गोरखपुर में PM आवास के नाम पर वसूली का VIDEO:DUDA संविदा कर्मी आवेदकों से मांग रहा 50-100 रुपए, नौकरी से हुआ बर्खास्त

गोरखपुर में प्रधानमंत्री आवास योजना (अर्बन) और प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के नाम पर आवेदकों से अवैध वसूली का चौंकाने वाला मामला सामने आया है। नगर निगम परिसर स्थित जिला नगरीय विकास अभिकरण (DUDA)कार्यालय में संविदा कर्मचारियों द्वारा जानकारी देने और ऋण स्वीकृति के बदले 50 से 100 रुपये लेने का आरोप है। इस मामले का वीडियो वायरल होने के बाद दोषी कर्मचारी को तत्काल बर्खास्त कर दिया गया। घटना के बाद पूछताछ केंद्र को भी बंद कर दिया गया है। वीडियो ने खोली पोल, कर्मचारी बर्खास्त DUDA के परियोजना अधिकारी विकास सिंह ने बताया कि वायरल वीडियो में एक संविदा कर्मचारी आवेदकों से पैसे लेते हुए दिख रहा था। इस गंभीर आरोप के मद्देनजर उसे तुरंत हटा दिया गया। परियोजना अधिकारी ने यह भी कहा कि जनसेवा केंद्र के किसी भी कर्मचारी को पूछताछ कक्ष में बैठने की अनुमति नहीं थी। योजना की आड़ में खुलेआम अवैध वसूली नगर निगम परिसर में प्रधानमंत्री आवास योजना (अर्बन) और प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना की जानकारी देने के लिए पूछताछ केंद्र बनाया गया था। वहां तैनात एक कर्मचारी, आवेदकों को जानकारी देने के बदले 50 से 100 रुपये मांग रहा था। इसके अलावा, प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना में ऋण स्वीकृत कराने के नाम पर एक अन्य कर्मचारी ओटीपी पूछकर क्यूआर कोड के जरिए पैसे मंगवाता था। नए आवेदन नहीं, फिर भी चल रहा था फर्जीवाड़ा प्रधानमंत्री आवास योजना (अर्बन) के तहत फिलहाल नए आवेदन स्वीकार नहीं किए जा रहे हैं। बावजूद इसके, पूछताछ केंद्र पर नए फॉर्म दिए जा रहे थे और उनकी प्रक्रिया बताने के लिए पैसे वसूले जा रहे थे। मामले के उजागर होने के बाद संबंधित कर्मचारी को नौकरी से हटा दिया गया है। प्रशासन सख्त, पूछताछ केंद्र पर लगा ताला घटना के बाद प्रशासन ने पूछताछ केंद्र को बंद कर दिया है और आगे की जांच शुरू कर दी है। अधिकारियों ने यह भी सुनिश्चित किया है कि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो। योजना से जुड़े अन्य कर्मचारियों पर भी कड़ी नजर रखी जा रही है। सरकारी योजनाओं की साख पर सवाल यह घटना प्रधानमंत्री आवास योजना और स्वनिधि योजना जैसी कल्याणकारी योजनाओं पर सवाल खड़ा करती है, जिनका उद्देश्य जरूरतमंदों की मदद करना है। लेकिन ऐसे मामलों से इन योजनाओं की साख को धक्का पहुंचता है। प्रशासन का कहना है कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी और पारदर्शिता सुनिश्चित की जाएगी।

Nov 23, 2024 - 18:25
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गोरखपुर में PM आवास के नाम पर वसूली का VIDEO:DUDA संविदा कर्मी आवेदकों से मांग रहा 50-100 रुपए, नौकरी से हुआ बर्खास्त
गोरखपुर में प्रधानमंत्री आवास योजना (अर्बन) और प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के नाम पर आवेदकों से अवैध वसूली का चौंकाने वाला मामला सामने आया है। नगर निगम परिसर स्थित जिला नगरीय विकास अभिकरण (DUDA)कार्यालय में संविदा कर्मचारियों द्वारा जानकारी देने और ऋण स्वीकृति के बदले 50 से 100 रुपये लेने का आरोप है। इस मामले का वीडियो वायरल होने के बाद दोषी कर्मचारी को तत्काल बर्खास्त कर दिया गया। घटना के बाद पूछताछ केंद्र को भी बंद कर दिया गया है। वीडियो ने खोली पोल, कर्मचारी बर्खास्त DUDA के परियोजना अधिकारी विकास सिंह ने बताया कि वायरल वीडियो में एक संविदा कर्मचारी आवेदकों से पैसे लेते हुए दिख रहा था। इस गंभीर आरोप के मद्देनजर उसे तुरंत हटा दिया गया। परियोजना अधिकारी ने यह भी कहा कि जनसेवा केंद्र के किसी भी कर्मचारी को पूछताछ कक्ष में बैठने की अनुमति नहीं थी। योजना की आड़ में खुलेआम अवैध वसूली नगर निगम परिसर में प्रधानमंत्री आवास योजना (अर्बन) और प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना की जानकारी देने के लिए पूछताछ केंद्र बनाया गया था। वहां तैनात एक कर्मचारी, आवेदकों को जानकारी देने के बदले 50 से 100 रुपये मांग रहा था। इसके अलावा, प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना में ऋण स्वीकृत कराने के नाम पर एक अन्य कर्मचारी ओटीपी पूछकर क्यूआर कोड के जरिए पैसे मंगवाता था। नए आवेदन नहीं, फिर भी चल रहा था फर्जीवाड़ा प्रधानमंत्री आवास योजना (अर्बन) के तहत फिलहाल नए आवेदन स्वीकार नहीं किए जा रहे हैं। बावजूद इसके, पूछताछ केंद्र पर नए फॉर्म दिए जा रहे थे और उनकी प्रक्रिया बताने के लिए पैसे वसूले जा रहे थे। मामले के उजागर होने के बाद संबंधित कर्मचारी को नौकरी से हटा दिया गया है। प्रशासन सख्त, पूछताछ केंद्र पर लगा ताला घटना के बाद प्रशासन ने पूछताछ केंद्र को बंद कर दिया है और आगे की जांच शुरू कर दी है। अधिकारियों ने यह भी सुनिश्चित किया है कि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो। योजना से जुड़े अन्य कर्मचारियों पर भी कड़ी नजर रखी जा रही है। सरकारी योजनाओं की साख पर सवाल यह घटना प्रधानमंत्री आवास योजना और स्वनिधि योजना जैसी कल्याणकारी योजनाओं पर सवाल खड़ा करती है, जिनका उद्देश्य जरूरतमंदों की मदद करना है। लेकिन ऐसे मामलों से इन योजनाओं की साख को धक्का पहुंचता है। प्रशासन का कहना है कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी और पारदर्शिता सुनिश्चित की जाएगी।

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