घर में तनाव का माहौल, लोगों से थी दूरी:प्रीति की बीमारी और 85 लाख रुपए के लोन भुगतान के लिए बिगड़ी थी बात
लखनऊ में रिटायर्ड एडिशनल जज की बेटी प्रीति की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो चुकी है। 10वीं मंजिल से गिरने के कारण शव क्षत-विक्षत हो गई थी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत की वजह हेड इंजरी बताई जा रही है। मृतका की बेटी ने दामाद पर हत्या का आरोप लगाया है। पुलिस ने केस दर्ज कर मामले की जांच शुरू की है। आरोपी पति पुलिस की हिरासत में है और जांच टीम ने पड़ताल शुरू कर दी है। प्रीति की मौत की जांच हत्या और आत्महत्या के बीच की जा रही है। ऐसे में घटना से जुड़े 5 अहम सवालों का जवाब तलाशने की कोशिश की गई। दैनिक भास्कर टीम ने सोसाइटी के लोगों और एक्सपर्ट्स से बात की। पति को निर्दोष बता रहे लोग, विवाद की बात मानी
बातचीत के दौरान सोसाइटी के अधिकतर लोग रविंद्र कुमार द्विवेदी को निर्दोष बता रहे हैं। उनका कहना है कि उन्होंने हत्या नहीं की है। वह निर्दोष हैं। हां, मानसिक प्रताड़ना और घर में झगड़ा होने के मुद्दे पर बात करने से लोग किनारा कर रहे हैं। जानकारी के मुताबिक करीब दो साल से अधिक समय से यह परिवार अरावली एनक्लेव सोसायटी में रह रहा है, लेकिन सोसायटी का कोई व्यक्ति इस दौरान रविंद्र के घर नहीं गया था। प्रीति से मां-बाप को नहीं मिलने देने पर क्या बोले लोग
सोसायटी के कार्डिनेटर सांवलिया सिंह ने कहा कि लेडीज को दिक्कत थी। वह मानसिक रूप से दिक्कत में रहती थी। पति हजरतगंज स्थित ऑफिस में थे। फोन के बाद वह मौके पर पहुंचे थे। लोन के पैसे के दबाव के लिए उन्होंने कहा कि इसके लिए हम नहीं बता सकते। एक दिन पहले परिजनों के आने पर परिजनाें से नहीं मिलने देने पर कहा कि इसके लिए उन्हें पुलिस से शिकायत करनी चाहती थी। बी-11 में सिंगल फ्लैट में यही रहते थे। उन्होंने कहा कि बच्चों ने कहा कि मम्मी छोटे बेटे का चप्पल ढूढ़ने के लिए निकली थी। 40 फ्लैट की 10 मंजिल की बिल्डिंग में वह अकेले रहते थे। उनका कहना है कि तीन बार मेरी याद में वह तीन बार घर से निकल गई थी। इसके बाद उन्हें ढूंढा गया था। वहीं, अनूप कुमार मिश्रा शि्फटिंग के पहले रविंद्र के घर गए थे, लेकिन उसके बाद कभी नहीं गए। नित्यानंद पांडेय ने कहा कि सोसायटी के लोगों से पता चला घटना के बारे में। उनका कहना है कि कभी घर नहीं गए थे। अनिल कुमार सिंह का कहना है कि बी 11 की तरफ पहुंचे तो देखा कि कोई गिरा हुआ था। पुलिस मौके पर आ गई थी। सोसायटी में किसी परिवार के यहां पर इस परिवार का आना जाना नहीं था। दैनिक भास्कर की तरफ से मामले में घटना स्थल पर पड़ताल की गई। इसमें कई बात सामने आई है। पांच सवालों में समझिए जज के बेटी की हत्या है या सुसाइड सवाल: क्या प्रीति 10 वें फ्लाेर से कूदी ? या उसे फेंका गया ? उत्तर : घटना से कुछ देर पहले करीब 3:30 बजे प्रीति अपने दोनों बच्चों के साथ में सोसायटी में टहल रही थी। सोसायटी में काम करने वाले लोगों का कहना है कि वह इस दौरान स्वस्थ लग रही थी। इसके बाद वह दोनों बच्चों के साथ लिफ्ट से फ्लैट में गई। यहां से करीब 5 बजकर 16 मिनट पर वह लिफ्ट से 10 वीं मंजिल पर पहुंचकर छत पर चली जाती है। थोड़ी देर बाद करीब 5 बजकर 20 मिनट पर गिरने की आवाज आती है। जबकि करीब चार फीट की रेलिंग से कोई गिर नहीं सकता है। ऐसे में सवाल उठता