उत्तराखंड में अवैध खनन पर सख्त कार्रवाई: बद्री-केदार स्टोन क्रेशर पर 21 लाख का जुर्माना और ई-रवन्ना पोर्टल का निलंबन
हरिद्वार : जिलाधिकारी मयूर दीक्षित के निर्देश पर हरिद्वार जिले में अवैध खनन पर एक बार फिर कड़ा प्रहार किया गया है। भगवानपुर तहसील के ग्राम बंजारेवाला ग्रन्ट स्थित बद्री केदार स्टोन क्रेशर पर अवैध रूप से खुदाई कर 10,080 टन आरबीएम (R.B.M.) खनिज निकालने के मामले में ₹21,16,800/- का भारी-भरकम अर्थदंड लगाया गया है। …

उत्तराखंड में अवैध खनन पर सख्त कार्रवाई: बद्री-केदार स्टोन क्रेशर पर 21 लाख का जुर्माना और ई-रवन्ना पोर्टल का निलंबन
हरिद्वार: जिलाधिकारी मयूर दीक्षित के नेतृत्व में हरिद्वार जिले में अवैध खनन के खिलाफ एक बार फिर कठोर कदम उठाए गए हैं। यह कार्रवाई भगवानपुर तहसील के बंजारेवाला गांव में स्थित बद्री केदार स्टोन क्रेशर पर की गई है, जहां अवैध रूप से 10,080 टन आरबीएम (R.B.M.) खनिज का استخراج किया गया था। इसके परिणामस्वरूप इस स्टोन क्रेशर पर ₹21,16,800/- का भारी जुर्माना लगाया गया है। कम शब्दों में कहें तो यह कदम अवैध खनन पर रोक लगाने और स्थानीय संसाधनों के संरक्षण की दिशा में महत्वपूर्ण है।
जिला खनन अधिकारी मोहम्मद काज़िम ने बताया कि यह जुर्माना रॉयल्टी की तीन गुनी दर पर आधारित है। इसके अलावा, इस परिसर को मौके पर ही सीज कर दिया गया है तथा ई-रवन्ना पोर्टल को अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया गया है। यह नीति अवैध खनन की प्रवृत्ति को नियंत्रित करने और सरकारी राजस्व की हानि को रोकने के लिए बनाई गई है।
कैसे हुआ खुलासा?
17 जून को अवैध खनन की एक मौखिक शिकायत मिलने पर जिलाधिकारी ने खनन विभाग की टीम को औचक निरीक्षण करने का आदेश दिया। निरीक्षण के दौरान क्रेशर के परिसर में 50 मीटर × 35 मीटर × 2 मीटर का गड्ढा पाया गया, जिससे स्पष्ट हुआ कि लगभग 10,080 टन आरबीएम का अवैध खनन किया गया था। जब मौके पर मौजूद क्रेशर मुंशी से पूछताछ की गई, तो उसका जवाब संतोषजनक नहीं था, जो इस मामले की गंभीरता को और बढ़ा देता है।
नियमों के तहत कार्रवाई
उत्तराखंड खनिज नियमावली 2024 के अनुसार, यदि किसी भंडारण स्थल में अवैधता पाई जाती है, तो संबंधित अधिकारी उसे सीज कर सकते हैं और पहले मामले में रॉयल्टी की तीन गुनी राशि का अर्थदंड लगाया जाता है। यदि समय पर स्पष्टीकरण नहीं मिलता या वह असंतोषजनक होता है, तो भविष्य में रॉयल्टी की चार गुना राशि वसूली जा सकती है। यह निर्धारित प्रक्रियाएँ अवैध खनन की गतिविधियों पर रोक लगाने में अहम भूमिका निभाती हैं।
15 दिन का अवसर
बद्री केदार स्टोन क्रेशर को 15 दिनों का समय दिया गया है ताकि वह अपना पक्ष रख सके। यदि संचालक इस अवधि में संतोषजनक स्पष्टीकरण नहीं देते हैं, तो जुर्माना घटा नहीं जाएगा और भविष्य में क्रेशर की अन्य लीजों पर भी कार्रवाई हो सकती है। यह सभी खनन संचालकों के लिए एक कड़ा संदेश है कि अवैध खनन के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
यह कार्रवाई स्थानीय निवासियों के लिए एक सकारात्मक संकेत है और यह सुनिश्चित करती है कि प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण और उनका सही उपयोग हो सके। ऐसे कदम उठाने से अवैध खनन की प्रवृत्ति में कमी आएगी और सरकारी राजस्व में सुधार होगा। देश की आर्थिक आधारशिला को मजबूत करने के लिए इस तरह के उपाय अत्यंत आवश्यक हैं।
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