उत्तराखंड के आशीष ममगाईं ने ऊर्जा क्षेत्र में लगाया नया मुकाम, देश के शीर्ष इंजीनियर्स की सूची में शामिल

टिहरी : यह उत्तराखंड के लिए गर्व का विषय है कि टिहरी हाइड्रो डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड (THDCIL) में उप महाप्रबंधक आशीष ममगाईं का चयन देश के ऊर्जा क्षेत्र के प्रमुख इंजीनियरों की सूची में किया गया है। उन्हें पावर लाइन पत्रिका में विशेष स्थान दिया गया है। आशीष ममगाईं के नाम कई उपलब्धियां दर्ज हैं। …

Sep 4, 2025 - 00:27
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उत्तराखंड के आशीष ममगाईं ने ऊर्जा क्षेत्र में लगाया नया मुकाम, देश के शीर्ष इंजीनियर्स की सूची में शामिल
टिहरी : यह उत्तराखंड के लिए गर्व का विषय है कि टिहरी हाइड्रो डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड (THDCIL) में

उत्तराखंड के आशीष ममगाईं ने ऊर्जा क्षेत्र में लगाया नया मुकाम

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कम शब्दों में कहें तो, उत्तराखंड के आशीष ममगाईं ने अपनी कड़ी मेहनत और उत्कृष्टता से ऊर्जा क्षेत्र में अपना नाम ऊंचा किया है। उन्हें देश के प्रमुख इंजीनियरों की सूची में शामिल किया गया है।

टिहरी: यह उत्तराखंड के लिए गर्व और उत्साह का अवसर है कि टिहरी हाइड्रो डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड (THDCIL) में उप महाप्रबंधक आशीष ममगाईं का चयन देश के ऊर्जा क्षेत्र के प्रमुख इंजीनियरों की सूची में किया गया है। उन्हें पावर लाइन पत्रिका में विशेष स्थान दिया गया है, जो उनकी अद्वितीय उपलब्धियों का प्रमाण है। ममगाईं के नाम कई उत्कृष्ट कार्य और परियोजनाएं हैं, जो उन्हें इस सम्मान के योग्य बनाती हैं।

महत्वपूर्ण परियोजनाएँ और योगदान

आशीष ममगाईं वर्तमान में भारत की पहली वैरिएबल-स्पीड पंपड स्टोरेज सुविधा—टिहरी पंपड स्टोरेज परियोजना (PSP)—के निष्पादन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। यह परियोजना न केवल उत्तराखंड बल्कि पूरे देश के ऊर्जा भविष्य को नई दिशा देने वाली साबित हो रही है।

एक इलेक्ट्रिकल इंजीनियर के रूप में ममगाईं ने 2007 में टिहरी हाइड्रो डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड में कार्यकारी प्रशिक्षु के रूप में अपने करियर की शुरुआत की। पिछले 18 वर्षों में, उन्होंने जलविद्युत संयंत्रों के संचालन-रखरखाव, कॉर्पोरेट-स्तरीय परियोजना सेवाओं और स्वदेशीकरण की दिशा में कई महत्वपूर्ण उपलब्धियां दर्ज की हैं। उन्हें 2010 की विनाशकारी बाढ़ के बाद कोटेश्वर की इलेक्ट्रो-मैकेनिकल प्रणालियों की बहाली में उनकी विशेष भूमिका के लिए भी जाना जाता है।

अविष्कार और नई तकनीक

ममगाईं ने 1,000 मेगावाट क्षमता वाली टिहरी पीएसपी की पहली दो इकाइयों के सफल चालू होने में सक्रिय रूप से भूमिका अदा की, जिन्होंने 2025 के मध्य में व्यावसायिक संचालन हासिल किया। यह परियोजना भारत में पहली बार अतुल्यकालिक जनरेटर और थ्री-फेज एसी एक्साइटेशन सिस्टम जैसी उन्नत तकनीक से लैस है, जो ऊर्जा क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।

जोश और दृष्टिकोण

उत्तराखंड की परंपरागत घराट (पनचक्की) प्रणाली से प्रेरणा लेकर पनबिजली समाधानों की ओर बढ़े ममगाईं आज देश को आत्मनिर्भर ऊर्जा की दिशा में ले जाने वाले चेहरे हैं। उनका मानना है कि टिहरी पीएसपी की उपलब्धियां निजी क्षेत्र को भी पंपड स्टोरेज परियोजनाओं में निवेश के लिए प्रेरित करेंगी।

उन्होंने स्पष्ट किया कि भविष्य में विदेशी तकनीक पर निर्भरता घटाना, घरेलू विनिर्माण क्षमताओं को बढ़ाना और पर्यावरणीय मंजूरियों की प्रक्रिया को सरल बनाना आवश्यक होगा।

ऊर्जा सुरक्षा का भविष्य

ममगाईं का कहना है कि यदि गहरे तकनीकी हस्तांतरण और सही बाज़ार तंत्र विकसित किए जाएं, तो पंपड स्टोरेज परियोजनाएं देश की ऊर्जा सुरक्षा के लिए “गेमचेंजर” साबित होंगी। उनकी दृष्टि न केवल उत्तराखंड बल्कि पूरे देश के लिए दीप जलाने वाली है, जिससे हम भविष्य की ऊर्जा चुनौतियों का सामना कर सकते हैं।

इस प्रकार, आशीष ममगाईं ने एक नई ऊर्जा की लहर को जन्म दिया है, जो आशा और विकास के संकेत के रूप में उभर रही है। उनके कार्यों से प्रेरित होकर, देश के युवा इंजीनियर भी इस क्षेत्र में आगे बढ़ सकते हैं।

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