है कि उस डेढ़ घंटे के बीच में ऐसा क्या हुआ कि अचानक प्रीति ने ऐसा कदम उठाया? या फिर वह 10 मंजिल पर क्यों गई? इस बीच उसने किसी से क्या बात की? सोसायटी के कार्डिनेटर सावलिया सिंह बताते हैं कि बड़े बेटे ने बताया कि मम्मी छोटे भाई का चप्पल लेने के लिए घर से बाहर निकली थी। वहीं, सोसायटी के सीसीटवी फुटेज देखने और पति रविंद्र कुमार द्विवेदी के बैंक में होने के कारण प्रथम दृष्टिया ऐसा लग रहा कि रविंद्र कुमार द्विवेदी ने उसको धक्का नहीं दिया है। लेकिन क्या प्रीति को मानसिक रूप से प्रताड़ित कर उसे ऐसा करने के लिए उकसाया गया। यह जांच का विषय है। सवाल: क्या प्रीति को बीमारी थी? उत्तर : हां, प्रीति सिज़ोफ्रेनिया से पीड़ित थी। उसका निर्वाण अस्पताल में उपचार भी चल रहा था। रिटायर्ड जज एसपी तिवारी और रविंद्र द्विवेदी के परिचित अजय सिंह का कहना है कि मैं, रविंद्र सिंह को 14 -15 साल से जानता हूं। मैं,प्रीति को कई बार सूई लगवाने के लिए उनके पिता के साथ में गया था। उन्हें मानसिक रोग की समस्या थी। हमारे यहां किराएदार है जो प्रीति को सूई लगाने के लिए आता था। डॉक्टर के पास जाने पर प्रीति असंतुलित व्यवहार करती थी। वहीं, रविंद्र के भाई सरजू द्विवेदी का कहना है कि शादी के बाद प्रीति के पिता से कहा कि सहयोग करिए, लेकिन कभी सहयोग नहीं किया। मामले में हाईकोर्ट के जज से शिकायत करूंगा। सवाल: क्या प्रीति के ऊपर कर्ज अधिक था कि वह तनाव में रहती थी? उत्तर: प्रीति के ऊपर कोई कर्ज नहीं था। अरावली एंक्लेव का जो फ्लैट रविंद्र ने खरीदा था। उसपर करीब 85 लाख रूपए का लोन था। ऐसे में सेवानिवृत्त जज एसपी तिवारी ने कहा कि आरोपी प्रीति के ऊपर पैसे देने का दबाव बनाता था। इसमें तुरंत पैसा देने की बात कहता था। इसके लिए प्रीति के नाम के फ्लाट को देने का दबाव बनाता था। जबकि 40 लाख से अधिक का जेवर लॉकर में रखने पर नाराजगी व्यक्त करता था। वहीं, प्रीति के नाम पर 15 लाख की एफडी, पीपीएफ एकाउंट से पैसे निकालने सहित कई किस्तों में रूपए देने की बात प्रीति के मां-बाप ने कही है। एक दिन पहले भी प्रीति के मां-बाप फ्लैट पर पहुुंचे थे। ऐसे में उन्हें बच्चों और प्रीति से आरोपी ने मिलने नहीं दिया। गालीगलौच किया। जिसके बाद वे लौट गए और उसके दूसरे दिन यह घटना हो गई। सवाल: पति से कैसा रिश्ता था क्या ऐसी कंडीशन थी कि उसकी हत्या कर सकता था? उत्तर : प्रीति के पिता एसपी तिवारी बताते हैं कि दामाद रविंद्र कुमार पांडेय बेटी को प्रताड़ित करता था। आए दिन रूपए की मांग करता था। मां कहती हैं कि उसने बेटी से शादी नहीं की थी। उसे बस पैसा निकालने के लिए पूरा परिवार इस्तेमाल करता था। ऐसे में बेटी से कई बार घर आने की बात पिता और कहते थे। तो प्रीति कहती थी
लखनऊ में रिटायर्ड एडिशनल जज की बेटी प्रीति की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो चुकी है। 10वीं मंजिल से गिरने के कारण शव क्षत-विक्षत हो गई थी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत की वजह हेड इंजरी बताई जा रही है। मृतका की बेटी ने दामाद पर हत्या का आरोप लगाया है। पुलिस ने केस दर्ज कर मामले की जांच शुरू की है। आरोपी पति पुलिस की हिरासत में है और जांच टीम ने पड़ताल शुरू कर दी है। प्रीति की मौत की जांच हत्या और आत्महत्या के बीच की जा रही है। ऐसे में घटना से जुड़े 5 अहम सवालों का जवाब तलाशने की कोशिश की गई। दैनिक भास्कर टीम ने सोसाइटी के लोगों और एक्सपर्ट्स से बात की। पति को निर्दोष बता रहे लोग, विवाद की बात मानी
