे में की गईं। एक साथ कदम बढ़ाते, छलांग लगाते दौड़ते, उछलते-कूदते कलाकार नृत्य के दौरान वृत्ताकार और सर्पीली आकृतियां बनाते रहे। स्लोवाकिया का राष्ट्रीय लोक नृत्य देख आनंदित हुए काशीवासी नृत्य के अलावा उन्होंने विचोदाना और बैले लुनिकिका लोकगीत की प्रस्तुतियां भी दीं। इन लोकनृत्यों में स्लोवाकिया की लोक परंपराओं के दर्शन हुए। शुरुआत चोरोवोद से हुई। इसमें लड़कियां एक समूह में नृत्य करती दिखीं। एक कलाकार नेतृत्वकर्ता के रूप में आगे रही जबकि शेष ने नर्तकियों ने एक दूसरे का हाथ थाम कर एक शृंखला का निर्माण किया। कोलेसो में नर्तकियों ने वृत्ताकार घेरे में नृत्य किया। प्रस्तुतियों का समापन ओडजेमोक से किया। यह स्लोवाकिया का राष्ट्रीय लोक नृत्य है। यह युगल नृत्य की प्राचीनतम शैली है। काशी के मंच पर गूंजा महाकुंभ का जयकारा काशी के शिवोहम नृत्य समूह के कलाकारों ने कथक और भरतनाट्यम की मिश्रित प्रस्तुति से भारतीय संस्कृति के दर्शन कराए। कलाकारों के दो समूह एक ही शब्द रचना पर कथक और भरतनाट्यम शैली में नृत्य करते रहे। शिवतांडव स्तोत्र और तराना के बाद महाकुंभ की कथा पर केंद्रित नृत्य नाटिका का मंचन किया। नृत्य दल में नायिका की भूमिका शिवानी मिश्रा ने निभाई। कथक समूह में नेहा शर्मा, स्मृति शाही, आशुतोष सिंह, कामिनी सिंह, धर्मराज और पल्लवी शामिल रहे। यह लोग हुए शामिल नृत्य संध्या के अतिथि उपशास्त्रीय गायिका पद्मश्री सोमा घोष, उत्तर प्रदेश ललित कला अकादमी के अध्यक्ष डॉ. सुनील विश्वकर्मा, लोकगायिका सरोज वर्मा, कैंट विधायक सौरभ श्रीवास्तव रहे। अतिथियों का स्वागत पर्यटना विभाग के उप निदेशक राजेंद्र कुमार रावत तथा लोक एवं जनजातिय संस्कृति संस्थान लखनऊ के निदेशक अतुल द्विवेदी ने किया। कार्यक्रम का हिंदी में संचालन ललिता शर्मा और अंग्रेजी में अपूर्वा शुक्ला ने किया।

Nov 30, 2024 - 00:50
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ईराकी और स्लोवाकिया के कलाकारों काशी में किया लोकनृत्य:शिवोहम नृत्य समूह ने महाकुंभ की गीत पर किया नृत्य नाटिका का मंचन
अंतरराष्ट्रीय नृत्य महोत्सव की दूसरी संध्या में काशीवासियों ने ईराकी और स्लोवाकिया के लोकनृत्यों का खुब तालियां बजाई। इन दोनों ही देशों के नृत्य के दौरान गाए जाने वाले गीतों के बोल और उनके अर्थ भले ही समझ से परे रहे हों लेकिन नृत्य के दृश्य और उनके मंतव्य को अभिव्यक्त करती रहीं। ईराक के कलाकारों ने लोकनृत्यों की शृंखला पेश की ईराक के सुलेमानिया नेशनल आर्ट ग्रुप के कलाकारों ने तीन नृत्य प्रस्तुतियां दीं। इनमें परचाकार लाडा, कुराच और शीरीन तीसी दृसी लोकनृत्य शामिल रहे। तीनों ही प्रस्तुतियां एक घेरे में की गईं। एक साथ कदम बढ़ाते, छलांग लगाते दौड़ते, उछलते-कूदते कलाकार नृत्य के दौरान वृत्ताकार और सर्पीली आकृतियां बनाते रहे। स्लोवाकिया का राष्ट्रीय लोक नृत्य देख आनंदित हुए काशीवासी नृत्य के अलावा उन्होंने विचोदाना और बैले लुनिकिका लोकगीत की प्रस्तुतियां भी दीं। इन लोकनृत्यों में स्लोवाकिया की लोक परंपराओं के दर्शन हुए। शुरुआत चोरोवोद से हुई। इसमें लड़कियां एक समूह में नृत्य करती दिखीं। एक कलाकार नेतृत्वकर्ता के रूप में आगे रही जबकि शेष ने नर्तकियों ने एक दूसरे का हाथ थाम कर एक शृंखला का निर्माण किया। कोलेसो में नर्तकियों ने वृत्ताकार घेरे में नृत्य किया। प्रस्तुतियों का समापन ओडजेमोक से किया। यह स्लोवाकिया का राष्ट्रीय लोक नृत्य है। यह युगल नृत्य की प्राचीनतम शैली है। काशी के मंच पर गूंजा महाकुंभ का जयकारा काशी के शिवोहम नृत्य समूह के कलाकारों ने कथक और भरतनाट्यम की मिश्रित प्रस्तुति से भारतीय संस्कृति के दर्शन कराए। कलाकारों के दो समूह एक ही शब्द रचना पर कथक और भरतनाट्यम शैली में नृत्य करते रहे। शिवतांडव स्तोत्र और तराना के बाद महाकुंभ की कथा पर केंद्रित नृत्य नाटिका का मंचन किया। नृत्य दल में नायिका की भूमिका शिवानी मिश्रा ने निभाई। कथक समूह में नेहा शर्मा, स्मृति शाही, आशुतोष सिंह, कामिनी सिंह, धर्मराज और पल्लवी शामिल रहे। यह लोग हुए शामिल नृत्य संध्या के अतिथि उपशास्त्रीय गायिका पद्मश्री सोमा घोष, उत्तर प्रदेश ललित कला अकादमी के अध्यक्ष डॉ. सुनील विश्वकर्मा, लोकगायिका सरोज वर्मा, कैंट विधायक सौरभ श्रीवास्तव रहे। अतिथियों का स्वागत पर्यटना विभाग के उप निदेशक राजेंद्र कुमार रावत तथा लोक एवं जनजातिय संस्कृति संस्थान लखनऊ के निदेशक अतुल द्विवेदी ने किया। कार्यक्रम का हिंदी में संचालन ललिता शर्मा और अंग्रेजी में अपूर्वा शुक्ला ने किया।

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