गवर्नेंस चैलेंज में आने वाली जटिल समस्याओं की जानकारी दी:लखनऊ के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में समग्र द्वारा तीसरे संस्करण का समापन
'द गवर्नेंस चैलेंज (टीजीसी)' का तीसरे संस्करण की प्रतियोगिता शुक्रवार को लखनऊ के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित हुई। समग्र संस्था द्वारा आयोजित इस प्रतियोगिता का उद्देश्य भारतीय युवाओं को शासन के पारिस्थितिकी तंत्र से परिचित कराना है। साथ ही उन्हें देश की जटिल समस्याओं का समाधान खोजने के लिए प्रेरित करना है। टीजीसी 2024 का उद्देश्य और थीम इस वर्ष की प्रतियोगिता का मुख्य उद्देश्य भारत के युवाओं को शासन और नीति निर्माण के विभिन्न पहलुओं में भाग लेने का अवसर प्रदान करना है। 'भारत@75 से भारत@100' के विकास यात्रा के इस महत्वपूर्ण दौर में प्रतियोगिता ने युवाओं को शासन सुधार के लिए प्रेरित किया। 'शासन में कृत्रिम बुद्धिमत्ता' (AI) विषय पर आयोजित प्रतियोगिता में सवाल पूछा गया कि 'उत्तर प्रदेश सरकार राज्य में सेवा वितरण में सुधार के लिए शासन में कृत्रिम बुद्धिमत्ता का लाभ कैसे उठा सकती है?' भारत आज एक वैश्विक कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) नेता के रूप में उभर रहा है। इस आयोजन के माध्यम से प्रतियोगियों को यह समझने का अवसर मिला कि AI आधारित समाधान सरकारी कार्यप्रणाली में कैसे सुधार ला सकते हैं। उत्तर प्रदेश ने अपनी स्मार्ट सिटी पहल और AI केंद्रों के जरिए शासन में नवाचार के क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभाई है। इस प्रतियोगिता ने राज्य में AI के उपयोग को बढ़ावा देने की दिशा में एक कदम और आगे बढ़ाया। 'कैंपस राउंड', 'नेशनल राउंड' और 'समिट राउंड' के पहले दौर में 30 प्रमुख बिजनेस स्कूलों और पब्लिक पॉलिसी स्कूलों के छात्रों ने भाग लिया। इनमें 3,346 टीमों और कुल 10,038 छात्रों ने शासन चुनौतियों पर अपने विचार प्रस्तुत किए। कैंपस राउंड के बाद 30 विजेता टीमों को नेशनल राउंड में प्रतिस्पर्धा करने का अवसर मिला। इस राउंड में छात्रों ने सरकारी अधिकारियों और उद्योग जगत के विशेषज्ञों के समक्ष अपने विचार प्रस्तुत किए। जिन्हें जूरी ने उनके समाधान की नवीनता और कार्यान्वयन व्यवहार्यता के आधार पर मूल्यांकित किया। नेशनल राउंड के बाद शीर्ष 6 टीमों को शिखर सम्मेलन के अंतिम दौर में प्रवेश मिला। टीजीसी 2024 के शिखर सम्मेलन दौर में फाइनलिस्ट टीमों ने अपने समाधान प्रस्तुत किए। जूरी में उत्तर प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह और मुख्यमंत्री के सलाहकार अवनीश अवस्थी जैसे प्रमुख अधिकारी शामिल थे। इसके अलावा प्रतियोगियों को विकास क्षेत्र के नेताओं के एक पैनल के साथ संवाद करने और उद्योग के वरिष्ठ अधिकारियों से व्यक्तिगत मार्गदर्शन प्राप्त करने का भी अवसर मिला। फाइनलिस्ट टीमों को दो दिवसीय फील्ड विजिट का भी हिस्सा बनने का अवसर मिला। इसमें उन्हें जमीनी स्तर पर शासन की गहरी समझ प्राप्त हुई। इस दौरान छात्रों ने उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में सरकार द्वारा किए गए बदलावों और स्मार्ट सिटी परियोजनाओं का भी दौरा किया। टीजीसी 2024 के विजेता छात्रों को कुल 9,00,000 रुपए का नकद पुरस्कार, उपहार, प्रमाण पत्र और समग्र के साथ व्यक्तिगत प्री-प्लेसमेंट इंटरव्यू (PPI) का अवसर मिला। इसके अलावा प्रत्येक विजेता टीम को उनके समाधान के अनुसार पहचान और सम्मान भी प्राप्त हुआ। टीजीसी 2024 को उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा संचालित किया गया था और इसे बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन और वेडिस फाउंडेशन का समर्थन प्राप्त था। इस मंच के प्लेटफॉर्म पार्टनर के रूप में अनस्टॉप ने योगदान दिया।
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