बातचीत के दौरान सोसाइटी के अधिकतर लोग रविंद्र कुमार द्विवेदी को निर्दोष बता रहे हैं। उनका कहना है कि उन्होंने हत्या नहीं की है। वह निर्दोष हैं। हां, मानसिक प्रताड़ना और घर में झगड़ा होने के मुद्दे पर बात करने से लोग किनारा कर रहे हैं। जानकारी के मुताबिक करीब दो साल से अधिक समय से यह परिवार अरावली एनक्लेव सोसायटी में रह रहा है, लेकिन सोसायटी का कोई व्यक्ति इस दौरान रविंद्र के घर नहीं गया था। प्रीति से मां-बाप को नहीं मिलने देने पर क्या बोले लोग
सोसायटी के कार्डिनेटर सांवलिया सिंह ने कहा कि लेडीज को दिक्कत थी। वह मानसिक रूप से दिक्कत में रहती थी। पति हजरतगंज स्थित ऑफिस में थे। फोन के बाद वह मौके पर पहुंचे थे। लोन के पैसे के दबाव के लिए उन्होंने कहा कि इसके लिए हम नहीं बता सकते। एक दिन पहले परिजनों के आने पर परिजनाें से नहीं मिलने देने पर कहा कि इसके लिए उन्हें पुलिस से शिकायत करनी चाहती थी। बी-11 में सिंगल फ्लैट में यही रहते थे। उन्होंने कहा कि बच्चों ने कहा कि मम्मी छोटे बेटे का चप्पल ढूढ़ने के लिए निकली थी। 40 फ्लैट की 10 मंजिल की बिल्डिंग में वह अकेले रहते थे। उनका कहना है कि तीन बार मेरी याद में वह तीन बार घर से निकल गई थी। इसके बाद उन्हें ढूंढा गया था। वहीं, अनूप कुमार मिश्रा शि्फटिंग के पहले रविंद्र के घर गए थे, लेकिन उसके बाद कभी नहीं गए। नित्यानंद पांडेय ने कहा कि सोसायटी के लोगों से पता चला घटना के बारे में। उनका कहना है कि कभी घर नहीं गए थे। अनिल कुमार सिंह का कहना है कि बी 11 की तरफ पहुंचे तो देखा कि कोई गिरा हुआ था। पुलिस मौके पर आ गई थी। सोसायटी में किसी परिवार के यहां पर इस परिवार का आना जाना नहीं था। दैनिक भास्कर की तरफ से मामले में घटना स्थल पर पड़ताल की गई। इसमें कई बात सामने आई है। पांच सवालों में समझिए जज के बेटी की हत्या है या सुसाइड सवाल: क्या प्रीति 10 वें फ्लाेर से कूदी ? या उसे फेंका गया ? उत्तर : घटना से कुछ देर पहले करीब 3:30 बजे प्रीति अपने दोनों बच्चों के साथ में सोसायटी में टहल रही थी। सोसायटी में काम करने वाले लोगों का कहना है कि वह इस दौरान स्वस्थ लग रही थी। इसके बाद वह दोनों बच्चों के साथ लिफ्ट से फ्लैट में गई। यहां से करीब 5 बजकर 16 मिनट पर वह लिफ्ट से 10 वीं मंजिल पर पहुंचकर छत पर चली जाती है। थोड़ी देर बाद करीब 5 बजकर 20 मिनट पर गिरने की आवाज आती है। जबकि करीब चार फीट की रेलिंग से कोई गिर नहीं सकता है। ऐसे में सवाल उठता है कि उस डेढ़ घंटे के बीच में ऐसा क्या हुआ कि अचानक प्रीति ने ऐसा कदम उठाया? या फिर वह 10 मंजिल पर क्यों गई? इस बीच उसने किसी से क्या बात की? सोसायटी के कार्डिनेटर सावलिया सिंह बताते हैं कि बड़े बेटे ने बताया कि मम्मी छोटे भाई का चप्पल लेने के लिए घर से बाहर निकली थी। वहीं, सोसायटी के सीसीटवी फुटेज देखने और पति रविंद्र कुमार द्विवेदी के बैंक में होने के कारण प्रथम दृष्टिया ऐसा लग रहा कि रविंद्र कुमार द्विवेदी ने उसको धक्का नहीं दिया है। लेकिन क्या प्रीति को मानसिक रूप से प्रताड़ित कर उसे ऐसा करने के लिए उकसाया गया। यह जांच का विषय है। सवाल: क्या प्रीति को बीमारी थी? उत्तर : हां, प्रीति सिज़ोफ्रेनिया से पीड़ित थी। उसका निर्वाण अस्पताल