कानपुर विश्वविद्यालय और रूस के बीच हुआ MOU:QS एशिया रैंकिंग में आने के बाद प्रदेश का पहला ऐसा विश्वविद्यालय जिसने वैश्विक अनुबंध किया

अब छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय कानपुर के छात्र-छात्राएं रूस की फार ईस्टर्न फेडरल यूनिवर्सिटी में जाकर वहां की तकनीकी सीख सकेंगे। वहीं, रूस के छात्र इंडिया का टैलेंट सीखेंगे। इस समझौता ज्ञापन में कानपुर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. विनय कुमार पाठक, फार ईस्टर्न फेडरल यूनिवर्सिटी (FEFU) रूस के प्रो. सेलेज्नेव टिम ने हस्ताक्षर किया। संयुक्त शैक्षणिक कार्यक्रम होंगे आयोजित दोनों विश्वविद्यालय मिलकर एआई के एडवांस्ड एल्गोरिदम, मशीन लर्निंग और डीप लर्निंग पर कोर्स तैयार करेंगे। इसके अलावा डेटा साइंस और एनालिटिक्स, साइबर सुरक्षा पर विशेष कोर्स और वर्कशॉप करेंगे। हर साल CSJM और FEFU दोनों संस्थानों के छात्र और शिक्षक एक-दूसरे के कैंपस में शैक्षणिक और सांस्कृतिक गतिविधियों के लिए जाएंगे। सांझा शोध परियोजनाएं, एआई, आईटी, और बायोटेक्नोलॉजी में मिलकर काम करेंगे। टेक्नोलॉजी का आदान प्रादान करेंगे इस MOU के तहत टेक्नोलॉजी ट्रांसफर, स्टार्टअप सहयोग, प्रोग्रामिंग और तकनीकी प्रतियोगिताएं, छात्रों को ग्लोबल लेवल पर प्रतिस्पर्धा करने के लिए ट्रेनिंग दी जाएगी। सांस्कृतिक और भाषाई आदान-प्रदान होगा। डिजिटल और टेक्नोलॉजी प्लेटफॉर्म्स का विकास किया जाएगा। प्रो. पाठक ने कहा कि इस MOU के तहत दोनों संस्थानों के बीच टेक्नोलॉजी ब्रिज की स्थापना की जाएगी। इसके अलावा छात्रों के लिए अंतरराष्ट्रीय अनुभव और एक्सपोजर का लाभ मिलेगा। कानपुर विश्वविद्यालय के छात्र रूस में उच्च-स्तरीय प्रयोगशालाओं और सुविधाओं का उपयोग कर सकेंगे। शिक्षकों और शोधकर्ताओं के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शोध और अनुदान (Funding) के अवसर मिलेंगे। हर साल 50 छात्रों का होगा आदान-प्रदान प्रो. विनय कुमार पाठक ने बताया कि हर साल 50 छात्रों और 10 शिक्षकों का आदान-प्रदान। एआई और आईटी में तीन बड़े रिसर्च प्रोजेक्ट किए जाएंगे। संयुक्त रूप से अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन और वर्कशॉप का आयोजन होगा। दोनों देशों में सांस्कृतिक उत्सव का आयोजन होगा। दोनों देशों को नए आयाम तक ले जाएगी एफईएफयू के प्रतिनिधि प्रो. सेलेज्नेव टिम ने कहा- ‘यह साझेदारी शिक्षा और तकनीक के क्षेत्र में दोनों देशों को नए आयामों तक ले जाएगी। हमें खुशी है कि हम इस महत्वपूर्ण पहल का हिस्सा हैं।’ उन्होंने कहा कि यह साझेदारी इन क्षेत्रों में नवाचार और प्रगति के लिए नए अवसर खोलेगी। इस मौके पर डॉ. बृष्टी मित्रा, प्रो. सुधांशु पांडेया, डॉ. प्रभात द्विवेदी, डॉ. राजीव मिश्रा, डॉ. दीपक कुमार वर्मा, डॉ. संदेश गुप्ता, डॉ. आलोक कुमार और डॉ. अजीत श्रीवास्तव, डॉ. अंजू दीक्षित आदि लोग मौजूद रहे।

