कर्ज के रुपए उतारने को बनाई लूट की कहानी:महुआखेड़ा में आरोपी ने दर्ज कराया था झूठा मुकदमा, हाथरस के रहने वाले हैं आरोपी
अलीगढ़ के महुआखेड़ा थाना क्षेत्र में बीते दिनों हुई लूट का मामला फर्जी निकला। पीड़ित ने कर्ज से बचने के लिए पुलिस को झूठी सूचना दी थी और थाने में लूट का मुकदमा दर्ज करा दिया था। जिसके बाद पुलिस मामले की जांच में जुट गई थी और आसपास के क्षेत्र में पूछताछ की जा रही थी। जिसके बाद पुलिस ने आरोपी को रविवार को लूट के रुपयों के साथ गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में पता चला कि वादी ने ही अपने कर्ज से बचने के लिए लूट की फर्जी कहानी रची थी और पुलिस को सूचना दे दी थी। उसने अपने सारे रुपए भाई को बुलाकर दे दिए थे और फिर थाने आकर तहरीर दी थी। सख्ती से पूछताछ करने पर उसने पुलिस के सामने सारी कहानी बता दी। दिन दहाड़े लूट की बनाई थी कहानी हाथरस के सासनी के गांव नहलोई निवासी धर्मवीर सिंह पुत्र चरन सिंह ने 18 नवंबर को मुकदमा दर्ज कराया था। उन्होंने पुलिस को बताया था कि वह अपने भाई के साथ धनीपुर मंडी के सामने पीएनबी बैंक से रुपए लेने के लिए आए थे। रुपए निकालने के बाद दोनों अपने गांव वापस जा रहे थे। बाइक उनका भाई पुनीत चला रहा था और वह रुपए का थैला लेकर पीछे बैठे हुए थे। तभी पीछे से अज्ञात बाइक सवार आए और उनका थैला लेकर फरार हो गए। इसमें 4.50 लाख रुपए थे। जिसके बाद उन्होंने महुआखेड़ा थाने में मुकदमा दर्ज कराया था। अपने ही भाई को दे दिए थे रुपए पुलिस ने मामले की जांच शुरू की। उन्होंने आसपास के सीसीटीवी कैमरे भी खंगाले, जिसमें उन्हें लूट की घटना का कोई भी सुराग नहीं मिला। उन्हें मामले पर संदेह हुआ तो धर्मवीर पुत्र चरन सिंह और सत्यवीर पुत्र चरन सिंह को अलीपुर हाईवे के पास से गिरफ्तार किया। आरोपियों के पास से पुलिस को 3.50 लाख रुपए भी बरामद हुए। पूछताछ करने पर आरोपियों ने बताया कि उनके ऊपर 9 लाख रुपए का कर्जा था। वह इसे नहीं देना चाहते थे, इसलिए लूट की झूठी कहानी रच दी। आरोपी ने खुद ही सत्यवीर को बुलाकर रुपए दिए थे। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है और सोमवार को उन्हें जेल भेजा जाएगा। कार्रवाई करने वाली पुलिस टीम में थाना प्रभारी सत्यवीर सिंह, एसआई मो. नफीस अहमद, कांस्टेबल समीरुद्दीन और दीपक आर्य शामिल रहे।
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