चंदौली में 83 उर्वरक केंद्रों से गायब हुई डीएपी खाद:किसानों के सामने बुआई को लेकर मंडरा रहा संकट, महंगी खाद खरीदने को मजबूर
चंदौली जिले के 83 उर्वरक केंद्रों पर वर्तमान में डीएपी की उपलब्धता नहीं है। पिछले लगभग दो महीनों से डीएपी की किल्लत के कारण सरसों, चना, मटर और आलू की बुवाई करने वाले किसान चिंतित हैं। इस स्थिति में, किसान निजी दुकानों से महंगे दामों पर खाद खरीदने को मजबूर हैं। कृषि विभाग के अधिकारियों का दावा है कि जल्द ही डीएपी की समस्या का समाधान किया जाएगा, लेकिन किसानों के सामने फसल की बुआई को लेकर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। सहकारी समितियों की भूमिका चंदौली में सहकारी समितियों और इफको सेवा केंद्रों को किसानों के लिए उर्वरक उपलब्ध कराने के लिए खोला गया है, ताकि किसान आसानी से उर्वरक प्राप्त कर सकें। लेकिन, जिले के इन 83 सहकारी समितियों और इफको सेवा केंद्रों पर डीएपी की कोई उपलब्धता नहीं है। इस स्थिति का सामना करते हुए, सरसों, मटर, चना और आलू की खेती करने वाले किसान मजबूरी में प्राइवेट दुकानों से डीएपी खरीदने को विवश हैं। इससे न केवल उन्हें आर्थिक क्षति उठानी पड़ रही है, बल्कि उन्हें कई तरह की परेशानियों का भी सामना करना पड़ रहा है। उच्च अधिकारियों से वार्ता कर उपलब्ध कराया जाएगा अगर यही हालात रहे, तो गेहूं की बुवाई के समय किसानों को डीएपी की कमी के लिए और अधिक परेशान होना पड़ सकता है। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि डीएपी की उपलब्धता के लिए उच्च अधिकारियों से वार्ता कर गेहूं के सीजन में इसे उपलब्ध कराया जाएगा, ताकि किसानों को गेहूं की बुवाई के दौरान किसी समस्या का सामना न करना पड़े। इस समस्या का समाधान जल्द किया जाएगा जिला कृषि अधिकारी विनोद कुमार यादव ने कहा कि डीएपी की उपलब्धता के लिए संबंधित अधिकारियों से बात कर इस समस्या का समाधान जल्द किया जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि अभी गेहूं की बुवाई के लिए समय शेष है, और विभाग का प्रयास है कि किसानों को समय पर डीएपी उपलब्ध कराई जा सके। इस प्रकार, चंदौली जिले में उर्वरक की कमी के कारण किसानों की चिंता बढ़ती जा रही है, और सभी की नजरें विभाग के अगले कदम पर टिकी हैं।
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