Nov 29, 2024 - 16:55
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कानपुर विश्वविद्यालय और रूस के बीच हुआ MOU:QS एशिया रैंकिंग में आने के बाद प्रदेश का पहला ऐसा विश्वविद्यालय जिसने वैश्विक अनुबंध किया
अब छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय कानपुर के छात्र-छात्राएं रूस की फार ईस्टर्न फेडरल यूनिवर्सिटी में जाकर वहां की तकनीकी सीख सकेंगे। वहीं, रूस के छात्र इंडिया का टैलेंट सीखेंगे। इस समझौता ज्ञापन में कानपुर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. विनय कुमार पाठक, फार ईस्टर्न फेडरल यूनिवर्सिटी (FEFU) रूस के प्रो. सेलेज्नेव टिम ने हस्ताक्षर किया। संयुक्त शैक्षणिक कार्यक्रम होंगे आयोजित दोनों विश्वविद्यालय मिलकर एआई के एडवांस्ड एल्गोरिदम, मशीन लर्निंग और डीप लर्निंग पर कोर्स तैयार करेंगे। इसके अलावा डेटा साइंस और एनालिटिक्स, साइबर सुरक्षा पर विशेष कोर्स और वर्कशॉप करेंगे। हर साल CSJM और FEFU दोनों संस्थानों के छात्र और शिक्षक एक-दूसरे के कैंपस में शैक्षणिक और सांस्कृतिक गतिविधियों के लिए जाएंगे। सांझा शोध परियोजनाएं, एआई, आईटी, और बायोटेक्नोलॉजी में मिलकर काम करेंगे। टेक्नोलॉजी का आदान प्रादान करेंगे इस MOU के तहत टेक्नोलॉजी ट्रांसफर, स्टार्टअप सहयोग, प्रोग्रामिंग और तकनीकी प्रतियोगिताएं, छात्रों को ग्लोबल लेवल पर प्रतिस्पर्धा करने के लिए ट्रेनिंग दी जाएगी। सांस्कृतिक और भाषाई आदान-प्रदान होगा। डिजिटल और टेक्नोलॉजी प्लेटफॉर्म्स का विकास किया जाएगा। प्रो. पाठक ने कहा कि इस MOU के तहत दोनों संस्थानों के बीच टेक्नोलॉजी ब्रिज की स्थापना की जाएगी। इसके अलावा छात्रों के लिए अंतरराष्ट्रीय अनुभव और एक्सपोजर का लाभ मिलेगा। कानपुर विश्वविद्यालय के छात्र रूस में उच्च-स्तरीय प्रयोगशालाओं और सुविधाओं का उपयोग कर सकेंगे। शिक्षकों और शोधकर्ताओं के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शोध और अनुदान (Funding) के अवसर मिलेंगे। हर साल 50 छात्रों का होगा आदान-प्रदान प्रो. विनय कुमार पाठक ने बताया कि हर साल 50 छात्रों और 10 शिक्षकों का आदान-प्रदान। एआई और आईटी में तीन बड़े रिसर्च प्रोजेक्ट किए जाएंगे। संयुक्त रूप से अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन और वर्कशॉप का आयोजन होगा। दोनों देशों में सांस्कृतिक उत्सव का आयोजन होगा। दोनों देशों को नए आयाम तक ले जाएगी एफईएफयू के प्रतिनिधि प्रो. सेलेज्नेव टिम ने कहा- ‘यह साझेदारी शिक्षा और तकनीक के क्षेत्र में दोनों देशों को नए आयामों तक ले जाएगी। हमें खुशी है कि हम इस महत्वपूर्ण पहल का हिस्सा हैं।’ उन्होंने कहा कि यह साझेदारी इन क्षेत्रों में नवाचार और प्रगति के लिए नए अवसर खोलेगी। इस मौके पर डॉ. बृष्टी मित्रा, प्रो. सुधांशु पांडेया, डॉ. प्रभात द्विवेदी, डॉ. राजीव मिश्रा, डॉ. दीपक कुमार वर्मा, डॉ. संदेश गुप्ता, डॉ. आलोक कुमार और डॉ. अजीत श्रीवास्तव, डॉ. अंजू दीक्षित आदि लोग मौजूद रहे।

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