उन्नाव में डीएपी के लिए किसानों की लंबी लाइनें:कालाबाजारी का आरोप, ऊंचे दाम पर बेंचा जा रहा, फसल की बोवाई में देरी

मियागंज विकास खंड क्षेत्र में किसानों को डीएपी खाद मिलने में हो रही परेशानियां बढ़ती जा रही हैं। समितियों में खाद की उपलब्धता होने के बावजूद, छोटे और जरूरतमंद किसान खाली हाथ लौटने को मजबूर हैं। किसानों का आरोप है कि खाद वितरण में बड़े किसानों और रसूखदारों को प्राथमिकता दी जा रही है, जबकि छोटे किसानों को घंटों कतार में खड़े रहने के बाद भी निराशा हाथ लग रही है। कादिरपुर निवासी किसान सनंदन और जारुल्लानगर की महिला किसान रुपम देवी ने बताया कि खाद न मिलने के कारण उनकी फसल की बुवाई में देरी हो रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि समितियों में पारदर्शिता का अभाव है और सेवानिवृत्त कर्मचारियों की मदद के बावजूद खाद वितरण का काम धीमी गति से हो रहा है। आसीवन क्षेत्र की लोकमन सहकारी समिति में सुबह से ही लंबी कतारें देखने को मिलीं। किसानों का कहना है कि घंटों इंतजार के बाद भी उन्हें खाद नहीं मिल पा रही है। कतार में खड़े किसानों का संयम जवाब देने लगा है। कुछ किसानों ने कालाबाजारी का आरोप लगाते हुए कहा कि समितियों में खाद को ऊंचे दाम पर बेचा जा रहा है, जिससे गरीब और छोटे किसान अपने हक से वंचित हो रहे हैं। समय पर नहीं हो रही बुवाई किसानों का कहना है कि खाद वितरण में असंतुलन के कारण उनकी फसल की बुवाई समय पर नहीं हो पा रही है। इसका सीधा असर उनकी आजीविका पर पड़ेगा। किसानों ने प्रशासन से मांग की है कि खाद वितरण प्रक्रिया को पारदर्शी बनाया जाए और कालाबाजारी पर सख्त कार्रवाई की जाए। अधिकारियों ने की जांच की बात स्थानीय अधिकारियों ने किसानों की समस्याओं को गंभीरता से लेने का वादा किया है। उन्होंने कहा है कि कालाबाजारी की जांच की जाएगी और खाद वितरण प्रक्रिया को सुचारू बनाने के लिए जरूरी कदम उठाए जाएंगे। अधिकारी किसानों को जल्द राहत मिलने का भरोसा दिला रहे हैं।

Nov 29, 2024 - 10:05
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उन्नाव में डीएपी के लिए किसानों की लंबी लाइनें:कालाबाजारी का आरोप, ऊंचे दाम पर बेंचा जा रहा, फसल की बोवाई में देरी
मियागंज विकास खंड क्षेत्र में किसानों को डीएपी खाद मिलने में हो रही परेशानियां बढ़ती जा रही हैं। समितियों में खाद की उपलब्धता होने के बावजूद, छोटे और जरूरतमंद किसान खाली हाथ लौटने को मजबूर हैं। किसानों का आरोप है कि खाद वितरण में बड़े किसानों और रसूखदारों को प्राथमिकता दी जा रही है, जबकि छोटे किसानों को घंटों कतार में खड़े रहने के बाद भी निराशा हाथ लग रही है। कादिरपुर निवासी किसान सनंदन और जारुल्लानगर की महिला किसान रुपम देवी ने बताया कि खाद न मिलने के कारण उनकी फसल की बुवाई में देरी हो रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि समितियों में पारदर्शिता का अभाव है और सेवानिवृत्त कर्मचारियों की मदद के बावजूद खाद वितरण का काम धीमी गति से हो रहा है। आसीवन क्षेत्र की लोकमन सहकारी समिति में सुबह से ही लंबी कतारें देखने को मिलीं। किसानों का कहना है कि घंटों इंतजार के बाद भी उन्हें खाद नहीं मिल पा रही है। कतार में खड़े किसानों का संयम जवाब देने लगा है। कुछ किसानों ने कालाबाजारी का आरोप लगाते हुए कहा कि समितियों में खाद को ऊंचे दाम पर बेचा जा रहा है, जिससे गरीब और छोटे किसान अपने हक से वंचित हो रहे हैं। समय पर नहीं हो रही बुवाई किसानों का कहना है कि खाद वितरण में असंतुलन के कारण उनकी फसल की बुवाई समय पर नहीं हो पा रही है। इसका सीधा असर उनकी आजीविका पर पड़ेगा। किसानों ने प्रशासन से मांग की है कि खाद वितरण प्रक्रिया को पारदर्शी बनाया जाए और कालाबाजारी पर सख्त कार्रवाई की जाए। अधिकारियों ने की जांच की बात स्थानीय अधिकारियों ने किसानों की समस्याओं को गंभीरता से लेने का वादा किया है। उन्होंने कहा है कि कालाबाजारी की जांच की जाएगी और खाद वितरण प्रक्रिया को सुचारू बनाने के लिए जरूरी कदम उठाए जाएंगे। अधिकारी किसानों को जल्द राहत मिलने का भरोसा दिला रहे हैं।

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