उत्तराखंड की मिट्टी ने विदेशी मेहमानों का दिल जीत लिया, भराड़ीसैंण और गैरसैंण की अद्भुत संस्कृति की सराहना
भराड़ीसैंण: अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर भराड़ीसैंण, गैरसैंण में आयोजित होने वाले कार्यक्रम में प्रतिभाग करने 8 देशों के राजदूत / उच्चायुक्त/ प्रतिनिधि शुक्रवार दोपहर भराड़ीसैंण स्थित विधानसभा परिसर में पहुंचे। भराड़ीसैंण पहुंचते ही विदेशी मेहमानों ने उत्तराखंड की ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण की प्राकृतिक सुंदरता, हरियाली से भरी वादियाँ, स्वच्छ वातावरण देखा तो वो […] The post भराड़ीसैंण, गैरसैंण की मिट्टी ने जीता विदेशी मेहमानों का दिल , विदेशी मेहमानों ने सराहा उत्तराखंड की संस्कृति और सौंदर्य | first appeared on Vision 2020 News.

उत्तराखंड की मिट्टी ने विदेशी मेहमानों का दिल जीत लिया
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कम शब्दों में कहें तो, उत्तराखंड के भराड़ीसैंण और गैरसैंण ने अपने प्राकृतिक सौंदर्य और सांस्कृतिक धरोहर के माध्यम से अंतर्राष्ट्रीय मेहमानों का दिल जीत लिया है। अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर आयोजित इस कार्यक्रम में 8 देशों के राजदूत और उच्चायुक्त शामिल हुए।
भराड़ीसैंण में शुक्रवार दोपहर को आयोजित इस कार्यक्रम ने सभी मेहमानों को उत्तराखंड की खासियतों और शांति से भरपूर वातावरण के साथ प्रभावित किया। यहां के पहाड़ी नज़ारे और हरियाली से भरी वादियाँ एक अनोखा प्राकृतिक अनुभव प्रदान करती हैं। विदेशी मेहमानों ने इन सभी विशेषताओं की सराहना करते हुए इसे अपने यात्रा अनुभवों में शामिल किया।
विदेशी मेहमानों का स्वागत एवं अनुभव
जब विदेशी मेहमान भराड़ीसैंण विधानसभा परिसर में पहुंचे, तो उन्होंने यहां की सुंदरता और स्वच्छता की प्रशंसा की। इस आयोजन के बीच, उन्होंने उत्तराखंड की सांस्कृतिक विरासत की गहराई और यहां की स्थानीय कलाओं के प्रति अपनी रुचि दिखाई। मेहमानों के अनुसार, भराड़ीसैंण का वातावरण उनकी आत्मा को सुकून देने वाला है।
संस्कृति की झलक: छोलिया नृत्य
स्वागत समारोह में मेहमानों के लिए छोलिया नृत्य का आयोजन किया गया था, जो उत्तराखंड की समृद्ध लोक संस्कृति को दर्शाता है। इस पारंपरिक नृत्य ने विदेशी मेहमानों को खास प्रभावित किया। उन्होंने कहा कि इस तरह के अद्भुत सांस्कृतिक अनुभवों को वे कभी नहीं भूलेंगे। यह कार्यक्रम भारतीय संस्कृति को वैश्विक स्तर पर प्रस्तुत करने का एक महत्वपूर्ण अवसर था।
रविविद्ध देशों के राजदूत
कार्यक्रम में शामिल विभिन्न देशों के राजदूतों में मैक्सिको, फिजी, नेपाल, मंगोलिया और लातविया के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। उन्होंने न केवल उत्तराखंड की जलवायु का आनंद लिया, बल्कि यहां की मेहमाननवाजी को भी सराहा। इस से यह स्पष्ट होता है कि भारत की विविधता और संस्कृति का प्रभाव अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अब बढ़ रहा है।
भारत और विदेशी संबंधों को मजबूती
ऐसे आयोजनों के माध्यम से सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा मिलता है, जिससे भारत और अन्य देशों के बीच संबंधों को मजबूती मिलती है। विदेशी मेहमानों ने इस बारे में चर्चा की कि कैसे भारत की सांस्कृतिक उत्कृष्टता ने उन्हें आकर्षित किया है, और उन्होंने इसे अपने देशों में साझा करने का वचन भी दिया।
अंत में
भराड़ीसैंण और गैरसैंण की अनूठी मिट्टी ने एक बार फिर साबित किया है कि उत्तराखंड न केवल एक प्राकृतिक सुंदरता का केंद्र है, बल्कि यह सांस्कृतिक विस्तार का भी गंतव्य है। ऐसे आयोजन न केवल हमारी संस्कृति को संरक्षित करते हैं बल्कि दुनिया के साथ संवाद को भी प्रोत्साहित करते हैं।
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