में उपचार भी चल रहा था। रिटायर्ड जज एसपी तिवारी और रविंद्र द्विवेदी के परिचित अजय सिंह का कहना है कि मैं, रविंद्र सिंह को 14 -15 साल से जानता हूं। मैं,प्रीति को कई बार सूई लगवाने के लिए उनके पिता के साथ में गया था। उन्हें मानसिक रोग की समस्या थी। हमारे यहां किराएदार है जो प्रीति को सूई लगाने के लिए आता था। डॉक्टर के पास जाने पर प्रीति असंतुलित व्यवहार करती थी। वहीं, रविंद्र के भाई सरजू द्विवेदी का कहना है कि शादी के बाद प्रीति के पिता से कहा कि सहयोग करिए, लेकिन कभी सहयोग नहीं किया। मामले में हाईकोर्ट के जज से शिकायत करूंगा। सवाल: क्या प्रीति के ऊपर कर्ज अधिक था कि वह तनाव में रहती थी? उत्तर: प्रीति के ऊपर कोई कर्ज नहीं था। अरावली एंक्लेव का जो फ्लैट रविंद्र ने खरीदा था। उसपर करीब 85 लाख रूपए का लोन था। ऐसे में सेवानिवृत्त जज एसपी तिवारी ने कहा कि आरोपी प्रीति के ऊपर पैसे देने का दबाव बनाता था। इसमें तुरंत पैसा देने की बात कहता था। इसके लिए प्रीति के नाम के फ्लाट को देने का दबाव बनाता था। जबकि 40 लाख से अधिक का जेवर लॉकर में रखने पर नाराजगी व्यक्त करता था। वहीं, प्रीति के नाम पर 15 लाख की एफडी, पीपीएफ एकाउंट से पैसे निकालने सहित कई किस्तों में रूपए देने की बात प्रीति के मां-बाप ने कही है। एक दिन पहले भी प्रीति के मां-बाप फ्लैट पर पहुुंचे थे। ऐसे में उन्हें बच्चों और प्रीति से आरोपी ने मिलने नहीं दिया। गालीगलौच किया। जिसके बाद वे लौट गए और उसके दूसरे दिन यह घटना हो गई। सवाल: पति से कैसा रिश्ता था क्या ऐसी कंडीशन थी कि उसकी हत्या कर सकता था? उत्तर : प्रीति के पिता एसपी तिवारी बताते हैं कि दामाद रविंद्र कुमार पांडेय बेटी को प्रताड़ित करता था। आए दिन रूपए की मांग करता था। मां कहती हैं कि उसने बेटी से शादी नहीं की थी। उसे बस पैसा निकालने के लिए पूरा परिवार इस्तेमाल करता था। ऐसे में बेटी से कई बार घर आने की बात पिता और कहते थे। तो प्रीति कहती थी कि यह बात आपको पहले सोचनी चाहिए थी। शादी करने के पहले। वहीं, सोसायटी के लोग ऑन कैमरा भले ही दोनों के बीच में झगड़ा होने की बात को स्वीकार नहीं कर रहे, लेकिन सोसायटी में कई बार दोनों के बीच में झगड़े की स्थिति होती थी। ऐसा सोसायटी में काम करने वाले लोग भी कह रहे, लेकिन नाम बताने की शर्त पर वह इंकार कर रहे। ऐसे में परिवार की स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई थी। सवाल: लाश जिस स्थिति में पाई गई। या घटना स्थल पर जो साक्ष्य मिले हैं,उसमें फारेंसिक लिहाज से एक्सपर्ट क्या कहते हैं? यह हत्या है या सुसाइड ? उत्तर : पुलिस की फारेंसिक टीम मामले की जांच पड़ताल करने में जुटी है। फिलहाल प्रीति के कूदने या गिरने के इर्द गिर्द पुलिस की जांच धूम रही है। इस दौरान प्रीति को उकसाने, प्रताड़ित करने सहित अन्य पहलुओं के आसपास भी पुलिस की जांच चल रही है। सोसायटी के सिक्योरिटी सुपरवाइजर रामबरन ने कहा कि गार्ड को तेज आवाज आई। तब तक बेटा आया उसने कहा कि कहीं मेरी मां को देखा तेज आवाज आई थी। मौके पर आए तो देखा कि शव पड़ा था। वह ऑन कैमरा लड़ाई झगड़ा की बात स्वीकार नहीं करते हैं, लेकिन ऑफ कैमरा कहते हैं कि झगड़ा आए दिन होता था। मौके पर सोसायटी में मौजूद सिक्योरिटी गार्ड जुबैर ने कहा कि घटना के बाद मौके पर पहुंचे तो महिला के दोनों बच्चे वहीं थे। इस दौरान कुछ मजदूर भी थे।