ऑपरेशन कालनेमी: त्रिवेंद्र सिंह रावत का बयान, प्रशासन को बरतनी चाहिए सावधानी

देहरादून : उत्तराखंड सरकार द्वारा प्रदेश में फर्जी साधु-संतों की पहचान और कार्रवाई के उद्देश्य से चलाए जा रहे ‘ऑपरेशन कालनेमी’ पर पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने अभियान के उद्देश्य को उचित बताया, लेकिन इसके क्रियान्वयन को लेकर कुछ महत्वपूर्ण सवाल भी खड़े किए हैं। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि …

Jul 18, 2025 - 18:27
 47  501822
ऑपरेशन कालनेमी: त्रिवेंद्र सिंह रावत का बयान, प्रशासन को बरतनी चाहिए सावधानी
देहरादून : उत्तराखंड सरकार द्वारा प्रदेश में फर्जी साधु-संतों की पहचान और कार्रवाई के उद्देश्य स

ऑपरेशन कालनेमी: त्रिवेंद्र सिंह रावत का बयान, प्रशासन को बरतनी चाहिए सावधानी

देहरादून : उत्तराखंड सरकार द्वारा प्रदेश में फर्जी साधु-संतों की पहचान और उनके खिलाफ कार्रवाई के लिए चलाए जा रहे ‘ऑपरेशन कालनेमी’ पर पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने अपने विचार साझा किए हैं। रावत ने अभियान के उद्देश्यों को उचित करार दिया है, लेकिन इसके क्रियान्वयन के संबंध में कुछ गंभीर प्रश्न भी उठाए हैं।

अभियान के उद्देश्य और सावधानी की आवश्यकता

त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि प्रदेश में कई ऐसे लोग हैं जो साधु-संतों का भेष धरकर घूम रहे हैं, जिनका वास्तविकता में सनातन धर्म या भगवा से कोई संबंध नहीं है। ऐसे तत्वों के खिलाफ सख्त कार्रवाई आवश्यक है, लेकिन इस प्रक्रिया में प्रशासन को सावधानी बरतनी चाहिए। रावत के अनुसार, यह जरूरी है कि असली साधुओं और भिक्षुकों को अनावश्यक परेशानी में ना डाला जाए।

ऑपरेशन के नाम पर सवाल उठाते हुए

रावत ने ‘कालनेमी’ नाम पर भी अपनी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि ‘कालनेमी’ एक प्राचीन राक्षस था, जो रावण का मित्र था और भगवान राम का विरोधी था। उनका यह तर्क है कि नामकरण में संवेदनशीलता का ध्यान रखा जाना चाहिए। आज के समय में हमें यह देखना होगा कि कौन कृत्रिमता से काम कर रहा है और कौन सच्चाई के रास्ते पर है।

कानूनी पहलुओं पर विचार

पूर्व मुख्यमंत्री ने यह भी प्रश्न किया कि जो फर्जी बाबाओं को गिरफ्तार किया गया है, उनके खिलाफ किस कानूनी प्रक्रिया का पालन किया गया है, यह साफ नहीं किया गया। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों का हवाला देते हुए कहा कि ऐसे मामलों में जहां सजा सात वर्ष से कम की होती है, गिरफ्तारी से पहले कानूनी प्रक्रियाओं का पालन अनिवार्य होता है। सरकारी प्रशासन को इसके तकनीकी पहलुओं पर ध्यान देना चाहिए।

असली गरीब-संतों की सुरक्षा

रावत ने यह भी कहा कि कुछ साधु और भिक्षुक असल में गरीब और असहाय होते हैं, और वे केवल दान तथा भिक्षा के माध्यम से अपना जीवन यापन करते हैं। उन्हें इस अभियान के दौरान हरगिज परेशान नहीं किया जाना चाहिए। ऐसे व्यक्तियों के लिए एक अलग समाधान निकालना जरूरी है।

सरकार का उद्देश्य नेक लेकिन सावधानी जरूरी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की सरकार ने हाल ही में फर्जी बाबाओं और धर्म के नाम पर लोगों को गुमराह करने वालों के खिलाफ ‘ऑपरेशन कालनेमी’ शुरू किया है। इस अभियान के तहत अब तक राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में कार्रवाई की गई है। त्रिवेंद्र सिंह रावत के बयानों से यह स्पष्ट होता है कि सरकार का इरादा नेक है, लेकिन इस प्रक्रिया के क्रियान्वयन में सावधानी और संवेदनशीलता बेहद आवश्यक है।

ऑपरेशन का मुख्‍य लक्ष्य पवित्रता और सत्यता को बनाए रखना है, लेकिन इसके लिए सही और संवेदीता आधारित कार्रवाई किया जाना अनिवार्य है। जैसे-जैसे यह अभियान आगे बढ़ता है, यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि प्रशासन किस तरह से फर्जी साधु-संतों की पहचान करता है और आम जनता की सुरक्षा को सुनिश्चित करता है।

कम शब्दों में कहें तो, पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने फर्जी साधु-संतों के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान ‘ऑपरेशन कालनेमी’ के उद्देश्यों को सराहा है, लेकिन इसके कार्यान्वयन में सावधानी बरतने पर जोर दिया है। ज्यादा जानकारियों के लिए, हमारे साथ जुड़े रहें: India Twoday

हमारी सोच यह है कि प्रत्येक कार्रवाई का नतीजा सकारात्मक होना चाहिए और इसमें सभी व्यक्तियों के अधिकारों का भी ध्यान रखा जाना चाहिए। हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि इस अभियान की चपेट में असली साधुओं और आयोजनों की भीड़ न लग जाए।

सबसे महत्वपूर्ण है कि इस प्रक्रिया का अनुसरण करते हुए शासन प्रशासन, सतर्कता के साथ आगे बढ़े और असली साधुओं की पहचान करने में सफल हो।

सदियों से चली आ रही साधुओं की परंपरा को आदर दिया जाना चाहिए, ताकि असामाजिक तत्वों के खिलाफ कार्रवाई में सच्चे साधु और भिक्षुक प्रभावित न हों।

Keywords:

operation kalnemi, Uttarakhand government, fake saints, precaution, legal issues, sensitivity, Trivendra Singh Rawat, campaign objectives, public safety, religious sensitivity

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow