उत्तरकाशी: पुरोला बाजार की पार्किंग बनी खतरा, गिरते बोल्डर और दरकते पहाड़
पुरोला (उत्तरकाशी)। उत्तरकाशी जिले के पुरोला में अवैज्ञानिक कटिंग ने अब बड़े खतरे का रूप लेना शुरू कर दिया है। पुरोला बाजार के मुख्य प्रवेश द्वार पर बनाई गई वाहन पार्किंग शुरुआत में सुविधा लग रही थी, लेकिन समय बीतने के साथ यह पार्किंग अब एक गंभीर खतरे का संकेत दे रही है। स्थानीय लोगों …

उत्तरकाशी: पुरोला बाजार की पार्किंग बनी खतरा, गिरते बोल्डर और दरकते पहाड़
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पुरोला (उत्तरकाशी)। उत्तरकाशी जिले के पुरोला में अवैज्ञानिक कटाई के कारण एक चिंता का विषय बन चुका है। यहाँ पुरोला बाजार के मुख्य प्रवेश द्वार पर बनाए गए वाहन पार्किंग की शुरुआत में लाभकारी था, लेकिन अब यह स्थानीय जनजीवन के लिए एक गंभीर खतरे का संकेत दे रहा है।
पार्किंग की अव्यवस्था और खतरे के संकेत
स्थानीय निवासियों का कहना है कि पार्किंग के लिए बनाई गई स्थल को जिस पहाड़ का उपयोग करके काटा गया था, वह अब लगातार दरक रहा है। वहाँ से गिरते बोल्डर और मलबा धीरे-धीरे पूरे इलाके को भूस्खलन जोन में बदलते जा रहे हैं। यह विस्फोटक स्थिति न केवल पार्किंग को बल्कि पुरोला बाजार के गतिशील संचालन को भी खतरे में डाल रही है। ऐसे में, यह जरूरी है कि प्रशासन इस समस्या का तत्काल हल निकाले।
विशेषज्ञों की चिंता
भूविज्ञानियों का मानना है कि यदि जल्द ही स्थायी उपाय नहीं निकाले गए, तो यह स्थिति और अधिक विकट हो सकती है। पहाड़ की स्थिरता से जुड़ी समस्याओं के कारण बाजार का मुख्य प्रवेश द्वार किसी भी समय बंद हो सकता है। यह चेतावनी विशेषज्ञों के लिए गंभीर चिंता का विषय बनी हुई है।
गिरते बोल्डर और जलवायु पर प्रभाव
क्षेत्र में गिरते मलबे के कारण कमल गंगा नदी का प्रवाह भी प्रभावित हो सकता है। भारी मलबा नदी मैं जमा होने पर यह एक झील जैसी स्थिति उत्पन्न कर सकता है, जो स्थानीय निवासियों के लिए चिंताजनक है। यदि समय रहते इन समस्याओं का समाधान नहीं किया गया तो आने वाले दिनों में बड़े हादसे की संभावना है।
प्रशासन को सक्रिय भूमिका निभानी चाहिए
स्थानीय लोग और व्यापारी प्रशासन से अपील कर रहे हैं कि वे इस गंभीर मामले पर शीघ्र ध्यान दें। केवल अस्थायी उपायों से इस समस्या का समाधान नहीं हो सकता, इसीलिए उन्हें विशेषज्ञों की मदद से ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है। पार्किंग की अव्यवस्था ने इसे सुरक्षा का सबसे बड़ा खतरा बना दिया है।
निष्कर्ष
विशेषज्ञों और स्थानीय लोगों का तर्क है कि यदि समय रहते प्रभावी कदम नहीं उठाए गए, तो यह खतरा अनियंत्रित हो सकता है। पुरोला बाजार में सुरक्षा की समस्या न केवल स्थानीय निवासियों के लिए, बल्कि प्रशासन के लिए भी एक चुनौती बन चुकी है। ऐसे में, अधिकारियों को तुरंत एक कार्य योजना का निर्माण करना चाहिए, ताकि इस समस्या का समाधान किया जा सके।
कम शब्दों में कहें तो, पुरोला बाजार के आसपास के हालात गंभीर हो गए हैं और प्रशासन को इससे निपटने के लिए तुरंत सक्रिय होना चाहिए।
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सादर, टीम इंडिया टुडे, साक्षी शर्मा
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