चारधाम यात्रा का पुनः आरंभ, मौसम में सुधार की उम्मीदें

देहरादून: उत्तराखण्ड में भारी बारिश के कारण पाँच दिनों तक स्थगित रही चारधाम यात्रा को आज से फिर से शुरू कर दिया गया है। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र (एसईओसी) ने यह जानकारी दी। मौसम विज्ञान विभाग, नई दिल्ली की चेतावनी के बाद यात्रियों की सुरक्षा के लिए 1 सितंबर से 5 सितंबर, 2025 तक यात्रा …

Sep 6, 2025 - 09:27
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चारधाम यात्रा का पुनः आरंभ, मौसम में सुधार की उम्मीदें
देहरादून: उत्तराखण्ड में भारी बारिश के कारण पाँच दिनों तक स्थगित रही चारधाम यात्रा को आज से फिर स

चारधाम यात्रा का पुनः आरंभ, मौसम में सुधार की उम्मीदें

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कम शब्दों में कहें तो, उत्तराखंड में चारधाम यात्रा, जो पिछले पाँच दिनों से भारी बारिश के चलते स्थगित थी, आज से फिर से शुरू हो गई है। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र (एसईओसी) ने इसकी जानकारी दी है।

देहरादून: उत्तराखंड के चारधाम यात्रा की प्रशासनिक व्यवस्था में आज एक महत्वपूर्ण बदलाव आया है। पिछले सप्ताह मौसम विज्ञान विभाग, नई दिल्ली की चेतावनी के बाद राज्य सरकार ने यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए 1 से 5 सितंबर, 2025 तक यात्रा एवं पंजीकरण को स्थगित करने का निर्णय लिया था। इस दौरान चमोली, चंपावत, देहरादून, नैनीताल, पौड़ी, पिथौरागढ़, रुद्रप्रयाग, टिहरी और उत्तरकाशी जिलों में भारी बारिश की संभावना थी, जिससे जलभराव और अन्य सुरक्षा संबंधी समस्याएँ उत्पन्न हो सकती थीं।

चारधाम यात्रा

हालांकि, अब मौसम में सुधार को देखते हुए, 6 सितंबर, 2025 से यात्रा के लिए पंजीकरण और यात्रा का संचालन फिर से आरंभ हो गया है। हालांकि, इस बार जिलाधिकारी उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग और चमोली को यह अधिकार दिया गया है कि वे स्थानीय मौसम और परिस्थितियों के अनुसार यात्री की आवाजाही पर निर्णय लें। यदि आवश्यक समझें तो वे यात्रियों को यात्रा से रोक भी सकते हैं।

यात्रियों को दी गई सलाह

यात्रियों को सलाह दी गई है कि वे यात्रा से पहले मौसम की जानकारी अवश्य लें और स्थानीय प्रशासन के निर्देशों का पालन करें। यात्रा के दौरान किसी भी प्रकार की असुविधा से बचने के लिए उन्हें सजग रहना चाहिए। इसके अलावा, कृपया अपने सभी जरूरी सामान जैसे कि दस्तावेज, दवा, और अन्य आवश्यक चीजें साथ लेकर चलें।

चारधाम यात्रा के महत्व

चारधाम यात्रा का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व भी है। यह यात्रा चार पवित्र स्थलों, यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ की ओर जाती है। हर साल लाखों तीर्थ यात्री यहां अपनी धार्मिक आस्था के चलते आते हैं। यह न केवल आस्था का प्रतीक है, बल्कि उत्तराखंड की प्राकृतिक सुन्दरता को भी दर्शाता है।

यात्रियों को यह ध्यान रखना चाहिए कि पहाड़ी क्षेत्रों में मौसम तेजी से बदल सकता है। इसलिये, यात्रा के दौरान मौसम की चेतावनियों पर ध्यान देना आवश्यक है। प्रशासकों ने कहा है कि वे यात्रियों की सुरक्षा के प्रति सजग हैं और आवश्यकतानुसार उपाय करेंगे।

अगर आप चारधाम यात्रा की हालिया स्थिति के बारे में अधिक जानकारी चाहते हैं, तो कृपया हमारी वेबसाइट पर जाएं India Twoday पर।

इस प्रकार चारधाम यात्रा का फिर से आरंभ होना एक अच्छी खबर है, लेकिन यात्रियों को सावधानी बरतनी चाहिए। यात्रा की सुंदरता और धार्मिक महत्व को ध्यान में रखते हुए, हमें इसकी पूरी जानकारी और सावधानी बरतनी चाहिए।

साभार, टिम इंडिया टुवडे
सीमा शर्मा

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